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मास्को/दमिश्क: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सीरियाई शासन और विद्रोहियों के बीच संघर्ष विराम पर हस्ताक्षर होने और उनके शांति वार्ता के लिए रजामंद हो जाने की आज घोषणा की। इस बीच, सीरिया की सेना ने कहा है कि रूस और तुर्की की मध्यस्थता वाले एक समझौते के तहत यह आधी रात से सारी सैन्य कार्रवाई रोकेगा। विपक्षी नेशनल कोलेशन ने समझौते का समर्थन करने की घोषणा की है। पुतिन ने टीवी पर की गई टिप्पणी में कहा कि दमिश्क और काफी संख्या में सशस्त्र विपक्ष ने सीरिया में संघर्ष विराम पर एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किया है और शांति वार्ता के प्रति उनकी तत्परता की भी घोषणा की है। पुतिन ने अपने रक्षा और विदेश मंत्रियों के साथ एक बैठक में कहा, ‘तीन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर हुए हैं। पहला, सीरिया में संघर्ष विराम के लिए सीरिया सरकार और सशस्त्र विरोधियों के बीच है। दूसरे दस्तावेज में संघर्ष विराम को सत्यापित करने के उपायों की सूची है। तीसरे दस्तावेज में शांति वार्ता शुरू करने की उनकी तत्परता की घोषणा है।’ रूस के रक्षा मंत्री सेर्गेई शोइगु ने कहा कि शांति समझौता आधी रात से प्रभावी होगा। सीरियाई सेना ने घोषणा की है कि वह सभी हमलों को रोकने की तैयारी कर रही है। शोइगु ने कहा कि जिन विद्रोही संगठनों ने संघर्ष विराम पर हस्ताक्षर किया है उनमें करीब 62,000 लड़ाके हैं। सीरिया की विपक्षी ‘नेशनल कोलेशन’ ने घोषणा की है कि इसने तुर्की और रूस द्वारा मध्यस्थता वाले राष्ट्रव्यापी संघर्ष विराम का समर्थन किया है जो आधी रात से प्रभावी होगा। संघर्ष विराम समझौता के परिणामस्वरूप, पुतिन ने कहा है कि रूस सीरिया में अपने सैनिकों की संख्या में कटौती करेगा।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और भूतपूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के पुत्र बिलावल भुट्टो जरदारी संसद के लिए निर्वाचित होने के बाद नेशनल असेंबली में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका संभालने की तैयारी में हैं। समाचार पत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ के अनुसार 24 साल के बिलावल नेता प्रतिपक्ष के तौर पर 64 साल के खुर्शीद शाह का स्थान लेंगे। ऑक्सफोर्ड से पढ़ाई करने वाले बिलावल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख हैं। अखबार का कहना है कि बिलावल की संभावित पदोन्नति की खबरों को खुद शाह ने सार्वजनिक किया है। इससे एक दिन पहले ही जरदारी ने एलान किया था कि बिलावल लरकाना संसदीय सीट से उप चुनाव लड़ेंगे। लरकाना सिंध प्रांत में है और यह भुट्टो परिवार का गृहनगर है। शाह ने सिंध प्रांत के सुक्कूर में बीती रात संवाददाताओं से कहा, ‘बिलावल भुट्टो नेता प्रतिपक्ष होंगे और मैं उनके सलाहकार के तौर पर सहयोग करूंगा, जबकि उनके पिता संसदीय राजनीति पर उनका मार्गदर्शन करेंगे।’ पीपीपी के एक प्रवक्ता ने शाह के बयान के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह संभव है कि बिलावल नेता प्रतिपक्ष बन जाएं।

कोलंबो: पूर्व श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने आज दावा किया कि श्रीलंका में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर भारत ‘खामोश’ है, जबकि उनके कार्यकाल के दौरान इस मुद्दे को लेकर भारत अधिक मुखर था। राजपक्षे ने विदेशी पत्रकारों से कहा, ‘जब चीनी पनडुब्बियां कोलंबो के तट पर आई थीं तो मेरे भारतीय दोस्त चिल्ला रहे थे। परंतु अब वे चूहों की तरह खामोश हैं।’ यह पूछे जाने पर कि किस आधार पर वह चीनी प्रभाव को लेकर भारतीयों के चिंतत नहीं होने का दावा कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘उस वक्त वे खुलकर बोल रहे थे।’ राजपक्षे ने कहा कि वह अपने गृहनगर हम्बनटोटा में एक औद्योगिक पार्क के लिए चीन को 15,000 एकड़ जमीन दिए जाने के विरोध में हैं। उन्होंने कहा, ‘हम औद्योगिक पार्क का स्वागत करते हैं लेकिन 15,000 एकड़ जमीन बहुत अधिक है।’ श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति ने यह भी दावा किया कि लिट्टे के खिलाफ युद्ध में उनका समर्थन करने वाला भारत ने अमेरिका के प्रभाव में आकर उनके खिलाफ काम किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम, भारत की रॉ और अन्य की ओर से चलाए गए सतत अभियान की वजह से उनकी सरकार चली गई।

वाशिंगटन: निवर्तमान ओबामा प्रशासन अमेरिकी आम चुनावों में राजनीतिक दलों और नेताओं के सर्वरों और ईमेलों की साइबर हैकिंग में रूस की कथित संलिप्तता के चलते उसके खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहा है। इस बात की जानकारी कई मीडिया रिपोर्ट में सामने आई है। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के हवाले से सीबीएस न्यूज और सीएनएन ने कहा कि नए प्रतिबंध रूसी खुफिया एजेंसी और उसके अधिकारियों को निशाना बना सकते हैं। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि खुफिया एजेंसी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की शह पर काम किया। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिबंधों की घोषणा गुरूवार को की जा सकती है। राष्ट्रपति बराक ओबामा पहले ही कथित रूसी हैकिंग की जांच की घोषणा कर चुके हैं। इसकी रिपोर्ट जनवरी की शुरूआत में आ सकती है। अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा कि प्रशासन को ‘अपनी ओर से पूरी कोशिश करनी चाहिए और हर चीज का पता लगाना चाहिए।’ सीबीएस न्यूज ने कहा कि व्हाइट हाउस ऐसे कदम उठाने की कोशिश कर रहा है, जिसे आगामी प्रशासन उलट नहीं सकता। अब तक ट्रंप ने साइबर हमलों में रूसी भूमिका को मानने से इनकार किया है। प्रशासनिक अधिकारी भी इसे ऐसा बना देना चाहेंगे कि नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उनके उठाए किसी कदम को उलटना मुश्किल हो जाए। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने द वाशिंगटन पोस्ट को बताया, ‘यहां एक लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारे पास मौजूद इतने अधिक रिकॉर्ड सार्वजनिक कर दिए जाएं या कांग्रेस को इस रूप में जानकारी दे दी जाए कि इनसे पीछे हटना मुश्किल हो जाए।’’

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