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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: श्रम मंत्रालय ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि केंद्र ने वेतन विधेयक संहिता के तहत राष्ट्रीय न्यूनतम मासिक वेतन 18 हजार रुपये तय नहीं किए हैं। विधेयक को पिछले महीने की शुरुआत में लोकसभा में पेश किया गया था। श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, हाल में प्रकाशित कुछ मीडिया रिपोर्ट में केंद्र सरकार द्वारा न्यूनमत वेतन 18 हजार रुपये प्रति महीने नियत करने की बात कही गई है। जबकि यह स्पष्ट है कि केंद्र सरकार ने वेतन विधेयक पर 2017 में राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन के रूप में कोई राशि नियत या उसका उल्लेख नहीं किया है। सभी कर्मचारियों के लिए 18 हजार रुपये न्यूनतम वेतन तय करने की जो धारणा है, वह गलत और आधारहीन है। न्यूनतम वेतन जगह के हिसाब से अलग होगा जो कौशल आवश्यकता, काम की प्रकृति और भौगोलिक स्थिति पर निर्भर करेगा। विधेयक के उपबंध 9 (3) में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन नियत करने से पहले केंद्रीय परामर्श बोर्ड की सलाह ले सकता है। इसमें नियोक्ताओं और कर्मचारियों के प्रतिनिधि हैं। बोर्ड की हाल की बैठक में ट्रेड यूनियनों ने यह मांग की थी।

नई दिल्ली: सरकार ने कहा है कि उसने नियमों का पालन नहीं करने वाली 2.09 लाख कंपनियों का पंजीकरण समाप्त कर दिया है। इसके अलावा इन कंपनियों के बैंक खातों से लेनदेन पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। मुखौटा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखते हुये सरकार ने कहा है कि इन कंपनियों के नाम कंपनी महापंजीयक की पंजीकरण पुस्तिका से हटा दिए गए हैं। सरकार ने कहा है कि ये कंपनियां जब तक नियम और शर्तों को पूरा नहीं कर लेती है तब तक तब तक उनके निदेशक कंपनी के बैंक खातों से लेनदेन नहीं कर सकेंगे। संदेह है कि इन मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल कथित तौर पर अवैध धन के लेन देन और कर चोरी के लिये किया जाता रहा था। कंपनी कानून की धारा 248-5 के तहत 2,09,032 कंपनियों के नाम कंपनी पंजीयक के रजिस्टर से काट दिये गये हैं। रजिस्टर से जिन कंपनियों के नाम काट दिये गये हैं उनके निदेशक और प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता अब इन कंपनियों के पूर्व निदशेक और पूर्वप्राधिकत हस्ताक्षरकर्ता बन जायेंगे। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने कंपनी कानून की जिस धारा 248 का इस्तेमाल किया है, उसके तहत सरकार को विभिन्न कारणों के चलते कंपनियों के नाम रजिस्टर से काटने का अधिकार दिया गया है।

 नई दिल्ली: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने बैंकों को आधार पंजीकरण केंद्र खोलने के लिए एक माह और मोहलत दी है। बैंकों को तय समय में 10 फीसदी शाखाओं पर आधार पंजीकरण केंद्र खोलने हैं और 30 सितंबर के बाद इससे छूट गई प्रति शाखा पर 20,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अजय भूषण पांडे ने मंगलवार को यह जानकारी दी। जुलाई में प्राधिकरण ने निजी क्षेत्र और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से अगस्त के अंत तक 10 फीसदी शाखाओं पर आधार पंजीकरण एवं जानकारी अद्यतन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कहा था। अब इस काम के लिए प्राधिकरण की ओर एक महीने की मोहलत और दे दी गई है क्योंकि बैंकों ने ऐसी सुविधा स्थापित करने के लिए और समय की मांग की थी। पांडे ने कहा कि बैंकों ने और समय की जरूरत के लिए हमसे समय मांगा था, तो हमने उन्हें ऐसी सुविधा की स्थापना के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया है।

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने नोटबंदी की लागत के बारे में सरकार को सावधान किया था तथा कहा था कि नोटबंदी के मुख्य लक्ष्यों को पाने के अन्य बेहतर विकल्प भी हैं। राजन ने अपनी पुस्तक 'आय डू ह्वाट आय डू: ऑन रिफार्म्स रिटोरिक एंड रिजॉल्व' में यह खुलासा किया है। इसके अनुसार 2013 से 2016 तक रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे राजन ने सरकार से साफ तौर पर बता दिया था कि बिना पूरी तैयारी के नोटबंदी करने के परिणाम भारी पड़ेंगे। राजन की बात बहुत हद तक सही साबित हो रही है। हाल में आई रिपोर्ट के मुताबिक आर्थिक वृद्धि दर पिछले तीन साल के निचले स्तर पर है। राजन ने लिखा है, "मुझसे सरकार ने फरवरी 2016 में नोटबंदी पर दृष्टिकोण मांगा जो मैंने मौखिक दिया था। दीर्घकालिक स्तर पर इसके फायदे हो सकते हैं पर मैंने महसूस किया कि संभावित अल्पकालिक आर्थिक नुकसान दीर्घकालिक फायदों पर भारी पड़ सकते हैं। इसके मुख्य लक्ष्यों को प्राप्त करने के संभवत: बेहतर विकल्प थे।" राजन ने बताया कि उन्होंने सरकार को एक नोट दिया था, जिसमें नोटबंदी के संभावित नुकसान और फायदे बताये गये थे तथा समान उद्देश्यों को प्राप्त करने के वैकल्पिक तरीके बताये गये थे।

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