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नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल के दाम में केंद्र सरकार ने 2.50 रुपये प्रति लीटर की कमी की है। केंद्र सरकार ने उत्पाद कर में 1.50 रुपये प्रति लीटर की दर से कटौती कर उपभोक्ता को लगातार बढ़ रहे ईंधन के दाम से थोड़ी राहत दिलाने की कोशिश की है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उत्पाद कर में 1.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई है जबकि तेल विपणन कंपनियों को एक रुपये प्रति लीटर का दबाव वहन करना होगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यों से पेट्रोल और डीजल में वैट पर इतनी ही राशि की कटौती करने की अपील करते हुए कहा कि इस संबंध में वह राज्यों को पत्र लिखेंगें। जेटली की अपील पर कई राज्यों ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर अतिरिक्त राहत दी।

उत्तर प्रदेश: योगी सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम में ढाई रुपये प्रति लीटर की कटौती करने की गुरुवार को घोषणा की। इससे राज्य के लोगों को पेट्रोल और डीजल पर पांच रुपये प्रति लीटर की राहत मिलेगी।

नई दिल्ली: मंत्रिमंडल ने 2018-19 विपणन वर्ष के लिए गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 105 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी कर इसे 1,840 रुपये प्रति क्विंटल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को रबी फसलों के एमएसपी को मंजूरी दी गई। फसल वर्ष 2017-18 में गेहूं का एमएसपी 1,735 रुपये प्रति क्विंटल था। एमएसपी को कृषि सलाहकार निकाय सीएसीपी की सिफारिशों के अनुसार बढ़ा दिया गया है। यह फसलों के उत्पादन लागत से कम से कम 50 प्रतिशत ऊंचा मूल्य दिलाने के सरकार की घोषणा के अनुरूप है।

कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, गेहूं की कीमत 1840 रुपये प्रति क्विंटल, चना 4620 रुपये, मसूर 4475 रुपये तथा सरसों की 4200 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है। रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि से किसानों को 62635 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी। उन्होंने बताया कि गेहूं का कृषि उत्पादन लागत मूल्य 866 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि इसके एमएसपी के निधार्रण में 112 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इसबार एमएसपी में पिछले साल की तुलना में 105 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। चने का उत्पादन लागत मूल्य 2637 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि इसके एमएसपी में 75 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरूण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि वर्तमान में जारी वैश्विक व्यापार युद्ध 'आरंभ में अस्थिरता जरूर पैदा कर सकता है, लेकिन यह भारत के लिए कई अवसरों के द्वार खोलेगा। इससे देश को एक बड़ा विनिर्माण और व्यापारिक केंद्र बनाने में मदद मिल सकती है। जेटली ने व्यापारियों से आग्रह किया कि उन्हें साफ-सुथरी और नैतिक व्यापारिक गतिविधियों को अपनाना चाहिए। उन्हें अपने हिस्से का कर चुकाना चाहिए, क्योंकि शोधन अक्षमता एवं संहिता (आईबीसी) ने रातों-रात छूमंतर हो जाने वाले व्यापारियों की दुकान पर ताला लगा दिया है। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि कुछ वैश्विक घटनाएं भारत पर 'विपरीत प्रभाव डालती हैं, लेकिन यही देश के सामने तेजी से आगे बढ़ने के कई रास्ते भी खोलेगी।

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अपने संबोधन में जेटली ने कहा, ''व्यापार युद्ध ने शुरुआत में अस्थिरता पैदा की, लेकिन उन्होंने कई नए बाजारों को खोला। यह भारत के सामने एक बड़ा व्यापारिक और विनिर्माण केंद्र बनने का रास्ता खोलेगा। इसलिए हमें स्थिति को बहुत नजदीक से देखना होता है। पता नहीं कि चुनौती कब मौका बन जाए।

नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को जेट ईंधन, एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर सहित कुल 19 वस्तुओं पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया हैं। यह वृद्धि मध्यरात्रि से प्रभावी होगी। गैर आवश्यक वस्तुओं का निर्यात घटाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि बीते वित्त वर्ष में इन उत्पादों का कुल आयात बिल 86,000 करोड़ रुपये रहा था। जिन अन्य वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाया गया हैं उनमें वॉशिंग मशीन, स्पीकर, रेडियल कार टायर, आभूषण उत्पाद, किचन और टेबलवेयर, कुछ प्लास्टिक का सामान तथा सूटकेस शामिल हैं।

मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार ने मूल सीमा शुल्क बढ़ाकर शुल्क उपाय किए हैं। इसके पीछे उद्देश्य कुछ आयातित वस्तुओं का आयात घटाना है। इन बदलावों से चालू खाते के घाटे (कैड) को सीमित रखने में मदद मिलेगी। कुल मिलाकर 19 वस्तुओं पर आयात शुल्क घटाया गया है। एसी, रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन (10 किलो से कम) पर आयात शुल्क दोगुना कर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। आयात शुल्क में ये बदलाव 26-27 सितंबर की मध्यरात्रि से लागू होंगे। चालू खाते के घाटे पर अंकुश तथा पूंजी के बाह्य प्रवाह को रोकने के लिए ये उपाय किए गए हैं।

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