चेन्नई: चालू वित्त वर्ष में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किये जाने के बीच पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था पर और प्रभाव पड़ेगा। चिदंबरम उंचे मूल्य वर्ग के नोटों को चलन से हटाये जाने को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार पर हमलावर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो आंकड़े सामने आये हैं उनसे सरकारी दावों की पोल खुल गई है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने ट्वीट जारी कर कहा है, ‘पहले रिजर्व बैंक ने और अब केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने जीडीपी वृद्धि कम रहने का अनुमान व्यक्त किया है। इससे सरकार के दावों और बड़े बोलों की पोल खुल गई है।’ चिदंबरम नोटबंदी पर सवाल उठाते रहे हैं। वह 500 और 1,000 रपये के नोट वापस लेने के फायदे को लेकर पूछते रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी की वजह से जीडीपी वृद्धि और कम होगी। एक प्रतिशत कमी का मतलब है 1,50,000 करोड़ रुपये का नुकसान।’ केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने शुक्रवार को वर्ष 2016-17 में जीडीपी वृद्धि 7.1 प्रतिशत रहने का अग्रिम अनुमान जारी किया। एक साल पहले यह 7.6 प्रतिशत रही थी।
विनिर्माण, खनन और निर्माण क्षेत्र में गिरावट आने की वजह से जीडीपी वृद्धि धीमी पड़ी है। हालांकि उसने कहा है कि नोटबंदी के प्रभाव को इसमें शामिल नहीं किया गया है।