नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): विपक्षी दलों ने आज राज्यसभा में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी से सदन के बाहर देवी-देवता के बारे में की गयी आपत्तिजनक टिप्पणियों को सदन में पढने के लिए उनसे माफी मांगने को कहा। वहीं स्मृति इन मांगों से अप्रभावित रहीं तथा उन्होंने दावा किया कि वह एक आस्थावान हिन्दू हैं और दुर्गा मां की पूजा करती हैं। मानव संसाधन मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि उन्होंने जेएनयू से प्रमाणित दस्तावेजों को पढा क्योंकि उनसे बार बार यह पूछा गया कि राष्ट्र विरोधी कृत्यों वाले छात्रों के खिलाफ क्या सबूत हैं तथा ऐसे छात्रों को कुछ दल गरिमा प्रदान कर रहे हैं। इस पर विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह एक बेहद गंभीर मुद्दा है तथा मंत्री ने कल जो कहा उसके लिए माफी मांगनी चाहिए। आजाद ने कहा कि कई धार्मिक गुरू के बारे में अभियान चलाया जाता है किन्तु उसे सदन में नहीं उठाया जा सकता। स्मृति का बचाव करते हुए संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों पर हमला बोला और कहा कि अब यह एक चलन बन गया है कि वे हर सत्र में अल्पकालिक चर्चा, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और हर बात पर माफी मांगने की बात करते हैं तथा उन्हें विधायी कामकाज में कोई रूचि नहीं है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने यह मुद्दा इसलिए उठाया क्योंकि उसके उपाध्यक्ष की राष्ट्र के खिलाफ गतिविधियों में शामिल लोगों का समर्थन करने के कारण आलोचना हो रही है। तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर राय ने कहा कि मां दुर्गा के बारे में जो कुछ भी कहा गया उसकी पूरे सदन की ओर से भर्त्सना की जानी चाहिए। इस मुद्दे पर अपनी व्यवस्था देते हुए उपसभापति पी जे कुरियन ने कहा कि सदन की यह परंपरा रही है कि यहां ऐसा कुछ भी नहीं उठाया जाता है जिसमें ईशनिंदा हो या वह किसी समुदाय के खिलाफ हो। उन्होंने सदस्यों को आश्वासन दिया कि वह रिकार्ड को देखेंगे और यदि ईशनिंदा संबंधी कुछ भी हुआ तो उसे रिकार्ड से हटा देंगे। भाजपा सदस्यों ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्षी दल इस मुद्दे को उठा रहा है क्योंकि जेएनयू में जाने के कारण उनके उपाध्यक्ष राहुल गांधी की आलोचना हो रही है। आज सदन की बैठक शुरू होते ही सदन में कांग्रेस के उप नेता आनन्द शर्मा ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि संविधान और सदन के नियम इस बात की इजाज़त नहीं देते हैं कि सदन में ऐसा कुछ भी उठाया जाए जिसमें ईशनिंदा हो और जिससे धार्मिक भावनाएं आहत होती हों। उन्होंने कहा कि स्मृति ने देवी दुर्गा के बारे में सदन में अपमानजनक टिप्पणियों को ज्यों का त्यों पढ दिया जिससे भावनाएं आहत हुई। उन्होंने आसन से इस बात पर व्यवस्था मांगी कि यदि किसी देवी-देवता या पैगंबर के बारे में संसद के बाहर कोई आपत्तिजनक टिप्पणी की जाती है तो क्या उसे सदन के भीतर पढा जा सकता है। इस मुद्दे पर जदयू के केसी त्यागी ने मांग की कि उन्होंने जो टिप्पणी सदन में पढी उसके लिए उन्हें बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए। उनकी इस मांग का अधिकतर विपक्षी सदस्यों ने समर्थन किया