वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले डोनाल्ड ट्रंप साल 2025 में 20 जनवरी को दोबारा राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। अपनी सरकार को प्रभावी और कुशल बनाने की दिशा में उन्होंने कई अहम फैसले लेने अभी से शुरू कर दिए हैं। इसी क्रम में ट्रंप ने एलन मस्क और विवेक रामास्वामी को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशियंसी (डीओजीई) की जिम्मेदारी सौंपी है.
मस्क और रामास्वामी निभाएंगे डीओजीई की भूमिकाएं
डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशियंसी (डीओजीई) का मुख्य उद्देश्य सरकारी कार्यों में सुधार, नौकरशाही में कटौती और संघीय एजेंसियों की संरचना में बदलाव करना है। ट्रंप के अनुसार, यह विभाग सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने अनावश्यक खर्चों में कमी लाने और गैर-जरूरी नियमों को हटाने के लिए काम करेगा। ट्रंप ने इसे अपनी “सेव अमेरिका मूवमेंट” का अहम हिस्सा बताया है और कहा कि यह संभवतः हमारे समय का “द मैनहट्टन प्रोजेक्ट” बन सकता है। टेस्ला और स्पेस एक्स के प्रमुख एलॉन मस्क और भारतीय मूल के व्यवसायी और उद्यमी विवेक रामास्वामी को डीओजीई विभाग की जिम्मेदारी दी गई है।
अपने इनोवेटिव और प्रभावी सोच के लिए पहचाने जाने वाले एलॉन मस्क इस विभाग में टेक्नोलॉजी और प्रौद्योगिकी आधारित सुधारों पर काम करेंगे, जिससे सरकारी सेवाओं को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाया जा सके। अपने साफ-सुथरे विचारों और बिजनेस स्कील के लिए प्रसिद्ध विवेक रामास्वामी सरकारी खर्चों में कटौती और एजेंसियों के पुनर्गठन पर फोकस करेंगे।
मस्क और रामास्वामी की प्रतिक्रिया
एलॉन मस्क ने अपनी नियुक्ति पर उत्साह व्यक्त करते हुए डीओजीई को अमेरिका में सरकारी कार्यों में सुधार का एक अहम कदम बताया। वहीं विवेक रामास्वामी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वे इस जिम्मेदारी को हल्के में नहीं लेंगे और इसे गंभीरता से लेंगे। उन्होंने एलॉन मस्क के साथ मिलकर इस विभाग को प्रभावी बनाने का संकल्प लिया है।
क्या है ट्रंप का लक्ष्य
ट्रंप की इस नई नियुक्ति से यह स्पष्ट होता है कि वे अपनी सरकार को एक कुशल, पारदर्शी और लागत-संवेदनशील प्रशासन में बदलने का इरादा रखते हैं। रिपब्लिकन नेताओं ने लंबे समय से डीओजीई के लक्ष्यों को पाने की कल्पना की है और ट्रंप के नेतृत्व में इसे आकार मिलता दिख रहा है।