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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

यंगून: नोटबंदी की आलोचना होने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार के इस कदम को उचित ठहराते हुए स्पष्ट कहा कि उनकी सरकार देश के हित में ‘बड़े और सख्त’ फैसले लेने से परहेज नहीं करेगी। प्रधानमंत्री ने म्यामां के शहर यंगून में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार ऐसे फैसले कर सकी क्योंकि वह देश को राजनीति से बड़ा समझती है। पीएम मोदी ने अपनी सरकार द्वारा किए गए ‘बड़े और सख्त’फैसलों के रूप में 8 नवंबर को घोषित नोटबंदी के अलावा पिछले साल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल हमला और एक जुलाई से लागू जीएसटी का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, राष्ट्रीय हित में, हमें बड़े और सख्त फैसले लेने में कोई झिझक नहीं है, क्योंकि हमारे लिए देश राजनीति से ऊपर है। चाहे सर्जिकल हमले हों नोटबंदी हो या जीएसटी, सभी फैसले बिना किसी भय या झिझक के किए गए। नोटबंदी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह कदम काले धन पर काबू पाने के लिए उठाया गया और इससे ऐसे लाखों लोगों की पहचान करने में मदद मिली, जिनके बैंक खातों में करोड़ों रुपये थे, लेकिन वे कभी आयकर नहीं देते थे।

उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीनों में दो लाख से ज्यादा कंपनियों का पंजीयन रद्द कर दिया गया क्योंकि उनके कालेधन के शोधन में शामिल होने का पता लगा था। प्रधानमंत्री ने 35 मिनट के अपने भाषण में कहा, भ्रष्टाचार पर काबू पाने के लिए, हमने 500 और 1000 रुपये के नोटों पर रोक लगाई। कुछ भ्रष्ट लोगों के गलत कार्यों का खामियाजा 125 करोड लोग भुगत रहे थे। यह हमें स्वीकार्य नहीं था। उन्होंने कहा कि इस बारे में कोई सुराग नहीं था कि काला धन कहां से आ रहा था और कहां जा रहा था। नोटबंदी की विपक्षी दलों द्वारा आलोचना की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री ने सरकार के इस कदम को उचित ठहराया। कांग्रेस ने नोटबंदी को पूरी तरह से नाकाम बताते हुए कहा कि इससे भ्रष्ट लोगों को काफी फायदा हुआ।

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