नई दिल्ली: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को जोर देते हुए कहा कि ऑटोमोबाइल उद्योग को इलेक्ट्रिक और बायो-ईंधन जैसे वैकल्पिक ईंधनों से चलने वाले वाहनों की प्रौद्योगिकी विकसित करनी चाहिए। उन्होंने ऑटो उद्योगों को आगे आकर देश की सार्वजनिक यातायात प्रणाली में निवेश करने के लिए भी कहा। गडकरी ने सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (एसआईएएम) के 57वें वार्षिक सम्मेलन में कहा, “नई प्रौद्योगिकी में आर्थिक व्यवहारिकता है। चलिए हम अगले 25 वर्ष के बारे में योजना बनाते हैं, मैं मजबूती से ऑटोमोबाइल सेक्टर से सार्वजनिक यातायात एवं इलेक्ट्रिक बाईक एवं कार के निमार्ण में निवेश के लिए आग्रह करता हूं।” उन्होंने कहा, “मैं ऑटोमोबाइल कंपनियों से वैकल्पिक ईंधन के लिए विविधता लाने का आग्रह करता हूं। सरकार वैकल्पिक ईंधन के तौर पर दूसरी पीढ़ी के इथेनॉल को लाने पर विचार कर रही है।” डीजल से चलने वाले वाहनों के निर्माण को रोकने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें काफी ज्यादा आयात शुल्क लगता है और प्रदूषण की मात्र बढ़ती है।
सरकार इसे कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। गडकरी ने कहा कि सरकार की प्रदूषण एवं उच्च मात्रा में पेट्रोल, डीजल पर आयात की नीति शीशे की तरह साफ है। इन आयातित ईंधन के विकल्प और आयात शुल्क को कम करने के लिए बांस का इस्तेमाल कर दूसरी पीढ़ी के ईंधन इथेनॉल और सीएनजी को विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।