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कराची: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी संभवत: कल अपनी पत्नी बेनजीर भुट्टो की पुण्यतिथि पर रैली को संबोधित करने के दौरान विपक्षी दलों के महागठबंधन की घोषणा कर सकते हैं। नवाज शरीफ सरकार के खिलाफ वह महागठबंधन बना रहे हैं, इस संबंध में मीडिया में आयी खबरों के बारे में पूछने पर जरदारी ने आज संवाददाताओं से कहा कि वह आगे की रणनीति की खुलासा 27 दिसंबर को करेंगे। दुबई और लंदन में 18 महीने के स्व-निर्वासन के बाद शुक्रवार को लौटे पूर्व राष्ट्रपति और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी :पीपीपी: के सह-अध्यक्ष जरदारी ने कल पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क्यू के अध्यक्ष चौधरी शुजात हुसैन से भेंट की। इसके बाद सरकार के खिलाफ गठबंधन की अटकलें और तेज हो गयी हैं। जरदारी ने संकेत दिया है कि मध्यावधि चुनाव के हालात पैदा हो सकते हैं और लाहौर इस बदलाव का केन्द्र हो सकता है। पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी पहले ही सरकार से पार्टी की चार मांगों को मानने या बड़े आंदोलन का सामना करने की बात कह चुके हैं। पूर्व प्रधानमंत्री हुसैन ने कहा कि शरीफ के नेतृत्व में लोकतंत्र खतरे में हैं और लोकतंत्र को बचाने के लिए विपक्षी दलों का गठबंधन वक्त की मांग है। उन्होंने कहा, ‘‘हम लोकतंत्र को बंधक नहीं होने देंगे।’’ सूत्रों का कहना है कि हुसैन और जरदारी ने उन समान बिन्दुओं पर चर्चा की, जिसपर विपक्षी दल सरकार के खिलाफ एकजुट हो सकते हैं। खबरों के अनुसार, जरदारी ने पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में पीपीपी को फिर से जीवित करने पर बात की।

फिलहाल प्रांत में शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन की पकड़ बहुत मजबूत है।

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