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बीजिंग: चीन के सरकारी मीडिया ने दलाई लामा का कार्ड इस्तेमाल करने के खिलाफ भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि नई दिल्ली ‘बिगड़ैल बच्चे’ की तरह व्यवहार करना बंद करे और इस बात से सबक ले कि अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति द्वारा ‘एक चीन’ नीति को चुनौती देने के बाद चीन ने डोनाल्ड ट्रंप को कैसे संभाला। सरकारी ग्लोबल टाइम्स में एक लेख में कहा गया है कि कभी-कभी भारत बिगड़ैल बच्चे की तरह व्यवहार करता है जो दुनिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र होने का ताज ले जाता है। भारत के पास महान देश होने की क्षमता है लेकिन देश की दृष्टि अदूरदर्शी है। इसमें कहा गया है कि भारत को ताइवान को लेकर बीजिंग और ट्रंप के बीच की हाल की बातचीत से कुछ सबक सीखना चाहिए। अखबार ने कहा कि अपने जरूरी हितों की रक्षा करने को लेकर चीन की दृढ़ता जानने के बाद, ट्रंप ने चीन का संयम देखा लेकिन उचित निरोधक उपाय किए गए और यह समझना चाहिए कि चीन की संप्रभु अखंडता और राष्ट्रीय एकता को छुआ नही जा सकता है। हालांकि लेख में निरोधक उपायों के बारे में नहीं बताया गया है। इसके अलावा चीन ने ताइवान के राष्ट्रपति को ट्रंप द्वारा फोन करने पर और एक चीन की नीति के बारे में सवाल करने की उनकी टिप्पणी पर चीन विरोध कर रहा है। उधर, अमेरिका और ट्रंप की ओर से विरोध के बाद चीन ने उस ड्रोन को वापस कर दिया जिसे उसने दक्षिण चीन सागर में पकड़ा था। इस घटनाक्रम को अगले महीने निर्वाचित राष्ट्रपति के पदभार ग्रहण से पहले चीन द्वारा अपने तेवर कम करने की कोशिश के तौर देखा गया।

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के निवर्तमान प्रमुख बान की मून ने भारत एवं पाकिस्तान के बीच हालिया महीनों में नियंत्रण रेखा पर तनाव बढ़ने पर चिंता व्यक्त करते हुए दोनों देशों से वार्ता के जरिए आपसी मतभेद सुलझाने एवं संयम बरतने की अपील की है। महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक ने भारत एवं पाकिस्तान के बीच तनाव संबंधी एक प्रश्न के उत्तर में यहां संवाददाताओं से कहा कि कश्मीर में हालात पर बान की मून का बहुत एक सा रूख रहा है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के रूप में बान की मून का 10 साल का कार्यकाल इस महीने समाप्त होगा। हक ने कहा, ‘मैं केवल यह कहना चाहता हूं कि महासचिव का एक सा रूख रहा है। हमने पिछले महीने भी यही बात कही थी कि हम नियंत्रण रेखा पर तनाव बढ़ाने को लेकर चिंतित हैं। वह भारत सरकार एवं पाकिस्तान सरकार से संयम बरतने की अपील करते हैं और वार्ता के जरिए शांतिपूर्ण तरीके से मतभेद सुलझाने के प्रयासों को जारी रखने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करते हैं।’ पाकिस्तानी संवाददाता ने जब हक से इस बारे में प्रश्न किया कि महासचिव भारत पाकिस्तान संघर्ष के बारे में बात करने के लिए अपने कार्यकाल में भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर बात करने को लेकर बहुत अनिच्छुक रहे हैं तो हक ने इस बात से असहमति व्यक्त की। हक ने कहा, ‘मैं इस बात पर आप से असहमत हूं। हमने विशेषकर कश्मीर पर और भारत एवं पाकिस्तान के बीच हालात समेत कई मामलों पर बयान दिए हैं। हमने संवाददाताओं को बयान एवं नोट दिए हैं। पिछला बयान कुछ ही सप्ताह पहले दिया गया था इसलिए मैं आपको उन पर नजर डालने की सलाह दूंगा।’

