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नई दिल्ली: स्पाइसजेट बोइंग से 1,50,000 करोड़ रुपये मूल्य के 2015 विमानों की खरीद करेगी। यह भारतीय विमानन क्षेत्र में बड़े सौदों में से एक है।इस सौदे की घोषणा करते हुए स्पाइसजेट के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा कि कुल 205 विमानों का मूल्य 1,50,000 करोड़ रुपये (22 अरब डालर) है। सिंह ने कहा, ‘यह भारतीय विमानन क्षेत्र में हुए बड़े सौदों में से एक है। स्पाइसजेट के लिये यह बड़ा सौदा है।’ फिलहाल एयरलाइन के पास 32 अगली पीढ़ी के बी737एस और 17 बामबार्डियर क्यू400एस हैं। बोइंग कंपनी के उपाध्यक्ष रे कार्नर ने कहा, ‘हम 205 विमानों तक की प्रतिबद्धता के लिये स्पाइसजेट के साथ एक दशक से अधिक समय की भागीदारी से सम्मानित महसूस कर रहे हैं।’ सिंह ने कहा कि कंपनी सौदे के वित्त पोषण के लिये विभिन्न विकल्पों पर विचार करेगी। स्पाइसजेट के अजय सिंह ने कहा कि नये विमान 20 प्रतिशत कम ईंधन खपत करेंगे और इससे कंपनी को लागत कम करने में मदद मिलेगी तथा प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ेगी। सिंह ने कहा, ‘यह 22 अरब डालर मूल्य के 205 विमान खरीदने के लिये एक समग्र समझौता है।’ उन्होंने कहा कि हमारा जोर एयरलाइन को एक जवाबदेह और लाभदायक कंपनी के रूप से आगे बढ़ाने पर है। सौदे के वित्त पोषण तथा रिण-इक्विटी अनुपात के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इक्विटी में कोई कमी नहीं होगी और बही-खाता मजबूत रहेगा।

नई दिल्ली: नोटबंदी और कमजोर मांग के बीच खाद्य पदार्थों-विशेषकर सब्जियों और दालों के दाम घटने से गत दिसंबर में खुदरा मूल्य आधारित मुद्रास्फीति की दर घटकर 3.41 प्रतिशत पर आ गई जो तीन साल का निचला स्तर है। पुराने 500, 1000 के नोटों को 8 नवंबर को बंद किए जाने के बाद से बाजार को नकदी की कमी से जूझना पड़ रहा है जिसका मांग पर असर बताया जा रहा है। आलोच्य माह में खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट की मुख्य वजह सब्जियों और दालों की कीमतों में गिरावट है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2014 के बाद यह खुदरा मंहगाई दर का न्यूनतम स्तर है। नवंबर, 2016 में यह 3.63 प्रतिशत और दिसंबर, 2015 में 5.61 प्रतिशत थी। सब्जियों की मुद्रास्फीति और नीचे आ गई है। दिसंबर में यह शून्य से 14.59 प्रतिशत नीचे रही। इससे पहले नवंबर में यह शून्य से 10.29 प्रतिशत नीचे थी। इसी तरह दलहन एवं उत्पादों की मुद्रास्फीति दिसंबर में शून्य से 1.57 प्रतिशत नीचे रही। हालांकि, फलों की मुद्रास्फीति दिसंबर में मामूली बढ़त के साथ 4.74 प्रतिशत रही, जो नवंबर में 4.60 प्रतिशत थी। मोटे अनाज और उसके उत्पादों की मुद्रास्फीति बढ़कर 5.25 प्रतिशत हो गई, जो नवंबर में 4.86 प्रतिशत थी। प्रोटीन वाले उत्पाद मसलन मांस और अंडे की मुद्रास्फीति दिसंबर में 4.79 प्रतिशत रही, जो नवंबर में 5.83 प्रतिशत थी।

मुंबई: साफ्टवेयर और लोहा से नमक तक बनाने वाले देश के प्रमुख औद्योगिक घराने टाटा की धारक कंपनी टाटा संस ने समूह की एक कंपनी टीसीएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक एन चंद्रशेखरन को अपना नया कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त करने की घोषणा की।साइरस मिस्त्री को इस पद से हटाए जाने के करीब दो माह बाद यह नियुक्ति की गई है। मिस्त्री को हटाए जाने के बाद टाटा घराने के पितृपुरुष रतन टाटा कंपनी के अंतरिम चेयरमैन बनाए गए थे। मिस्त्री को गत 24 अक्तूबर को अप्रत्याशित रूप से चेयरमैन पद से हटाने के बाद समूह की कंपनियों के निदेशक मंडलों में भारी खींचतान व कड़ुवाहट फैल गयी थी। चंद्रा के नाम से लोकप्रिय 54 वर्षीय चंद्रशेखरन 21 फरवरी को अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा से टाटा संस के चेयरमैन का पदभार संभालेंगे। टाटा समूह देश विदेश में सालाना 103 अरब डालर से अधिक का कारोबार करता है। चंद्रशेखरन ने अपनी नियुक्ति के बाद कहा कि टाटा समूह तीव्र बदलाव से गुजर रहा है और उनका ‘प्रयास होगा कि समूह को नैतिका और उन मूल्यों के साथ आगे बढाने में मदद की जा सके जिनके आधार पर इसका निर्माण हुआ है।’ कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘टाटा संस के निदेशक मंडल की आज हुई बैठक में चंद्रशेखरन को कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त करने का फैसला किया गया। चंद्रा की नियुक्ति चयन समिति की सर्वसम्मत सिफारिश के बाद की गई है।’’

नई दिल्ली: सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय सहारा की मुश्किलें फिर बढ़ सकती हैं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने आज (गुरूवार) उन्हें 600 करोड़ रुपये जमा करने के लिए छह फरवरी की तारीख को और बढ़ाने से मना कर दिया। यदि वह पैसा नहीं जमा करा पाते हैं तो उन्हें फिर जेल जाना होगा। न्यायमूर्ति दीपक मिश्र, रंजन गोगोई और ए. के. सीकरी की नवगठित पीठ ने कहा, ‘न्यायालय आपको पहले ही बहुत ज्यादा मौका दे चुका है। यह बहुत बुरी बात है। यदि आप यह राशि नहीं चुकाते हैं, तो आपको वापस जेल में जाना होगा।’ नयी पीठ ने सहारा प्रमुख राय के पैरोल की मियाद बार-बार बढ़ाए जाने की समीक्षा की और कहा उन्हें बहुत ज्यादा मौका दिया जा चुका है जो इस न्यायालय द्वारा किसी अन्य वादी को दिए गए अवसरों से ज्यादा है। न्यायालय ने 28 नवंबर को राय को 600 करोड़ रुपये जमा कराने के लिए छह फरवरी तक का समय दिया था। पीठ ने बाजार नियामक सेबी के वकील अरविंद दत्तार से पूछा कि यदि सहारा प्रमुख ने यह पैसा नहीं दिया तो क्या होगा? दत्तार ने इस पर कहा कि यदि समूह यह राशि जमा कराने में असफल रहता है तो उसकी ऐसी 87 संपत्तियां हैं जिन्हें कुर्क कर लिया जाएगा और उन पर रिसीवर बैठाकर उन्हें नीलाम कर दिया जाएगा। पीठ ने कहा, ‘यदि वह (राय) यह राशि जमा कराने में असफल रहते हैं तो वह वापस जेल जाएंगे। उसके बाद संपत्तियों की कुर्की की जाएगी, रिसीवर की नियुक्ति की जाएगी और नीलामी के माध्यम से उनकी बिक्री कर दी जाएगी।’

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