ताज़ा खबरें
उत्तराखंड के माणा में बर्फ में दबे 32 लोगों को बचाया, अभी 25 लापता
आतिशी ने विपक्षी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई पर अध्यक्ष को लिखा पत्र
असम चुनाव में कांग्रेस वोटर लिस्ट में बदलावों पर रखेगी पैनी नज़र
संभल की मस्जिद में अभी रंगाई पुताई नहीं होगी, हाई कोर्ट का फैसला

लखनऊ: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव 2019 के आने वाले परिणाम को लेकर काफी आश्वस्त नजर आ रहे हैं। उन्होंने सोमवार को बसपा सुप्रीमो मायावती से मुलाकात की एक तस्वीर ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा, अब अगले कदम की तैयारी...। गौरतलब है कि अंतिम चरण के बाद आए एग्जिट पोल में यूपी में महागठबंधन को ज्यादा प्रभावी दिखाया गया है। हालांकि, केंद्र में फिर से पूर्ण बहुमत की मोदी सरकार बनने की संभावनाएं व्यक्त की गई हैं। हालांकि, भाजपा विरोधी दलों ने एग्जिट पोल को नकार दिया है। उनका कहना है कि एग्जिट पोल पहले भी गलत साबित होते रहे हैं इसलिए इन पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

अखिलेश ने पहले ही प्रधानमंत्री पद के लिए मायावती का नाम लिया है। वहीं, इस मुलाकात से यह भी संकेत देने का प्रयास किया गया है कि जो भी परिणाम आएगा। सपा-बसपा मिलकर ही निर्णय लेंगे। आपको बता दें कि यूपी में सपा ने 37 और बसपा ने 38 सीटों पर चुनाव लड़ा है। तीन सीटें राष्ट्रीय लोकदल व अमेठी और रायबरेली की सीट कांग्रेस के लिए छोड़ी गई थी।

लखनऊ: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र में नई सरकार का गठन होगा। मतदाताओं ने गठबंधन को भरपूर समर्थन देने के साथ ही भाजपा सरकार को अलविदा कह दिया है। सत्ता दल द्वारा सरकारी तंत्र के दुरुपयोग के बावजूद लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने बुनियादी मुद्दों को तरजीह न देकर आरोप-प्रत्यारोप और समाज को बांटने वाली राजनीति को अपनाया।

अखिलेश ने रविवार को जारी बयान में कहा कि प्रदेश के किसानों, नौजवानों और अल्पसंख्यकों में सत्तारूढ़ दल के प्रति जबर्दस्त नाराजगी दिखी। यह आक्रोश मतदान के सभी चरणों में दिखाई दिया। अखिलेश ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार के पांच वर्षों और राज्य सरकार के दो वर्षों में जनता की बुनियादी समस्याओं की जैसी अनदेखी की गई।

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर आया एग्जिट पोल संकेत देता है कि सपा-बसपा-रालोद का गठबंधन पहले के मुकाबले ताकत बढ़ा रहा है, लेकिन वह भाजपा को पिछली बार के मुकाबले आधे से कम सीटों पर रोक पाने में कामयाब होते नहीं दिख रहा। पिछली बार भाजपा ने उत्तर प्रदेश में 71 सीटें जीती थीं और अपना दल को मिलाकर यह आंकड़ा 73 तक पहुंच गया था। पिछले चुनाव में सपा को पांच, कांग्रेस को दो सीटें मिली थीं, वहीं बसपा खाता भी नहीं खोल पाई थी। यूपी को लेकर एग्जिट पोल के अनुमानों में अंतर दिख रहा है।

एग्जिट पोल के मुताबिक, मोदी की करिश्माई छवि की बदौलत भाजपा को 38 से 58 और सपा-बसपा गठबंधन को 20 से 40 सीटें मिल सकती है। वहीं कांग्रेस का आंकड़ा पिछली बार की दो सीटों से बढ़कर चार तक पहुंच सकता है। हालांकि एबीपी-एसी नील्सन के सर्वे की माने तो भाजपा का आंकड़ा 71 से घटकर 22 तक आ सकता है। अगर ऐसा होता है तो नतीजों में काफी हद तक अंतर आ सकता है।

लखनऊ: चुनाव निपटते ही सीएम योगी ने ओम प्रकाश राजभर के खिलाफ कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल को पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की सिफारिश की। ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के अन्य सदस्य जो विभिन्न निगमों और परिषदों में अध्यक्ष व सदस्य हैं सभी को तत्काल प्रभाव से हटाया गया है।

मालूम हो कि यूपी सरकार में मंत्री रहते हुए भी राजभर प्रदेश और केंद्र की भाजपा सरकार पर पिछले करीब एक साल से हमले करते आ रहे थे। चुनाव की घोषणा होने के बाद भाजपा और राजभर के बीच सीटों को लेकर सहमति नहीं बन पाई। भाजपा अपने सिंबल पर राजभर को घोसी सीट देना चाहती थी, जिसे उन्होंने नकार दिया था। इसके बाद उन्होंने प्रदेश की 39 सीटों पर अपनी पार्टी से प्रत्याशी उतार दिए। जिन सीटों से उनकी पार्टी के प्रत्याशियों के नामांकन खारिज हुए वहां पर राजभर ने कांग्रेस और सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशियों को समर्थन दिया। प्रदेश में राजभर बिरादरी के बीच अपनी मजबूत पकड़ दिखाने के लिए राजभर ने पूर्वांचल और अवध की सीटों पर पूरी ताकत झोक रखी थी।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख