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इस्लामाबाद: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बिना ‘भेदभाव’ के आतंकवाद का सफाया करने का संकल्प लिया और कहा कि ‘तय लक्ष्यों’ को हासिल करने तक यह कार्रवाई जारी रहेगी। शरीफ ने प्रधानमंत्री आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें ‘रद्द-उल-फसाद’ सैन्य अभियान की समीक्षा की गई। पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादियों के खिलाफ यह अभियान शुरू किया है। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में बहुत कुर्बानियां दी हैं। हम आतंकवाद का बिना भेदभाव के सफाया करने की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग हैं और इसके लिए सभी कदम उठाना हमारा फर्ज है।’ बैठक में शामिल लोगों ने आतंकवाद एवं चरमपंथ के खिलाफ आक्रामक अभियान जारी रखने पर सहमति जताई। उन्होंने सर्वसम्मति से यह संकल्प लिया कि ‘तय लक्ष्यों’ को हासिल करने तक यह कार्रवाई जारी रहेगी।

वाशिंगटन: अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद ने कहा है कि पाकिस्तान को अपने 600 देवबंदी मदरसों को बंद करने के बारे में गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिकी कांग्रेस और ट्रम्प प्रशासन को लगता है कि ऐसे स्कूल आतंकवादियों के पनपने का स्थल हैं। वाशिंगटन के यूएस कैपिटोल में कल नयी दिल्ली के थिंक-टैंक ‘विवेकानंद इंटनेशनल फाउंडेशन’ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में सांसद एड रॉयस ने कहा, ‘मेरे विचार में, ऐसा मत है कि पाकिस्तान को देवबंदी मदरसों को बंद करने के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए। ऐसे करीब 600 मदसरे हैं जो लोगों को बरगलाते हैं और ये लोग या तो जिहाद के पक्ष में दलीलें देते रहते हैं या जिहाद करते हैं।’ हाउस फोरेन रिलेशंस कमेटी के अध्यक्ष ने कहा, ‘पाकिस्तान को लश्कर-ए-तैयबा जैसे समूहों पर कार्रवाई करने के साथ ऐसे परिसरों को भी बंद करने की जरूरत है। पाकिस्तान को यह समझने की आवश्यकता है कि अगर वह (पाकिस्तान) आतंकवादी हमलों के दोषियों को न्याय के कटघरे में नहीं लाता है तो उसे इन दोषियों को हेग को सौंप देना चाहिए, ताकि अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण में उनके खिलाफ सुनवाई हो सके और न्याय दिया जा सके।’ भारत एवं भारतीय अमेरिकियों पर कांग्रेशनल कॉकस के संस्थापक सदस्य रॉयस ने कहा कि कांग्रेस और नया प्रशासन कुछ नये मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

क्‍वालालम्‍पुर: उत्‍तर कोरिया के नेता के सौतेले भाई किम जोंग नाम की हत्या को लेकर प्योंगयांग एवं क्‍वालालम्‍पुर के बीच चल रही राजनयिक तनातनी के बीच इस मामले में गिरफ्तार किए गए एकमात्र उत्तर कोरियाई को रिहा कर दिया गया। अटॉर्नी जनरल मोहम्मद अपांडी अली ने कल घोषणा की थी कि री जोंग चोल के खिलाफ आरोप तय करने के लिए अपर्याप्त सबूत हैं और उसे शुक्रवार को रिहा कर दिया जाएगा। इस घोषणा के एक दिन बाद 47 वर्षीय चोल को रिहा कर दिया गया। बुलेट प्रूफ जैकेट पहने चोल के वाहन के साथ पुलिस की छह कारों का काफिला था और मोटरसाइकिलें भी साथ चल रही थीं। जिस पुलिस थाने में चोल को रखा गया था, वहां से इस काफिले के निकलने पर सड़कों को सील कर दिया गया था। एक पुलिस अधिकारी ने अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि चोल को प्रशासनिक राजधानी पुत्राजया में आव्रजन प्राधिकारियों को सौंप दिया गया। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि उसे कब उसके देश भेजा जाएगा क्योंकि कुछ यात्रा दस्तावेजों संबंधी मामलों से निपटा जाना बाकी है। चोल की रिहाई से दो दिन पहले एक इंडोनेशियाई और एक वियतनामी महिला पर उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के सौतेले भाई किम जोंग नाम की घातक नर्व एजेंट की मदद से हत्या करने का आरोप लगाया गया था।

वाशिंगटन: अमेरिका के अटॉर्नी जनरल जेफ सेशंस ने वर्ष 2016 में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव के दौरान रूसी अधिकारियों के साथ अपने कथित संबंधों की किसी भी जांच से खुद को अलग कर लिया है। सेशंस ने एक बयान में कहा, ‘मैंने अमेरिकी चुनाव अभियान से संबंधित किसी भी तरह की मौजूदा या भविष्य में की जाने वाली जांच से खुद को अलग करने का निर्णय लिया है।’ उनका यह बयान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें जेफ सेशंस पर पूरा भरोसा है और उन्हें रूसी जांच से खुद को अलग नहीं करना चाहिए। बहरहाल सेशंस ने ट्रंप की इच्छा के विरूद्ध जाने का निर्णय लिया । सेशंस ने कहा, ‘ घोषणा को इस तरह नहीं लेना चाहिए कि ऐसी कोई जांच चल रही है तो यह उसकी पुष्टि है या फिर भविष्य में ऐसी कोई जांच कराये जाने की कोई संभावना है। ’उन्होंने कहा, ‘ व्यवस्था के अनुरूप कार्यवाहक उप अटॉर्नी जनरल और पूर्वी वर्जीनिया जिले के अमेरिकी अटॉर्नी डेन बोनेट उन सभी मामलों में अटॉर्नी जनरल के दायित्वों का निर्वाह करेंगे, जिनसे मैंने खुद को अलग कर लिया है । ’

 

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