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नई दिल्ली: मेरिका की खुदरा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वालमार्ट ने फ्लिपकार्ट में 10 बड़े शेयरधारकों की हिस्सेदारी खरीदने के एवज में किये गये भु्गतान पर 7,439 करोड़ रुपये का कर चुकाया है। हालांकि, कंपनी ने 16 अरब डालर के सौदे में अब तक अन्य 34 शेयरधारकों के मामले में ऐसा नहीं किया जो भारतीय ई-खुदरा कंपनी से बाहर हो गये। कर अधिकारियों ने यह बात कही। साफ्टबैंक, नेसपर्स, वेंचर फंड एसेल पार्टनर्स तथा ई-बे समेत कुल 44 शेयरधारकों ने फ्लिपकार्ट में अपनी हिस्सेदारी वालमार्ट को बेची है।

वालमार्ट ने सात सितंबर को फ्लिपकार्ट के 10 शेयरधारकों को किये गये भुगतान के एवज में 7,439 करोड़ रुपये 'विदहोल्डिंग कर का भुगतान किया है। कर जमा करने की आखिरी तारीख सात सितंबर है। कर विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि 'फ्लिपकार्ट में 44 शेयरधारकों ने अपनी हिस्सेदारी बेची। उसमें से वालमार्ट ने केवल 10 कोष और इकाइयों को किये गये भुगतान के एवज में कर जमा कराये हैं। हमने वालमार्ट से पूछा है कि आखिर किस आधार पर शेयरधारकों से कर कटौती या कर नहीं लिये गये। उनसे प्रत्येक मामले के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है।

विदहोल्डिंग कर वह आयकर है जो आय का भुगतान करने वाला देता है न कि आय प्राप्त करने वाला। कर की कटौती आय से की जाती है। वालमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदा मामले में विदहोल्डिंग कर पूंजी लाभ से जुड़ा है जो फ्लिपकार्ट के शेयरधारकों ने कमाये। इस बारे में ई-मेल के जरिये पूछे गये सवाल के जवाब में वालमार्ट ने कहा कि हम अपनी कानूनी बाध्यताओं को गंभीरता से लेते हैं। इसमें सरकार को कर का भुगतान भी शामिल हैं। उसने कहा 'फ्लिपकार्ट में निवेश के मद्देनजर हमने विदहोल्डिंग कर जमा कर दिया है... हम अधिकारियों के सवाल का जवाब देने के लिये उनके साथ मिलकर काम करेंगे।

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