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नई दिल्ली: बिहार में राजधानी पटना सहित कई क्षेत्रों में शुक्रवार को मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा समेत कई नदियों, जलाशयों में हजारों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद दान-पुण्य किए। हालांकि, बिहार के कुछ क्षेत्रों में गुरुवार को भी मकर संक्रांति मनाई गई थी। पटना में गंगा स्नान के लिए लोग गुरुवार की शाम से ही जुटने लगे थे। शुक्रवार सुबह ठंड के बावजूद लोगों ने गंगा के विभिन्न घाटों पर पहुंचकर स्नान किया। मकर संक्रांति के अवसर पर बक्सर, भागलपुर, मुजफ्फरपुर समेत कई क्षेत्रों में भी लोगों ने नदियों व जलाशयों में डुबकी लगाई। ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा में डुबकी लगाने और गंगा तट पर तिल का दान करने से सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है। विद्वानों के मुताबिक, इसी दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है और दक्षिणायण से उत्तरायण की ओर जाता है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी भी जनहित याचिका को सुनवाई शुरू होने के बाद वापस नहीं लिया जा सकता। केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध के खिलाफ याचिका दायर करने वाले वकील को 500 से भी ज़्यादा बार धमकियां मिलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश में संविधान के मुताबिक आदेशों का पालन कराना हमें आता है, लेकिन जनता के हितों और अधिकारों से जुड़े मामलों में याचिका वापस नहीं ली जा सकती। एक बार सुनवाई शुरू हो जाने के बाद याचिकाकर्ता तो बदल सकता है, लेकिन सुनवाई बंद नहीं होगी, और ऐसी हालत में कोर्ट एमिकस क्यूरी (कोर्ट की मदद के लिए कोर्ट द्वारा नियुक्त किया गया वकील) नियुक्त कर सकता है। दरअसल, वर्ष 2006 में एक अन्य वकील के साथ मिलकर केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध के खिलाफ याचिका दायर करने वाले इंडियन यंग लॉयर एसोसिएशन के अध्यक्ष नौशाद अहमद खान ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्हें 500 से भी ज़्यादा बार फोन पर याचिका वापस लेने के लिए धमकी दी गई।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी भी जनहित याचिका को सुनवाई शुरू होने के बाद वापस नहीं लिया जा सकता। केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध के खिलाफ याचिका दायर करने वाले वकील को 500 से भी ज़्यादा बार धमकियां मिलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश में संविधान के मुताबिक आदेशों का पालन कराना हमें आता है, लेकिन जनता के हितों और अधिकारों से जुड़े मामलों में याचिका वापस नहीं ली जा सकती। एक बार सुनवाई शुरू हो जाने के बाद याचिकाकर्ता तो बदल सकता है, लेकिन सुनवाई बंद नहीं होगी, और ऐसी हालत में कोर्ट एमिकस क्यूरी (कोर्ट की मदद के लिए कोर्ट द्वारा नियुक्त किया गया वकील) नियुक्त कर सकता है। दरअसल, वर्ष 2006 में एक अन्य वकील के साथ मिलकर केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध के खिलाफ याचिका दायर करने वाले इंडियन यंग लॉयर एसोसिएशन के अध्यक्ष नौशाद अहमद खान ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्हें 500 से भी ज़्यादा बार फोन पर याचिका वापस लेने के लिए धमकी दी गई।

नई दिल्ली: मौलाना मसूद अजहर ने जैश ए मोहम्मद के ऑनलाइन मुखपत्र में लिखा है कि जैश के खिलाफ कार्रवाई करके पाकिस्तान की सरकार जिस रास्ते पर चल रही है वह देश के लिए काफी खतरनाक है। एक अंग्रेजी समाचार पत्र में छपी खबर के अनुसार, मुखपत्र अल कलाम में छपे लेख में उसने कहा है कि मस्जिदों, मदरसों और जिहाद के खिलाफ उठाया गया सरकार का कदम पाकिस्तान की एकता और अखंडता के लिए खतरा है। अजहर के हिरासत में लिए जाने की खबरें आने के समय यह लेख प्रकाशित किया गया। उसने लिखा है कि उसे न तो अपनी गिरफ्तारी की परवाह है न ही मारे जाने की। उसकी मौत से न तो उसके दोस्त ही उसे भूल पाएंगे और न ही उसके दुश्मन। एक सेना...जो मौत को प्यार करती है, वो तैयार हो चुकी है।

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