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        यरूशलम: फलस्तीन के साथ एक सदी तक चले विवाद को खत्म करने के प्रयास के लिए नोबेल पुरस्कार जीतने वाले इजराइल के पूर्व राष्ट्रपति शिमोन पेरेज का आज निधन हो गया। दो हफ्ते पहले उन्हें मस्तिष्काघात हुआ था। दुनिया के हर कोने से उन्हें भावभीनी श्रद्धांजली दी जा रही है। 93 वर्षीय पेरेज दो बार इजराइल के प्रधानमंत्री रहे। बाद में वह देश के नौवें राष्ट्रपति बने थे। उन्हें 13 सितंबर को मस्तिष्काघात हुआ था जिसके कारण उनके मस्तिष्क को गंभीर क्षति पहुंची थी। कल उनके महत्वपूर्ण अंगों ने भी काम करना बंद कर दिया था। वे भारत के बहुत बड़े प्रशंसक थे और इस देश को धरती का सबसे महान लोकतंत्र बताते थे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन भी किया था। मस्तिष्काघात के बाद पेरेज को तेल हाशोमर में शेबा मेडिकल सेंटर में भर्ती करवाया गया था। तड़के तीन बजे नींद में ही उनकी मौत हो गई। उनके बेटे चेमी पेरेज ने संवाददाताओं से कहा, ‘आज बड़े दुख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि इस्राइल के नौंवे राष्ट्रपति और मेरे प्रिय पिता को हमें अंतिम विदाई देनी होगी।’ शिमोन पेरेज की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में ओस्लो शांति समझौते को अंजाम तक पहुंचाना शामिल है। इसके लिए उन्हें तत्कालीन इस्राइली प्रधानमंत्री यित्जाक राबिन के साथ शांति का नोबल पुरस्कार संयुक्त रूप से दिया गया था। उन्होंने फलस्तीन लिबरेशन संगठन के अध्यक्ष यासिर अराफात के साथ यह समझौता किया था। इस समझौते के कारण फलस्तीन में यहूदियों और अरब लोगों के बीच विवाद में ऐतिहासिक सफलता हासिल हुई थी। इस्राइल और फलस्तीन के बीच यह पहला शांति समझौता था।

ढाका: मुसलमानों की बहुलता वाले बांग्लादेश के उत्तर पूर्वी इलाके में नवरात्रि से पहले कुछ अज्ञात लोगों ने देवी दुर्गा की प्रतिमाओं के साथ तोड़-फोड़ की। यह घटना हबीबगंज जिले के नबीगंज उपजिला अंतर्गत फुतरमाती गांव में कल देर रात घटित हुई। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद कहा कि एक मामूली विवाद को लेकर कुछ स्थानीय युवकों का इलाके में प्रतिमा बना रहे कलाकारों से झगड़ा हो गया। हाथापाई के दौरान कुछ लोगों ने मूर्तियां तोड़ दी। पुलिस ने प्रतिमाओं के साथ तोड़-फोड़ करने के मामले में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इस संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। भारत, नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश एवं पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में विजयदशमी :जिसे दशहरा के रूप में भी जानते हैं: त्यौहार में देवी दुर्गा की प्रतिमा की पूजा की जाती है।

इस्लामाबाद: यहां की एक आतंकरोधी अदालत (एटीसी) ने पाकिस्तान के न्यायिक आयोग को कराची जाकर उस नौका की जांच करने को कहा है जिसका इस्तेमाल कथित तौर पर लश्कर ए तैयबा के आतंकियों ने मुंबई में साल 2008 में हुए हमले में किया था। मुंबई आतंकी हमला मामले की सुनवाई के दौरान कल एटीसी के एक न्यायाधीश ने संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के कराची में ‘अल्फोज’ नाम की नौका की जांच के अनुरोध को स्वीकार कर लिया था। एफआईए ने अदालत से कहा था कि चूंकि नौका को अदालत में पेश करना मुश्किल है इसलिए वह नौका के परीक्षण के लिए न्यायिक आयोग को वहां भेजे। आयोग कराची जाकर नौका की जांच करेगा और एक चश्मदीद मुनीर का बयान भी दर्ज करेगा। इससे पहले एटीसी के द्वितीय न्यायाधीश ने नौका को सबूत मानने के एजेंसी के अनुरोध को स्वीकार कर लिया था जिसका कहना था कि इस नौका का इस्तेमाल भारत में आंतकियों को भेजने में किया गया था जिसकी परिणिति अंतत: मुंबई हमले के रूप में हुई। अदालत का फैसले आने से कुछ दिन पहले ही भारत ने पाकिस्तान को पत्र लिखकर मुंबई आतंकी हमले के मुकदमे में तेजी लाने के लिए उसे कानूनी उपाय सुझाए थे। एजेंसी ने मुंबई आतंकी हमले के संदिग्ध सुफियान जफर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलने पर उस पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया था। इसी के बाद भारत ने पाकिस्तान यह पत्र लिखा था। एजेंसी ने अदालत में पेश आरोप पत्र में जफर का नाम दूसरे स्तंभ में लिखा है जिसका मतलब यह है कि उसके खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिला है।

वॉशिंगटन: सीरियाई शहर अलेप्पो में नए सिरे से हिंसा जारी है और रक्तपात रोकने में कूटनीति की नाकामी को लेकर वॉशिंगटन की आलोचना भी हो रही है लेकिन इसी बीच अमेरिका ने इस देश के लिए नए राहत पैकेज का ऐलान किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह 36.4 करोड़ डॉलर की राशि संयुक्त राष्ट्र की उन राहत एजेंसियों और गैर सरकारी संगठनों को देगा जो युद्ध प्रभावित देश के अंदर और बाहर सीरियाई नागरिकों की मदद के लिए काम कर रहे हैं। इस राशि को मिला कर अमेरिका की सीरिया में पांच साल पहले युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक खर्च की गई राशि करीब 5.9 अरब डॉलर हो चुकी है और वह इस युद्ध प्रभावित देश के लिए सबसे बड़ा दानदाता बन गया है। बहरहाल आबादी, शरणार्थी और प्रवासी मामलों की सहायक विदेश मंत्री ऐनी रिचर्ड ने पुष्टि की है कि यह राशि कांग्रेस द्वारा पहले से ही आवंटित कोष में से आएगी और अमेरिका की ओर से कोई नयी राहत नहीं है। उन्होंने वर्ष 2016 के लिए सरकारी व्यय की अवधि समाप्त होने से तीन दिन पहले संवाददाताओं को बताया ‘और शायद यह .. इस वित्त वर्ष में हमारी आखिरी घोषणा है।’ सीरिया में वर्ष 2011 के शुरू में जब तानाशाह बशर अल असद ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर अपना दमन चक्र चलाया, तब से वहां गृह युद्ध चल रहा है। अब तक इस हिंसा में 3,00,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं तथा लाखों लोग विस्थापित भी हुए हैं।

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