मुंबई: अनिल अंबानी ने मंगलवार को घोषणा की है कि नकदी संकट से जूझ रही रिलायंस कम्युनिकेशंस अपने दूरसंचार कारोबार से पूरी तरह बाहर निकल जायेगी और भविष्य में केवल रीयल एस्टेट कारोबार पर ही ध्यान देगी। कंपनी की यहां हुई 14वीं वार्षिक आम बैठक में अंबानी ने कहा कि आरकॉम की पहली प्राथमिकता उसके 40,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज संकट का समाधान करना है। कंपनी ने दूरसंचार संवाओं के क्षेत्र में वर्ष 2000 में सस्ती पेशकश के साथ उसे सभी तक पहुंचाने का काम किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने तय किया है कि हम इस क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ेंगे। कई अन्य कंपनियों ने भी इसी तरह का ही फैसला किया है। यह भविष्य की तस्वीर है जो साफ दिखाई दे रही है।’’ अंबानी ने कहा, ‘‘जैसे जैसे हम मोबइल क्षेत्र से बाहर निकलेंगे, हम अपने एंटरप्राइज बिजनेस का उचित समय पर मौद्रीकरण करेंगे. रिलायंस रीयल्टी भविष्य में वृद्धि का इंजन होगा।’’
देश की वाणिज्यिक राजधानी के बाहरी इलाके में 133 एकड़ भूखंड पर स्थित धीरूभाई अंबानी नालेज सिटी के बारे में उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में रीयल्टी कारोबार के लिये काफी संभावनायें हैं. इस क्षेत्र में आरकॉम का कारपोरेट मुख्यालय हुआ करता था। उन्होंने इसके लिये 25,000 करोड़ रुपये का मूल्य आंका है। आरकॉम 40,000 करोड़ रुपये के कर्ज बोझ तले दबा है। उस पर चीनी बैंक सहित 38 कर्जदाताओं का कर्ज हैं। कंपनी एक रणनीति कर्ज पुनर्गठन प्रक्रिया के जरिये इसके समाधान में लगी है।
उन्होंने कहा कि कंपनी दूरसंचार विभाग से स्पेक्ट्रम साझीदारी और व्यापार के लिये अंतिम मंजूरी की प्रतीक्षा में है। अनिल अंबानी ने अपने संबोधन में बड़े भाई मुकेश अंबानी का भी धन्यवाद किया। मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो ने आरकॉम के संपत्तियों के मौद्रीकरण प्रयासों में मदद की।