ताज़ा खबरें
संभल हिंसा: सपा सांसद बर्क और पार्टी विधायक के बेटे पर मुकदमा
संसद में अडानी के मुद्दे पर हंगामा, राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित
संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा:अब तक 4 लोगों की मौत
निज्जर हत्याकांड: कनाडा में चार भारतीयों के खिलाफ सीधे होगा ट्रायल

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि देश की अर्थव्‍यवस्‍था को बढावा देने के लिए घोषित किये गये आर्थिक पैकेज की तीसरी किश्‍त में कृषि और इससे संबद्ध क्षेत्रों को राहत देने पर विशेष ध्‍यान दिया जाएगा। उन्‍होंने नई दिल्‍ली में इस पैकेज के बारे में संवाददाता सम्‍मेलन में बताया कि सरकार ने किसानों के कल्‍याण के लिए कई कदम उठाये हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि किसानों के लिए एक लाख करोड रूपये के कृषि बुनियादी ढांचा कोष की घोषणा की गई है। लॉकडाउन के दौरान किसानों से न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर 74 हजार तीन सौ करोड रूपये की कृषि उपज की खरीद की गई है।

वित्त मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्‍स्‍य संपदा योजना के माध्‍यम से मछुआरों के लिए 20 हजार करोड रूपये का प्रावधान किया गया है। उन्‍होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान दूध की मांग में 25 प्रतिशत की कमी हुई है। उन्‍होंने बताया कि दुग्‍ध उत्‍पादक किसानों के लिए पांच हजार करोड रूपये का विशेष प्रावधान किया गया है। मधुमक्‍खी पालन को बढावा देने के लिए पांच सौ करोड रूपये का प्रावधान किया जाएगा। श्रीमती सीतारामन ने बताया कि क्षेत्रीय मंडी का नेटवर्क तैयार किया जाएगा।

नई दिल्ली: विश्व बैंक ने शुक्रवार को कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर गरीब, कमजोर परिवारों को सामाजिक सहायता देने के भारत के प्रयासों में मदद के लिए एक अरब डॉलर की सहायता को मंजूरी दी। ये सहायता 'भारतीय कोविड-19 सामाजिक संरक्षण प्रतिक्रिया कार्यक्रम को प्रोत्साहनके रूप में दी जाएगी। इसके साथ ही विश्व बैंक ने कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए भारत को अब तक कुल दो अरब डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई है। पिछले महीने भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र की मदद के लिए एक अरब अमरीकी डालर की सहायता देने की घोषणा की गई थी।

भारत में वर्ल्ड बैंक के कंट्री डायरेक्टर जुनैद अहमद ने मीडिया के साथ एक बातचीत में कहा कि कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए दुनिया भर में सरकारों को अभूतपूर्व तरीके से लॉकडाउन और सामाजिक दूरी को लागू करना पड़ा है। हालांकि, वायरस के प्रसार को रोकने के लिए किए गए इन उपायों से अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हुई है और खासतौर से अनौपचारिक क्षेत्र में नौकरियां प्रभावित हुई हैं।

नई दिल्ली: कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से सुस्त हुई अर्थव्यवस्था और आम लोगों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की दूसरी किस्त का एलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कर रही हैं। नैशनल मीडिया सेंटर में एलान करते हुए वित्त मंत्री ने कहा आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए आज पैकेज का दूसरा किस्त पेश कर रही हूं। इसका फोकस प्रवासी मजदूरों, फेरीवालों, छोटे कारोबारियों और किसानों पर होगा।

वित्त मंत्री ने कहा, अगले दो महीने तक सभी प्रवासी मजदूरों को बिना कार्ड के ही 5 किलो प्रति व्यक्ति गेहूं या चावल और एक किलो चना प्रति परिवार देगी। इससे करीब 8 करोड़ प्रवासियों को फायदा होगा। इस पर करीब 3500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसका पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। वन नेशन वन राशन कार्ड को अगस्त 2020 तक लागू किया जाएगा। इससे 23 राज्यों को 67 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा। पीडीएस योजना के 83 फीसदी लाभार्थी इससे जुड़ जाएंगे। मार्च 2021 तक इसमें 100 फीसदी लाभार्थी जुड़ जाएंगे। देश के किसी भी कोने में लोग अपने राशन कार्ड से उचित मूल्य दुकान से राशन ले सकते हैं।

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच प्रधानमंत्री के निर्देश पर पीएम केयर्स फंड बनाया गया था। पीएम मोदी के आह्वान पर देश का खास से लेकर आम लोग जमकर दान दिए। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया है कि इस फंड से कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए 3100 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

वेंटिलेटर भी खरीदे जाएंगे

प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक इन 3100 करोड़ में से 2100 करोड़ रुपए से वेंटिलेटर खरीदे जाएंगे। साथ ही उनमें से 1000 करोड़ रुपए प्रवासी मजदूरों पर खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा लगभग 100 करोड़ रुपए वैक्सीन बनाने के लिए दिए जाएंगे।

आपको बता दें कि पीएम केयर्स फंड को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठाता रहा है। कांग्रेस की तरफ से इसकी ऑडिट की मांग लगातार की जा रही है। इस फंड को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी गई थी। कोरोना वायरस जैसी महामारी से निपटने के लिए बने पीएम केयर्स कोष के गठन की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख