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नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा की गई राशि की जांच पड़ताल में सरकार को करीब तीन से चार लाख करोड़ रुपये की आय में कर चोरी का पता चला है। यह राशि नोटबंदी के बाद 500, 1,000 रुपये के पुराने नोट जमा कराने की 50 दिन की अवधि में जमा कराई गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आयकर विभाग को इनकी जांच पड़ताल करने को कहा गया है जिसके बाद 3-4 लाख करोड़ रुपये की संदिग्ध कर- अपवंचना वाली राशि जमा कराने वालों को नोटिस भेजे जायेंगे। अधिकारी ने कहा, ‘हमारे पास अब काफी आंकड़े उपलब्ध हैं। इनके विश्लेषण से पता चलता है कि नोटबंदी के बाद 60 लाख से अधिक बैंक खातों में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि जमा कराई गई। इस दौरान कुल 7.34 लाख करोड़ रुपये की राशि बैंक खातों में जमा कराई गई।’उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों में विभिन्न बैंक खातों में 10,700 करोड़ रुपये से अधिक राशि जमा कराई गई। आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय सहकारी बैंकों में विभिन्न खातों में जमा कराई गई 16,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि की भी जांच परख कर रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि नोटबंदी के बाद 25,000 करोड़ रुपये निष्क्रिय पड़े बैंक खातों में जमा कराये गये जबकि आठ नवंबर 2016 के बाद 80,000 करोड़ रुपये के कर्ज का नकद राशि में भुगतान किया गया। उल्लेखनीय है कि सरकार ने आठ नवंबर 2016 को अचानक 500 और 1,000 रुपये के नोट चलन से वापस ले लिये थे।

नई दिल्ली: सरकार ने सोमवार को कहा कि पेट्रोल पंपों पर ग्राहकों के लिए बिना किसी अतिरिक्त खर्च के क्रेडिट या डेबिट कार्ड से ईंधन के भुगतान की सुविधा 13 जनवरी के बाद भी जारी रहेगी। सरकार का कहना है कि कार्ड से लेन-देन पर वाणिज्यिक-प्रतिष्ठान कटौती शुल्क (एमडीआर) का बोझ कौन उठाए, इस पर बैंकों और तेल कंपनियों के बीच बातचीत चल रही है। गौरतलब है कि कल पेट्रोलपंपों ने धमकी दे दी थी कि वे 13 जनवरी के बाद कार्ड से भुगतान लेना बंद कर देंगे क्यों कि बैंक उनसे कार्ड मशीन से भुगतान पर एक प्रतिशत एमडीआर शुल्क मांग रहे हैं। सरकार ने लाखों ग्राहकों के लिए संकट की इस स्थिति को टालने के एक दिन बाद यह बयान दिया है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यहां वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘वाणिज्यिक-प्रतिष्ठान कटौती शुल्क (एमडीआर) रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार ही लागू किया जाएगा। पर इसका बोझ किस पर पड़े, इस बारे में तेल विपणन कंपनियां और बैंकों के बीच बातचीत चल रही है।’ उन्होंने कहा, ‘हम कल ही आश्वासन दे चुके थे कि चूंकि पेट्रोल पंप मालिक कमीशन एजेंट के रूप में काम करते हैं, इस लिए हम उन पर कार्ड भुगतान खर्च का बोझ नहीं डालेंगे।’ बैंक बाद में सहमत हुए कि वे पांच दिन और एमडीआर में छूट देते रहेंगे। इसके बाद पेट्रोल पंपों ने कार्ड से भुगतान लेना बंद करने की अपनी योजना को 13 जनवरी तक टाल दिया था।

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नोटबंदी के बाद अधिकतर राज्यों में वैट क्लेक्शन बढ़ा है और टैक्स में बढोतरी हुई। उन्होंने बताया कि अप्रैल—दिसंबर 2016 में प्रत्यक्ष कर कलेक्शन 12.01 प्रतिशत बढ़ा। जेटली ने कहा कि नोटबंदी के बाद टैक्स में बढ़ोत्तरी हुई है अप्रैल से दिसंबर के बीच प्रत्यक्ष कर में 12.01 फीसदी और अप्रत्यक्ष कर में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2016 में सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी 31.6 प्रतिशत बढ़ी है। दिसंबर 2016 में गोल्ड के कारण कस्टम्स ड्यूटी में छह फीसदी की कमी आई है। वित्त मंत्री ने कहा कि नवंबर 2016 की अपेक्षा दिसंबर 2016 में अप्रत्यक्ष कर में 12.8 फीसदी की वृद्धि हुई है। गौरतलब है कि 8 नवंबर को पीएम मोदी ने 500 रुपए और 1000 रुपए के नोट अमान्य करार दे दिए थे। मोदी सरकार के मुताबिक, कालेधन की धरपकड़ के लिए यह फैसला लिया गया।

नई दिल्ली: लोगों को बड़ी राहत देते हुए देश के पेट्रोल पंपों ने रविवार रात ईंधन की बिक्री के लिए क्रेडिट और डेबिट कार्ड से भुगतान स्वीकार न करने के अपने फैसले को 13 जनवरी तक टाल दिया। इससे पहले पेट्रोल पंपों ने रविवार को कहा कि वे देशभर में ईंधन की बिक्री के लिए क्रेडिट और डेबिट कार्ड से भुगतान स्वीकार नहीं करेंगे। बैंकों द्वारा उपभोक्ताओं के बजाय इन पेट्रोल पंपों पर लेनदेन (एमडीआर) शुल्क लगाने का निर्णय किए जाने के बाद पेट्रोल पंपों ने कार्ड से भुगतान न लेने का फैसला किया। नकदीरहित लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने उपभोक्ताओं के लिए ईंधन की खरीद पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) खत्म कर दिया था। लेकिन 50 दिन की छूट की अवधि समाप्त होने के बाद बैंकों ने पेट्रोल पंप मालिकों पर एमडीआर लगाने का निर्णय किया है। पेट्रोल पंप ओनर्स एसोसिएशन ने कहा कि उन्हें ‘एचडीएफसी बैंक द्वारा सूचित किया गया है कि नौ जनवरी, 2017 से क्रेडिट कार्ड से किए जाने वाले सभी सौदों पर एक प्रतिशत और डेबिट कार्ड से किए जाने वाले सभी सौदों पर 0.25 प्रतिशत से एक प्रतिशत के बीच शुल्क लिया जाएगा। यह राशि हमारे खाते से निकाल ली जाएगी और शुद्ध लेनदेन मूल्य हमारे खाते में डाली जाएगी।’ आल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल ने कहा कि इस बैंक ने अपनी कार्रवाई के लिए आरबीआई के 16 दिसंबर, 2016 के सर्कुलर का हवाला दिया है।

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