वाशिंगटन: यूरोप और तुर्की में हुए आतंकी हमलों को ‘भयावह’ करार देते हुए अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि आतंकवाद के इन कृत्यों ने देश में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगाने के बारे में उन्हें ‘सही’ साबित कर दिया है । ट्रंप ने कहा, ‘भयावह । भयावह । जो भी हो रहा है, वह भयावह है, भयावह । असल में, अभी यहां हमारे पास खुफिया जानकारी है लेकिन जो भी हो रहा है, वह भयावह है ।’ उन्होंने फ्लोरिडा में अपने मार-ए-लागो क्लब में संवाददाताओं से कहा कि यह मानवता पर हमला है और हर कोई उनकी योजनाओं (अमेरिका में मुसलमानों का प्रवेश प्रतिबंधित करने) के बारे में जानता है । यह पूछे जाने पर कि क्या यूरोप और तुर्की में हुए आतंकी हमलों ने उन्हें अमेरिका में मुसलमानों के पंजीकरण अथवा उनका प्रवेश प्रतिबंधित करने की उनकी योजनाओं पर फिर से सोचने या फिर से मूल्यांकन करने को विवश किया है, ट्रंप ने कहा, ‘आप मेरी योजनाओं के बारे में जानते हैं ।’ उन्होंने कहा, ‘कुल मिलाकर, मैं सही साबित हुआ हूं । 100 प्रतिशत सही। जो भी हो रहा है, वह शर्मनाक है ।’ ट्रंप ने कहा, ‘यह मानवता पर हमला है । इसे रोकना होगा ।’ उन्होंने कहा कि आतंकी हमलों के बाद से उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से बात नहीं की है। ट्रंप और मीडिया के बीच संक्षिप्त बातचीत के बाद वाशिंगटन पोस्ट ने एक रिपोर्ट में कहा कि ट्रंप अमेरिका में मुसलमानों के पंजीकरण या उनके प्रवेश को प्रतिबंधित करने की अपनी योजना ‘के साथ खड़े प्रतीत होते हैं ।’

ढाका: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर जा रहे राष्ट्रीय विमान वाहक ‘विमान बांग्लादेश एयरलाइन’ के विमान में तकनीकी गड़बड़ी के मामले में इसके सात इंजीनियरों को गिरफ्फ्तार किया गया है। विमान में गड़बड़ी के चलते इसे आपात स्थिति में उतारना पड़ा था। ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस की इकाई ने बीती रात इन इंजीनियरों को गिरफ्तार किया। पुलिस के एक प्रवक्ता ने संवाददाताओं को बताया, ‘ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस की काउंटर टेररिज्म एंड ट्रांजिशनल क्राइम (सीटीटीसी) इकाई ने बीती रात देश की राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न इलाकों से आरोपियों को गिरफ्तार किया।’ ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस के अतिरिक्त उपायुक्त मोहम्मद यूसुफ अली ने बताया कि सभी संदिग्ध इंजीनियरिंग शाखा से संबद्ध थे और इनमें विमान के दो मुख्य इंजीनियर और एक प्रधान इंजीनियर भी शामिल थे। सीटीटीसी प्रमुख मोनिरूल इस्लाम ने कहा, ‘इस संबंध में पुलिस जांच जारी है और अब सीटीटीसी इनसे पूछताछ कर रही है। हमलोग यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि यह गड़बड़ी उनकी साजिश का हिस्सा थी या नहीं।’ पिछले महीने इस वीवीआईपी विमान के इंजन में तकनीकी खराबी आ जाने के कारण इसे तुर्कमेनिस्तान में अश्काबाद अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पर आपात स्थिति में उतारना पड़ा था। इससे पहले एयरलाइन ने ड्यूटी में लापरवाही के आरोप पर अपने नौ अधिकारियों को निलंबित किया था जिसके कारण प्रधानमंत्री के विमान को आपात स्थिति में उतारना पड़ा।

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