ताज़ा खबरें
केजरीवाल की पद पर वापसी तक उनके मार्गदर्शन में काम करुँगी:आतिशी
भाजपा झूठ का सहारा ले रही, मुझे चुप कराने के लिए बेताब हैं: राहुल
आतिशी ने ली दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ, पांच विधायक बने मंत्री

नई दिल्ली: हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रावास में खुदकुशी करने वाले दलित शोधार्थी रोहित वेमुला की मां राधिका ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मति ईरानी पर सीधा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री ने संसद के भीतर रोहित की मौत के मुददे पर सरासर झूठ बोला। राधिका ने यह भी कहा कि स्मति ईरानी और रोहित की मौत के लिए जिम्मेदार दूसरे लोगों के लिए उम्रकैद की सजा भी पर्याप्त नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरानी और बंडारू दत्तात्रेय के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो भाजपा मिट्टी में मिल जाएगी। आरोप है कि केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए रोहित के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी और इसको लेकर पत्र लिखे थे। राधिका ने कहा, स्मति ईरानी यह सीरियल नहीं, रियल लाइफ है। तथ्य सामने लाइए, उनको तोड़-मरोड़कर पेश मत करिए। आप कितने माता-पिता को पीडि़त होते देखना चाहती हैं। ईरानी ने संसद में इस मुद्दे पर बोलते समय कई बार झूठ बोला।

नई दिल्ली: रोहित वेमुला खुदकुशी मामले में आज राज्यसभा में बसपा प्रमुख मायावती और शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी के बीच फिर तीखी झड़प हुईं। मायावती ने स्मृति को घेरते हुए कहा, 'मैं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के जवाब से संतुष्ट नहीं हूं, अब क्या आप अपना वादा निभाएंगी?' इस पर स्मृति ने उन्हें जवाब देते हुए कहा कि मैंने तो आपके कार्यकर्ताओं से कहा था कि आएं और सिर काट कर ले जाएं।' राज्यसभा में मायावती ने कहा कि रोहित मामले पर सरकार चुप्पी साधे हुए है। इस केस में गठित कमेटी में एक भी दलित शामिल नहीं है। मैं आपके जवाब से संतुष्ट नहीं हूं। क्या अब आप सिर कलम करने का अपना वादा निभाएंगी? मायावती ने अपना भाषण जारी रखते हुए कहा कि आरएसएस के कट्टर समर्थक इसके पीछे बताए जा रहे हैं। मायावती ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जो जांच कमेटी में इकलौते सदस्य हैं, वो दलित जाति के नहीं हैं। एक से ज्यादा भी अधिकारी कमेटी में रखे जा सकते थे, इससे सरकार की दलित विरोधी नीति साफ तौर पर नज़र आती है।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): विपक्षी दलों ने आज राज्यसभा में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी से सदन के बाहर देवी-देवता के बारे में की गयी आपत्तिजनक टिप्पणियों को सदन में पढने के लिए उनसे माफी मांगने को कहा। वहीं स्मृति इन मांगों से अप्रभावित रहीं तथा उन्होंने दावा किया कि वह एक आस्थावान हिन्दू हैं और दुर्गा मां की पूजा करती हैं। मानव संसाधन मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि उन्होंने जेएनयू से प्रमाणित दस्तावेजों को पढा क्योंकि उनसे बार बार यह पूछा गया कि राष्ट्र विरोधी कृत्यों वाले छात्रों के खिलाफ क्या सबूत हैं तथा ऐसे छात्रों को कुछ दल गरिमा प्रदान कर रहे हैं। इस पर विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह एक बेहद गंभीर मुद्दा है तथा मंत्री ने कल जो कहा उसके लिए माफी मांगनी चाहिए। आजाद ने कहा कि कई धार्मिक गुरू के बारे में अभियान चलाया जाता है किन्तु उसे सदन में नहीं उठाया जा सकता। स्मृति का बचाव करते हुए संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों पर हमला बोला और कहा कि अब यह एक चलन बन गया है कि वे हर सत्र में अल्पकालिक चर्चा, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और हर बात पर माफी मांगने की बात करते हैं तथा उन्हें विधायी कामकाज में कोई रूचि नहीं है।

दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है, जिसमें उन तीन वकीलों के खिलाफ एसआईटी जांच और अवमानना कार्रवाई शुरू करने की मांग की गई है, जो कैमरे में यह ‘शेखी बघारते हुए’ कैद हो गए थे कि उन्होंने पटियाला हाउस अदालत परिसर में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार तथा पत्रकारों सहित अन्य लोगों की पिटाई की थी। जस्टिस जे. चेलमेश्वर और जस्टिस एएम सप्रे की पीठ ने इन तीनों वकीलों को भी नोटिस जारी किया, जो कथित तौर पर एक स्टिंग ऑपरेशन में शेखी बघारते पकड़े गए थे। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई चार मार्च के लिए तय कर दी। शुरू में पीठ अधिवक्ता कामिनी जायसवाल द्वारा दायर याचिका पर यह कहते हुए नोटिस जारी करने की इच्छुक नहीं थी कि वह मुद्दे पर एक मामले की पहले ही सुनवाई कर रही है जो 10 मार्च को आएगा। पीठ ने कहा, ‘सवाल यह है कि एक और मामला लंबित है और जब तक उस मामले में कार्यवाही पूरी नहीं होती, क्या हमें इस नए मामले में अवमानना कार्यवाही शुरू करनी चाहिए?’ हालांकि बाद में इसने याचिका पर नोटिस जारी कर दिया।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख