ताज़ा खबरें
संभल हिंसा: सपा सांसद बर्क और पार्टी विधायक के बेटे पर मुकदमा
संसद में अडानी के मुद्दे पर हंगामा, राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित
संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा:अब तक 4 लोगों की मौत
निज्जर हत्याकांड: कनाडा में चार भारतीयों के खिलाफ सीधे होगा ट्रायल

नई दिल्ली: देशभर में पेट्रोल पंप सोमवार से ईंधन की बिक्री के लिए क्रेडिट और डेबिट कार्ड से भुगतान स्वीकार नहीं करेंगे। बैंकों द्वारा उपभोक्ताओं के बजाय इन पेट्रोल पंपों पर लेनदेन (एमडीआर) शुल्क लगाने का निर्णय किए जाने के बाद पेट्रोल पंपों ने यह फैसला किया है। नकदीरहित लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने उपभोक्ताओं के लिए ईंधन की खरीद पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) खत्म कर दिया था। लेकिन 50 दिन की छूट की अवधि समाप्त होने के बाद बैंकों ने पेट्रोल पंप मालिकों पर एमडीआर लगाने का निर्णय किया है। पेट्रोल पंप ओनर्स एसोसिएशन ने कहा कि उन्हें ‘एचडीएफसी बैंक द्वारा सूचित किया गया है कि नौ जनवरी, 2017 से क्रेडिट कार्ड से किए जाने वाले सभी सौदों पर एक प्रतिशत और डेबिट कार्ड से किए जाने वाले सभी सौदों पर 0.25 प्रतिशत से एक प्रतिशत के बीच शुल्क लिया जाएगा। यह राशि हमारे खाते से निकाल ली जाएगी और शुद्ध लेनदेन मूल्य हमारे खाते में डाली जाएगी।’ आल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल ने कहा कि इस बैंक ने अपनी कार्रवाई के लिए आरबीआई के 16 दिसंबर, 2016 के सर्कुलर का हवाला दिया है। उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से इस परिपत्र में क्रेडिट कार्ड शुल्कों का कोई संदर्भ नहीं है और न ही इसमें यह शुल्क ग्राहकों के सिर पर डालने का संदर्भ है। हमें लगता है कि एचडीएफसी बैंक पेट्रोल पंपों पर इस सौदों के जरिये अपना मुनाफा सुधारने के लिए इसे बहाने के तौर पर उपयोग कर रहा है।’

नई दिल्ली: आयकर विभाग नोटबंदी से पहले बैंकों में जमा राशि को खंगालने की तैयारी में है। विभाग ने बैंकों से एक अप्रैल से नौ नवंबर 2016 के बीच बचत खातों में नकद जमा के बारे में रिपोर्ट देने को कहा है। इसके अलावा बैंकों से यह भी कहा गया है कि वे उन खाताधारकों से पैन कार्ड या फार्म 60 (जिनके पास पैन नहीं है) 28 फरवरी तक जमा करने को कहें जिन्होंने खाता खोलते समय यह जमा नहीं कराया था। एक अधिसूचना के अनुसार बैंक, सहकारी बैंकों तथा डाकघरों को एक अप्रैल से नौ नवंबर 2016 के बीच सभी नकद जमा के बारे में जानकारी देनी होगी। नौ नवंबर से 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर पाबंदी लगायी गयी थी। साथ ही बैंक अधिकारियों को खाताधारकों से पैन या फार्म 60 लेने और आयकर कानून के नियम 114 बी के तहत लेन—देन के सभी रिकार्ड को रखने को कहा गया है। नियम 114 बी में उन लेन—देन का उल्लेख है जिसमें पैन का जिक्र करना अनिवार्य है। विभाग के अनुसार जिन लोगों ने खाता खोलते समय पैन कार्ड या फार्म 60 का उल्लेख नहीं किया है, उन्हें 28 फरवरी तक उसे जमा कराना होगा। फार्म 60 घोषणापत्र है जो वह व्यक्ति देता है जिसके पास पैन कार्ड नहीं है।

बेंगलुरू: नोटबंदी के बाद देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के बीच नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा कि डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, एटीएम और पांइट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनें सभी 2020 तक देश में बेमानी हो जाएंगी। किसी भी प्रकार के लेनदेन के लिए सिर्फ अंगूठे का इस्तेमाल होगा। उन्होंने कहा, ‘भारत आज वित्तीय प्रौद्योगिकी और सामाजिक नवोन्मेष दोनों क्षेत्रों में भारी उठापटक के दौर से गुजर रहा है। इन क्षेत्रों में यहां काफी कुछ नई चीजें हो रहीं हैं और यही उठापटक भारत को काफी आगे ले जायेगी। और 2020 तक मेरा मानना है कि अगले ढाई साल में भारत में सभी तरह के डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, एटीएम मशीनें और पीओएस मशीनें पूरी तरह से बेकार हो जायेंगी।’ कांत आज यहां प्रवासी भारतीयों के सम्मेलन 2017 के एक सत्र को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन तीन दिन तक चलेगा। उन्होंने कहा, ‘भारत में ये सभी चीजें बेकार हो जायेंगी और भारत यह छलांग लगायेगा कि हर भारतीय यहां केवल अपना अंगूठा लगाकर 30 सेकंड में लेनदेन करने लगेगा।’ युवा प्रवासी भारतीय दिवस को संबोधित करते हुए कांत ने कहा, ‘हम इस समय देश में डिजिटल तरीकों से भुगतान को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं और इसमें कई नये तरीकों के सामने आने से काफी उठापटक चल रही है। उन्होंने कहा कि इस उठापटक के बीच भारत ने बायोमेट्रिक में काफी प्रगति की है जिससे काफी सफलता मिलेगी।

चेन्नई: चालू वित्त वर्ष में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किये जाने के बीच पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था पर और प्रभाव पड़ेगा। चिदंबरम उंचे मूल्य वर्ग के नोटों को चलन से हटाये जाने को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार पर हमलावर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो आंकड़े सामने आये हैं उनसे सरकारी दावों की पोल खुल गई है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने ट्वीट जारी कर कहा है, ‘पहले रिजर्व बैंक ने और अब केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने जीडीपी वृद्धि कम रहने का अनुमान व्यक्त किया है। इससे सरकार के दावों और बड़े बोलों की पोल खुल गई है।’ चिदंबरम नोटबंदी पर सवाल उठाते रहे हैं। वह 500 और 1,000 रपये के नोट वापस लेने के फायदे को लेकर पूछते रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी की वजह से जीडीपी वृद्धि और कम होगी। एक प्रतिशत कमी का मतलब है 1,50,000 करोड़ रुपये का नुकसान।’ केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने शुक्रवार को वर्ष 2016-17 में जीडीपी वृद्धि 7.1 प्रतिशत रहने का अग्रिम अनुमान जारी किया। एक साल पहले यह 7.6 प्रतिशत रही थी।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख