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नई दिल्ली: पिछले लंबे समय से पेट्रोल-डीजल लोगों की जेबें जला रहे हैं। देश की तेल कंपनियों ने गुरुवार को भी पेट्रोल की कीमत में 6 पैसे की बढ़ोतरी की है। हालांकि डीजल के भाव में कोई बदलाव नहीं किया गया है। राजधानी दिल्ली में गुरुवार को अब पेट्रोल की कीमत छह पैसे बढ़कर 82.22 रुपए प्रति लीटर हो गया है। पेट्रोल की कीमत बुधवार को दिल्ली में 82.16 रुपए प्रति लीटर थी, जबिक डीजल का भाव 73.87 रुपए पर स्थिर है।

इसी तरह मुंबई में गुरुवार को पेट्रोल का भाव 90 रुपए के करीब जाकर 89.60 रुपए प्रति लीटर हो गया, जबकि डीजल का भाव 78.42 रुपए प्रति लीटर पर स्थिर रहा। कोलकाता में पेट्रोल का भाव गुरुवार को छह पैसे बढ़कर 84.07 रुपए प्रति लीटर हो गया, जबकि डीजल का भाव 75.72 रुपए प्रति लीटर पर स्थिर रहा। जबिक चेन्नई में पेट्रोल का भाव गुरुवार को 85.47 रुपए प्रति लीटर पर जा पहुंचा। डीजल का भाव 78.10 रुपए प्रति लीटर पर टिका है।

मुंबई: अनिल अंबानी ने मंगलवार को घोषणा की है कि नकदी संकट से जूझ रही रिलायंस कम्युनिकेशंस अपने दूरसंचार कारोबार से पूरी तरह बाहर निकल जायेगी और भविष्य में केवल रीयल एस्टेट कारोबार पर ही ध्यान देगी। कंपनी की यहां हुई 14वीं वार्षिक आम बैठक में अंबानी ने कहा कि आरकॉम की पहली प्राथमिकता उसके 40,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज संकट का समाधान करना है। कंपनी ने दूरसंचार संवाओं के क्षेत्र में वर्ष 2000 में सस्ती पेशकश के साथ उसे सभी तक पहुंचाने का काम किया था।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने तय किया है कि हम इस क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ेंगे। कई अन्य कंपनियों ने भी इसी तरह का ही फैसला किया है। यह भविष्य की तस्वीर है जो साफ दिखाई दे रही है।’’ अंबानी ने कहा, ‘‘जैसे जैसे हम मोबइल क्षेत्र से बाहर निकलेंगे, हम अपने एंटरप्राइज बिजनेस का उचित समय पर मौद्रीकरण करेंगे. रिलायंस रीयल्टी भविष्य में वृद्धि का इंजन होगा।’’

मुंबई: बैंक अब गैर-कंपनी वर्ग में संपत्तियों की गुणवत्ता को लेकर दबाव देख रहे हैं। इस लिहाज से बैंकों को कुल मिलाकर फंसे कर्ज के मामले में 2019-20 तक दबाव झेलना पड़ सकता है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। इंडिया रेटिंग ने बैंकों पर जारी अपनी मध्यावधि परिदृश्य रिपोर्ट में सोमवार को कहा कि निजी क्षेत्र के बैंकों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक और बैंक आफ बड़ौदा का परिदृश्य स्थिर बना हुआ है। इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य सभी बैंकों का परिदृश्य नकारात्मक बना हुआ है।

रेटिंग एजेंसी के मुताबिक बैंकों को मौजूदा वित्त वर्ष और इसके बाद आने वाले साल के लिये कर्ज की लागत अथवा तीन प्रतिशत तक के प्रावधान को जारी रखना पड़ सकता है। रिपोर्ट में पुराने फंसे कर्ज जिसकी पहले पहचान हो चुकी है, को कर्ज की ऊंची लागत की वजह बताया गया है। इसके साथ ही फंसे कर्ज के समक्ष बढ़ा हुआ प्रावधान और खासतौर से गैर-कंपनी खातों में कर्ज वापसी समय पर नहीं होने की वजह से ऐसा हुआ है।

वाशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक कोष (आईएमएफ) ने आयात वस्तुओं जैसे तेल और पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ने और उसका असर महंगाई पर होने की चेतावनी देते कहा कि दिसंबर 2017 के मुकाबले इस साल रुपये में करीब 6 से 7 फीसदी की गिरावट आई है। साथ ही, चेतावनी दी कि इसके चलते तेल एवं पेट्रोलियम उत्पादों जैसे आयातित वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाएंगी, जिससे मुद्रास्फीति पर दबाव बढ़ सकता है। आईएमएफ के प्रवक्ता गैरी राइस ने हालिया महीनों में रुपये में आयी बड़ी गिरावट के बारे में पूछे जाने पर कहा कि रुपया इस साल की शुरुआत से अब तक डॉलर के मुकाबले करीब 11 प्रतिशत गिर चुका है।

उन्होंने कहा कि उभरते बाजारों समेत भारत के अधिकांश व्यापारिक भागीदार देशों की मुद्राएं भी डॉलर के मुकाबले कमजोर हुई हैं। राइस ने बताया- “इसका नतीजा ये रहा कि दिसंबर 2017 के मुकाबले इस साल मुद्रा में करीब 6 से 7 फीसदी की वास्तविक गिरावट आई है।” भारत के अपेक्षाकृत बंद अर्थव्यवस्था होने का हवाला देते हुए राइस ने कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि में शुद्ध निर्यात का योगदान एक बार फिर से अनुमान से बेहतर रहा और रुपये की वास्तविक गिरावट से इसमें और बढ़ोत्तरी होगी।

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