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नई दिल्ली (नरेन्द्र भल्ला): दिवाली से पहले ही देश में सोने की कीमत ने रिकॉर्ड ऊंचाई को छूकर कारोबारी-जगत से लेकर तमाम लोगों को चौंका दिया है। गुरुवार यानि 24 अक्टूबर को दिल्ली समेत सभी प्रमुख शहरों में 24 कैरेट सोने का भाव 84 हजार रुपये प्रति दस ग्राम को पार कर गया। सर्राफा बाजार के जानकारों के मुताबिक धन तेरस पर यह पीली धातु एक नया रिकॉर्ड बना सकती है। लेकिन इसकी कीमत में एकाएक इतनी जबरदस्त तेजी क्यों आई, इसे समझना इसलिये भी जरुरी है कि महज पिछले दो महीने 10 दिन में ही इसमें 11 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम से भी ज्यादा की बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है।

दरअसल,सोने की कीमत इतनी तेजी से बढ़ने के पीछे दो-तीन बड़ी वजह हैं,जिसे देखते हुए ये अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले कुछ महीने इस पर लगाम लगना बेहद मुश्किल है। त्यौहार का सीजन और शादियों के अलावा दुनिया के कुछ हिस्सों में जारी युध्द ने भी इसकी कीमत को उम्मीद से ज्यादा उछाला है। इसके अलावा भारत ने फिर से सोने का भंडार बढ़ाया है।

इस बार के बजट में सोने पर कस्टम ड्यूटी में कमी की गई थी जिससे सोने की कीमत में तेज गिरावट आई थी। उस समय सोना 70 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम से नीचे आ गया था। लेकिन बीते अगस्त से ही सोने में फिर से तेजी दिखाई देनी शुरू हो गई थी।

हालांकि इस कारोबार-जगत से जुड़े कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि अमेरिकी में बढ़ रही मंदी को देखते हुए अमेरिकी रिजर्व बैंक (फेड रिजर्व बैंक) द्वारा ब्याज दरों में कटौती का एलान करना भी कीमतों में बढ़ोतरी की एक वजह हो सकती है। अमेरिका में होने वाले चुनाव को देखते हुए वहां की सरकार पर भी इसे कंट्रोल करने के लिए ब्याज दरों को कम करने का दबाव बना हुआ था। पिछले कुछ अरसे में अमेरिकी डॉलर में भी गिरावट देखने को मिली है।

इसके अलावा दुनिया के कई देशों में जारी युद्ध ने भी सोने की कीमतों को नई बुलंदी पर ला खड़ा किया है। रूस-यूक्रेन के अलावा मिडिल ईस्ट में इजरायल-फिलिस्तीन-ईरान-लेबनान के बीच बढ़ता जा रहा तनाव भी प्रमुख हैं। सामरिक जानकारों का आकलन है कि आने वाले दिनों में युद्ध के हालात और खराब हो सकते हैं जिसके चलते सोने की कीमत में और तेजी आ सकती है। ऐसे हालात देखकर ही दुनिया के कई सेंट्रल बैंकों ने लगातार सोना खरीदा है और इससे भी गोल्ड की कीमत बढ़ती चली गई। अंतराष्ट्रीय स्तर पर ये भी माना जा रहा है कि युद्ध के हालातों को देखते हुए कई देश फिर से सोने का भंडार बढ़ा सकते हैं। अगर ऐसा हुआ,तो सोने में फिर से तेजी देखने को मिलेगी।

शायद इसीलिए लोग डर रहे हैं कि कहीं ऐसा न हो कि आने वाली पीढ़ियों के लिए यह पीली धातु खरीदने की नहीं बल्कि सिर्फ दूर से देखने की वस्तु ही बनकर न राह जाये।

 

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