नई दिल्ली: लोगों को बड़ी राहत देते हुए देश के पेट्रोल पंपों ने रविवार रात ईंधन की बिक्री के लिए क्रेडिट और डेबिट कार्ड से भुगतान स्वीकार न करने के अपने फैसले को 13 जनवरी तक टाल दिया। इससे पहले पेट्रोल पंपों ने रविवार को कहा कि वे देशभर में ईंधन की बिक्री के लिए क्रेडिट और डेबिट कार्ड से भुगतान स्वीकार नहीं करेंगे। बैंकों द्वारा उपभोक्ताओं के बजाय इन पेट्रोल पंपों पर लेनदेन (एमडीआर) शुल्क लगाने का निर्णय किए जाने के बाद पेट्रोल पंपों ने कार्ड से भुगतान न लेने का फैसला किया। नकदीरहित लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने उपभोक्ताओं के लिए ईंधन की खरीद पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) खत्म कर दिया था। लेकिन 50 दिन की छूट की अवधि समाप्त होने के बाद बैंकों ने पेट्रोल पंप मालिकों पर एमडीआर लगाने का निर्णय किया है। पेट्रोल पंप ओनर्स एसोसिएशन ने कहा कि उन्हें ‘एचडीएफसी बैंक द्वारा सूचित किया गया है कि नौ जनवरी, 2017 से क्रेडिट कार्ड से किए जाने वाले सभी सौदों पर एक प्रतिशत और डेबिट कार्ड से किए जाने वाले सभी सौदों पर 0.25 प्रतिशत से एक प्रतिशत के बीच शुल्क लिया जाएगा। यह राशि हमारे खाते से निकाल ली जाएगी और शुद्ध लेनदेन मूल्य हमारे खाते में डाली जाएगी।’ आल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल ने कहा कि इस बैंक ने अपनी कार्रवाई के लिए आरबीआई के 16 दिसंबर, 2016 के सर्कुलर का हवाला दिया है।
उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से इस परिपत्र में क्रेडिट कार्ड शुल्कों का कोई संदर्भ नहीं है और न ही इसमें यह शुल्क ग्राहकों के सिर पर डालने का संदर्भ है। हमें लगता है कि एचडीएफसी बैंक पेट्रोल पंपों पर इस सौदों के जरिये अपना मुनाफा सुधारने के लिए इसे बहाने के तौर पर उपयोग कर रहा है।’ उन्होंने कहा कि पेट्रोल पंप पर मार्जिन प्रति किलोलीटर आधार पर तय होता है और इन शुल्कों को समायोजित करने की कोई गुंजाइश इसमें नहीं है। इससे डीलरों को वित्तीय नुकसान होगा। बंसल ने कहा कि इसलिए पेट्रोल पंपों ने ‘9 जनवरी, 2017 से क्रेडिट-डेबिट कार्डों के जरिये भुगतान स्वीकारना बंद करने का निर्णय किया है।’