ताज़ा खबरें
संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: सूचना प्रौद्योगिकी और बीपीओ क्षेत्र में स्वचालन यानी ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी कृत्रिम बौद्धिकता के बढ़ते उपयोग का असर इस क्षेत्र की करीब 7 लाख नौकरियों पर पड़ेगा। वर्ष 2022 तक इस क्षेत्र में काम करने वाले कम कुशल कारीगरों की नौकरी जाने की संभावना है। यह खुलासा अमेरिका की एक शोध कंपनी एचएफएस रिसर्च के अध्ययन में हुआ है। हालांकि यह सभी के लिए बुरी खबर हो ऐसे हालात भी नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी अवधि में मध्यम और उच्च कौशल रखने वालों के लिए नौकरी के अवसर बढ़ेंगे। यह पहला मौका नहीं है जब ऑटोमेशन से नौकरियों के अवसर कम होने की बात सामने आई हो। इंजीनियरिंग, विनिर्माण, वाहन, आईटी और बैंक जैसे क्षेत्रों में आटोमेशन एक नया चलन है। जैसे-जैसे आटोमेशन अपनाने की गति तेज होगी, विनिर्माण, आईटी और आईटी संबंधित क्षेत्रों, सुरक्षा सेवाओं और कृषि इसका असर बढ़ेगा। ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग बढ़ने से भारत के सूचना प्रौद्योगिकी और बीपीओ उद्योग में कम कुशलता वाले कर्मियों की संख्या 2016 में घटकर 24 लाख रह गई है जो 2022 में मात्र 17 लाख रह जाएगी।

नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद कालेधन का खुलासा करने के लिए लाई गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के बेहतर परिणाम आए हैं। केंद्र के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि 21 हजार लोगों ने अब तक 4900 करोड़ रुपये के कालेधन की घोषणा की है। सरकार ने इस योजना के जरिये अघोषित आय का खुलासा कर उस पर कर और जुर्माने का भुगतान कर लोगों को पाक साफ होने का एक मौका दिया था। एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि आयकर विभाग ने इन घोषणाओं के जरिये कर के रूप में अब तक 2451 करोड़ रुपये प्राप्त किए हैं। उन्होंने कहा कि पीएमजीकेवाई के तहत 21 हजार लोगों ने 4900 करोड़ रुपये कालेधन की घोषणा की। योजना इस साल 31 मार्च को बंद हुई। अधिकारी ने कहा कि आयकर विभाग कालेधन की घोषणा के कुछ मामलों में कानूनी प्रक्रियाओं का पालन कर रहा है। सरकार ने योजना की शुरुआत पिछले साल दिसंबर में की ताकि कालाधन रखने वाले कर और 50 प्रतिशत जुर्माना देकर पाक साफ हो सके। साथ ही कुल अघोषित आय का 25 प्रतिशत ऐसे खाते में चार साल तक रखना था, जिसमें कोई ब्याज नहीं मिलेगा।

नई दिल्ली: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को जोर देते हुए कहा कि ऑटोमोबाइल उद्योग को इलेक्ट्रिक और बायो-ईंधन जैसे वैकल्पिक ईंधनों से चलने वाले वाहनों की प्रौद्योगिकी विकसित करनी चाहिए। उन्होंने ऑटो उद्योगों को आगे आकर देश की सार्वजनिक यातायात प्रणाली में निवेश करने के लिए भी कहा। गडकरी ने सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (एसआईएएम) के 57वें वार्षिक सम्मेलन में कहा, “नई प्रौद्योगिकी में आर्थिक व्यवहारिकता है। चलिए हम अगले 25 वर्ष के बारे में योजना बनाते हैं, मैं मजबूती से ऑटोमोबाइल सेक्टर से सार्वजनिक यातायात एवं इलेक्ट्रिक बाईक एवं कार के निमार्ण में निवेश के लिए आग्रह करता हूं।” उन्होंने कहा, “मैं ऑटोमोबाइल कंपनियों से वैकल्पिक ईंधन के लिए विविधता लाने का आग्रह करता हूं। सरकार वैकल्पिक ईंधन के तौर पर दूसरी पीढ़ी के इथेनॉल को लाने पर विचार कर रही है।” डीजल से चलने वाले वाहनों के निर्माण को रोकने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें काफी ज्यादा आयात शुल्क लगता है और प्रदूषण की मात्र बढ़ती है।

यंगून: नोटबंदी की आलोचना होने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार के इस कदम को उचित ठहराते हुए स्पष्ट कहा कि उनकी सरकार देश के हित में ‘बड़े और सख्त’ फैसले लेने से परहेज नहीं करेगी। प्रधानमंत्री ने म्यामां के शहर यंगून में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार ऐसे फैसले कर सकी क्योंकि वह देश को राजनीति से बड़ा समझती है। पीएम मोदी ने अपनी सरकार द्वारा किए गए ‘बड़े और सख्त’फैसलों के रूप में 8 नवंबर को घोषित नोटबंदी के अलावा पिछले साल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल हमला और एक जुलाई से लागू जीएसटी का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, राष्ट्रीय हित में, हमें बड़े और सख्त फैसले लेने में कोई झिझक नहीं है, क्योंकि हमारे लिए देश राजनीति से ऊपर है। चाहे सर्जिकल हमले हों नोटबंदी हो या जीएसटी, सभी फैसले बिना किसी भय या झिझक के किए गए। नोटबंदी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह कदम काले धन पर काबू पाने के लिए उठाया गया और इससे ऐसे लाखों लोगों की पहचान करने में मदद मिली, जिनके बैंक खातों में करोड़ों रुपये थे, लेकिन वे कभी आयकर नहीं देते थे।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख