ताज़ा खबरें
संविधान की प्रस्तावना में भी संशोधन कर सकती है संसदः सुप्रीम कोर्ट
संभल हिंसा: सपा सांसद बर्क और पार्टी विधायक के बेटे पर मुकदमा
संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा:अब तक 4 लोगों की मौत

बीजिंग: चीन ने आज कहा कि वह तनाव कम करने के लिये विभिन्न माध्यमों के जरिये भारत और पाकिस्तान के सम्पर्क में है और उसने उनसे कहा है कि वे अपने मतभेदों से समुचित ढंग से निपटें एवं क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाये रखने के लिये मिलकर काम करें। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने यहां मीडिया से कहा , ‘जहां तक भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का सवाल हैं हाल में चीनी पक्ष विभिन्न माध्यमों से दोनों पक्षों के साथ सम्पर्क में है ।’ क्या इस हफ्ते की शुरूआत में यहां भारत और चीन के बीच हुई पहली आतंकवाद रोधी वार्ता में उरी हमले के बाद नयी दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच मौजूदा तनाव का जिक्र हुआ। इस सवाल पर शुआंग ने कहा , ‘हमें उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान सम्पर्क बढ़ा सकते हैं और अपने मतभेदों से समुचित ढंग से निपटते हुए क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा कायम करने के लिये मिलकर काम कर सकते हैं।’ चीन किस स्तर पर दोनों देशों के साथ सम्पर्क में रहा , इस सवाल पर उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों से चीन विभिन्न स्तरों पर अक्सर बातचीत करता रहा है । भारत , भूटान , बांग्लादेश और अफगानिस्तान के बहिष्कार के बाद इस्लामाबाद में होने वाले अगले दक्षेस शिखर सम्मेलन के रद्द हो जाने संबंधी रिपोर्ट पर सावधानी से प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गेंग ने कहा , ‘दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन :दक्षेस : क्षेत्रीय सहयोग संवर्धन का महत्वपूर्ण तंत्र है । चीन दक्षेस में एक पर्यवेक्षक है । हम सहयोगात्मक प्रकिया्र का लंबे समय से समर्थन करते रहे हैं । हम इसमें लगातार विकास और शांति एवं स्थिरता के लिये एसोसियेशन के योगदान के प्रति आशान्वित हैं ।’ विदेश मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति में कल रात कहा गया कि चीन कश्मीर पर पाकिस्तान के दृष्टिकोण को ‘महत्व ’ देता है और उम्मीद करता है कि नयी दिल्ली और इस्लामाबाद क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता को बनाये रखने के लिये बातचीत के चरिये मुद्दे का हल ढूंढेंगे।

वाशिंगटन: अमेरिकी सीनेट ने आज राष्ट्रपति बराक ओबामा की ओर से उस विधेयक पर किए गए वीटो को रद्द करने के लिए भारी बहुमत से मतदान किया जिसमें 9/11 हमले के पीड़ितों को सउदी अरब पर मुकदमा करने की इजाजत दी गई है। ओबामा के आठ साल के कार्यकाल में यह पहला मौका है जब उनके वीटो को अमेरिकी कांग्रेस के किसी सदन ने रद्द करने के लिए इस तरह से मतदान किया है। सीनेट के 97 सदस्यों ने ओबामा के वीटो को रद्द करने के पक्ष में मतदान किया, जबकि इसके विरोध में सिर्फ एक वोट मिला। नेवादा से डेमोक्रेट सीनेटर और ओबामा के करीबी साथी हैरी रीड ने विरोध में मतदान किया। अब बाद में इसी को लेकर प्रतिनिधि सभा में भी मतदान होगा। ‘जस्टिस अगेंस्ट स्पांसर्स ऑफ टेररिज्म ऐक्ट’ (जास्टा) नामक इस विधेयक पर ओबामा ने वीटो किया था। ओबामा के कार्यकाल के आखिरी दौर में उनके किसी वीटो को इस तरह से खारिज किए जाने से यही संकेत मिलता हैं कि व्हाइट हाउस की स्थिति बहुत कमजोर हो चुकी है। अपने अब तक के कार्यकाल में ओबामा ने 12 बार वीटो किया, लेकिन अब तक किसी को रद्द नहीं किया गया था।

