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तेल अवीव: इजराइल के पूर्व राष्ट्रपति शिमोन पेरेज भारत और उसके नेताओं के बड़े प्रशंसक थे तथा उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए हमेशा भारत का समर्थन किया। पेरेज का आज निधन हो गया। 93 वर्षीय इन राजनेता को दुनियाभर में लोग मानते थे, लेकिन उनके राजनीतिक करियर के एक बड़े हिस्से के दौरान उन्हें ध्रुवीकरण के हिमायती के रूप में देखा जाता था। वह भारत के महान नेताओं, महात्मा गांधी एवं जवाहरलाल नेहरू से प्रेरित थे। वह अक्सर गांधी को ‘पैगंबर’ और नेहरू को ‘राजा’ कहते थे। उनका कहना था, ‘भारत का सौभाग्य है कि उसे ये दो महान एवं अविस्मरणीय नेता मिले।’ पेरेज अक्सर इसका जिक्र किया करते थे कि गांधी की आत्मकथा तथा नेहरू की ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ पढ़ना कितना अच्छा अनुभव है। इन दोनों कृतियों का हिब्रू में अनुवाद किया गया था। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता ने 2012 में तत्कालीन विदेश मंत्री एस एम कृष्णा से कहा, ‘हमारे लिए, भारत सर्वप्रथम एक संस्कृति है। फिर, यह हमारे लिए धरती पर एक महान लोकतंत्र है और आजादी की भावना को बचाए रखते हुए गरीबी से उबरने की अविश्वसनीय उपलब्धि वाला देश है।’ पेरेज ने इजराइल के राष्ट्रपति रहने के दौरान कहा था, ‘मेरी इच्छा है कि भारत सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बने।’ उन्होंने कई मौकों पर कई बार यही भावना दोहरायी। इजराइल के पूर्व राष्ट्रपति भारत के बहुलवाद एवं सह अस्तित्व माडल की भी अक्सर सराहना करते थे और दुनिया से भारतीय अनुभव से सीख लेने का आह्वन करते थे।

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