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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शनिवार को देश की अर्थव्यवस्था पर समीक्षा बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दावा किया कि तमाम आर्थिक चुनौतियों के बावजूद चालू वित्त वर्ष में विकास दर उम्मीद से बेहतर रहेगी। उन्होंने बढ़ते राजकोषीय घाटे पर काबू पाने के साथ ही इसके लक्ष्य पर अडिग रहने की बात कही। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त मंत्रालय के विभिन्न विभागों के कामकाज की समीक्षा की।

बैठक के बाद जेटली ने कहा कि सरकार को वर्ष 2018-19 के बजट में अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद की 7.2 से 7.5 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि को पार कर लेने की उम्मीद है। सरकार चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.3 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य हासिल करने पर अडिग रहेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी बैठक के दौरान अर्थव्यवस्था की स्थिति से संतुष्ट दिखे हैं और सरकार देश की विकास दर व कर संग्रह को लेकर आशावादी है। हमारी चिंता बढ़ते राजकोषीय घाटे को लेकर थी, लेकिन इसके लक्ष्य को सख्ती के साथ लागू किया जाएगा और सरकार को पूरा भरोसा है कि ये लक्ष्य हासिल होगा।

जीएसटी से राजस्व बढ़ेगा

वित्त मंत्री ने माल एवं सेवाकर को लेकर आश्वस्त किया कि खपत में जिस तरह की तेजी आ रही है, उसका असर आने वाले महीनों में जीएसटी संग्रह पर होगा। सरकार को विश्वास है कि हम प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। जीएसटी में चीजें दुरुस्त हो रही हैं और सरकार को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में आधार बढ़ने से उसके कर संग्रह में सुधार होगा, जो बजट अनुमान से अधिक रहेगा।

विनिवेश लक्ष्य हासिल करेंगे

जेटली ने भरोसा जताया कि सरकार अपने विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने में कामयाब रहेगी। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से एक लाख करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य भी पार कर लिया जाएगा।

नियंत्रण में है महंगाई

महंगाई के काबू में रहने का दावा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जहां तक पूंजीगत व्यय की बात है, सरकार पहले ही 31 अगस्त तक बजट में दिए गए व्यय का 44 प्रतिशत खर्च कर चुकी है। हम साल के अंत तक बिना किसी कटौती के पूरा खर्च कर लेंगे। महंगाई मोटे तौर पर पूरी तरह नियंत्रण में है और हम 100 प्रतिशत पूंजीगत व्यय को हासिल करेंगे।

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