नई दिल्ली: भारत की पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर जहां भारत में जहां खुशी का माहौल है वहीं पाकिस्तान में इसको लेकर फूट की खबरें आ रही हैं। पाकिस्तान सेना इसे सर्जिकल स्ट्राइक मानने से इंकार कर दिया है। पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि भारतीय सेना की इस कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना के दो जवान मारे गए हैं और नौ जवान घायल हुए हैं। इसके बाद नवाज शरीफ ने कहा है, ‘देश की सुरक्षा और संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने के शैतानी मंसूबों का मुंहतोड़ जवाब देंगे।’ नवाज शरीफ ने कहा है ‘हमारी अमन की ख्वाहिश को कमरोजी न समझा जाए। हमारी फौज सरहद की सुरक्षा पूरी ताकत रखता है। भारतीय फौज का मुकाबला करने और वतन की सुरक्षा करने के लिए तैयार है।’ आपको बता दें कि शरीफ ने एक उच्चस्तरीय बैठक में भाग लेने के बाद ये भी कहा कि ‘दुनिया इस बात की गवाह है कि पाकिस्तान ने विश्व शांति के लिए जबर्दस्त कुर्बानी दी है और बहुत उकसाने के बावजूद पाकिस्तान ने बेमिसाल और अभूतपूर्व संयम बरता है।’ इस बैठक में ‘भारतीय क्षेत्र वाले कश्मीर में कथित तौर पर मानवाधिकारों के उल्लंघन पर गहरी चिंता जताई गई और भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा शक्ति के बर्बर प्रयोग की कड़ी निंदा की गई।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान शांतिपूर्ण दक्षिण एशिया के लिए संघर्ष जारी रखेगा। शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीरियों को नैतिक और कूटनीतिक समर्थन देना तब तक जारी रखेगा जब तक कश्मीर की जनता की आकांक्षाओं के अनुसार कश्मीर मुद्दे का समाधान नहीं हो जाता।

तेल अवीव: इजराइल के पूर्व राष्ट्रपति शिमोन पेरेज भारत और उसके नेताओं के बड़े प्रशंसक थे तथा उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए हमेशा भारत का समर्थन किया। पेरेज का आज निधन हो गया। 93 वर्षीय इन राजनेता को दुनियाभर में लोग मानते थे, लेकिन उनके राजनीतिक करियर के एक बड़े हिस्से के दौरान उन्हें ध्रुवीकरण के हिमायती के रूप में देखा जाता था। वह भारत के महान नेताओं, महात्मा गांधी एवं जवाहरलाल नेहरू से प्रेरित थे। वह अक्सर गांधी को ‘पैगंबर’ और नेहरू को ‘राजा’ कहते थे। उनका कहना था, ‘भारत का सौभाग्य है कि उसे ये दो महान एवं अविस्मरणीय नेता मिले।’ पेरेज अक्सर इसका जिक्र किया करते थे कि गांधी की आत्मकथा तथा नेहरू की ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ पढ़ना कितना अच्छा अनुभव है। इन दोनों कृतियों का हिब्रू में अनुवाद किया गया था। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता ने 2012 में तत्कालीन विदेश मंत्री एस एम कृष्णा से कहा, ‘हमारे लिए, भारत सर्वप्रथम एक संस्कृति है। फिर, यह हमारे लिए धरती पर एक महान लोकतंत्र है और आजादी की भावना को बचाए रखते हुए गरीबी से उबरने की अविश्वसनीय उपलब्धि वाला देश है।’ पेरेज ने इजराइल के राष्ट्रपति रहने के दौरान कहा था, ‘मेरी इच्छा है कि भारत सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बने।’ उन्होंने कई मौकों पर कई बार यही भावना दोहरायी। इजराइल के पूर्व राष्ट्रपति भारत के बहुलवाद एवं सह अस्तित्व माडल की भी अक्सर सराहना करते थे और दुनिया से भारतीय अनुभव से सीख लेने का आह्वन करते थे।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख