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इस्लामाबाद: पाकिस्तान से बाहर निकलने में पूर्व सेना प्रमुख राहील शरीफ से मदद मिलने का दावा करके हाल ही में सुखिर्यां बनाने वाले पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने सोमवार को कहा कि उन्होंने राहील से कभी मदद नहीं मांगी और उनको बयान को मीडिया ने गलत ढंग से पेश किया। मुशर्रफ ने एक टेलीविजन चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया और न ही मैंने किसी से संपर्क किया था। राहील शरीफ ने मेरे साथ कोई चर्चा नहीं की थी और न ही मैंने उनसे कोई आग्रह किया था।’ उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह ‘दुनिया न्यूज’ चैनल को दिए उनके बयान को मीडिया ने गलत ढंग से पेश किया। मुशर्रफ ने पहले कहा था कि पाकिस्तान छोड़ने में राहील शरीफ ने उनकी मदद की थी।

सोल: भ्रष्टाचार के मामले में महाभियोग में दोषी ठहराई जा चुकी दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्युन ह्ये के मुद्दे पर दक्षिण कोरिया के कई दर्जन सांसदों ने सत्तारूढ़ रूढ़िवादी साएनुरी पार्टी छोड़ दी जिसका असर आगामी महीनों में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पर पड़ सकता है। पार्क विरोधी 29 सांसदों ने मंगलवार को साएनुरी पार्टी छोड़ दी थी। अब वे नई रूढ़िवादी पार्टी के गठन पर विचार कर रहे हैं। वे संयुक्त राष्ट्र के निवर्तमान महासचिव बान की-मून को अपना राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने का प्रयास कर सकते हैं। रूढ़िवादी सांसदों की सारी उम्मीदें बान पर टिकी हैं। पार्क के महाभियोग पर दक्षिण कोरिया के सांसदों के बीच नौ दिसंबर को मत विभाजन हुआ था। पार्क पर आरोप हैं कि उन्होंने धन उगाही और कंपनियों से फायदा उठाने के लिए अपने एक करीबी के साथ साठगांठ किया, और अपने दोस्त करीबी को सरकारी मामलों में दखल देने दिया।

 

इस्लामाबाद: विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने पाकिस्तान के वित्त मंत्री सीनेटर इसहाक डार के साथ फोन पर बातचीत के दौरान भारत-पाक जल विवाद पर चर्चा की। इससे कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान ने विश्व बैंक से इस मुद्दे पर ‘उसकी जिम्मेदारियां निभाने’ के लिए कहा था। डॉन अखबार ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से कहा कि फोन पर बातचीत कल की गई। डार ने दो पनबिजली संयंत्रों -किशनगंगा और रटले- को लेकर चल रहे विवाद के संदर्भ में 23 दिसंबर को किम को एक पत्र लिखा था। भारत इन दो संयंत्रों का निर्माण सिंधु नदी प्रणाली पर कर रहा है। डार ने अपने पत्र में लिखा कि मध्यस्थता में देरी से सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान के हितों और अधिकारों पर गंभीर असर पड़ेगा। पत्र में कहा गया कि पाकिस्तान मध्यस्थता अदालत का अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए पूर्व में किए गए अपने अनुरोध को वापस नहीं ले रहा। चूंकि इस प्रक्रिया में पहले ही बहुत देरी हो चुकी है, इसलिए इस्लामाबाद चाहता है कि विश्व बैंक जल्दी से जल्दी अध्यक्ष की नियुक्ति करे। पाकिस्तान का मानना है कि चूंकि भारत दोनों विवादित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए दिन-रात काम कर रहा है, ऐसे में अगर और अधिक देरी की जाती है तो पाकिस्तान के हितों को नुकसान पहुंचेगा और इन्हें उलटना संभव नहीं होगा। वर्ष 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु नदी जल संधि के तहत सिंधु नदी घाटी की नदियों को दोनों देशों के बीच बांटा गया।

कराची: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी संभवत: कल अपनी पत्नी बेनजीर भुट्टो की पुण्यतिथि पर रैली को संबोधित करने के दौरान विपक्षी दलों के महागठबंधन की घोषणा कर सकते हैं। नवाज शरीफ सरकार के खिलाफ वह महागठबंधन बना रहे हैं, इस संबंध में मीडिया में आयी खबरों के बारे में पूछने पर जरदारी ने आज संवाददाताओं से कहा कि वह आगे की रणनीति की खुलासा 27 दिसंबर को करेंगे। दुबई और लंदन में 18 महीने के स्व-निर्वासन के बाद शुक्रवार को लौटे पूर्व राष्ट्रपति और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी :पीपीपी: के सह-अध्यक्ष जरदारी ने कल पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क्यू के अध्यक्ष चौधरी शुजात हुसैन से भेंट की। इसके बाद सरकार के खिलाफ गठबंधन की अटकलें और तेज हो गयी हैं। जरदारी ने संकेत दिया है कि मध्यावधि चुनाव के हालात पैदा हो सकते हैं और लाहौर इस बदलाव का केन्द्र हो सकता है। पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी पहले ही सरकार से पार्टी की चार मांगों को मानने या बड़े आंदोलन का सामना करने की बात कह चुके हैं। पूर्व प्रधानमंत्री हुसैन ने कहा कि शरीफ के नेतृत्व में लोकतंत्र खतरे में हैं और लोकतंत्र को बचाने के लिए विपक्षी दलों का गठबंधन वक्त की मांग है। उन्होंने कहा, ‘‘हम लोकतंत्र को बंधक नहीं होने देंगे।’’ सूत्रों का कहना है कि हुसैन और जरदारी ने उन समान बिन्दुओं पर चर्चा की, जिसपर विपक्षी दल सरकार के खिलाफ एकजुट हो सकते हैं। खबरों के अनुसार, जरदारी ने पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में पीपीपी को फिर से जीवित करने पर बात की।

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