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नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा परिसर के बाहर आम आदमी पार्टी के विधायक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि उन्हें और उनकी पार्टी के विधायकों को विधानसभा परिसर के अंदर घुसने नहीं दिया जा रहा है। उधर, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के तौर पर अमानतुल्लाह खान विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा ले रहे हैं। जिस दिन एलजी का अभिभाषण था उस दिन अमानतुल्लाह अनुपस्थित थे।इसलिए उन्हें बाहर नहीं किया गया था। आज जब विधानसभा पहुंचे तो उन्हें विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने दिया गया है। 

यह गैर लोकतांत्रिक और गैर संवैधानिक है: नेता प्रतिपक्ष आतिशी

पूर्व मुख्यमंत्री और दिल्ली की नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा, "पुलिस अधिकारी कह रहे हैं कि हम(आप विधायक) विधानसभा से निलंबित हैं। इसलिए हमें विधानसभा परिसर में भी प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। यह गैर लोकतांत्रिक और गैर संवैधानिक है। आज तक देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है। किसी भी विधानसभा में चुने हुए विधायक को कभी नहीं रोका जाता। संसद में भी गांधी प्रतिमा के नीचे निलंबित होने पर भी विरोध होते हैं।

नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "आखिरकार हमें कैसे रोका जा सकता है? हमने अध्यक्ष से बात करने की कोशिश की लेकिन कोई बात नहीं हो रही है।"

उन्होंने लिखा, 'देश के इतिहास में पहली बार है जब चुने हुए विधायकों को विधानसभा परिसर में अंदर जाने से रोका जा रहा है। अभी तक पुलिस ने हमें कोई आदेश नहीं दिखाया। ये भाजपा की तानाशाही है। हमने “जय भीम” के नारे लगाए तो हमें विधान सभा परिसर से ही बाहर कर दिया। भाजपा बाबा साहेब अंबेडकर से नफरत करती है, उनकी तस्वीर से नफरत करती है, उनके नाम से नफरत करती है।'

आम आदमी पार्टी पर बरसे मंत्री कपिल मिश्रा

दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा, "(विपक्ष के विधायकों द्वारा) जिस तरह का व्यवहार विधानसभा में किया गया, देश में कोई भी विधानसभा इस तरह से नहीं चल सकती। 10 सालों से यहां पर दिल्ली की जनता के मुद्दों पर चर्चा नहीं की गई है। हम किसी को भी ऐसी साजिश को अंजाम नहीं देने देंगे कि दिल्ली की जनता के मुद्दों पर चर्चा ना हो। आज का जो निर्णय (विपक्ष के विधायकों के निलंबन का) है यह अध्यक्ष का निर्णय है। मुझे लगता है कि अब आप के लोगों को यह समझ जाना चाहिए कि वे दिल्ली के मुद्दों पर चर्चा करें और सदन को गरिमापूर्ण तरीके से चलाएं।"

भाजपा नेता विजय गोयल ने सीएजी रिपोर्ट पर कहा, "आप अपने भ्रष्टाचारों पर आ रही सीएजी रिपोर्ट को छिपाने के लिए शोर-शराबा करके सदन को चलने नहीं दे रही है। मैं समझता हूं कि ये (आप) जनता की नजरों में और ज्यादा गिरेंगे। मैं समझता हूं कि यह ठीक नहीं है। स्पीकर महोदय ने कहा है कि हम हर मुद्दें पर चर्चा करने को तैयार हैं।"

शीशमहल की भी जांच कराई जाएगी: प्रवेश वर्मा

दिल्ली सरकार में मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा, "बारापुला परियोजना की लागत पहले ही स्वीकृत राशि से दोगुनी हो चुकी है, क्योंकि सरकार की ओर से कोई फॉलो-अप नहीं हुआ। उस परियोजना पर काम कर रही कंपनी ने मुझे बताया है कि पिछले 10 सालों में कोई भी मंत्री फॉलो-अप के लिए नहीं आया। इसी तरह कई परियोजनाओं की लागत फॉलो-अप न होने के कारण दोगुनी हो गई है।"

सीएजी रिपोर्ट पर उन्होंने कहा, "हम 2000 करोड़ रुपये के घोटाले पर चर्चा करेंगे। शीशमहल की भी जांच कराई जाएगी।"

नजफगढ़ का नाम नाहरगढ़ करने की मांग

नजफगढ़ विधायक नीलम पहलवान ने मांग की है कि नजफगढ़ का नाम नाहरगढ़ कर दिया जाए। नजफगढ़ छोटा सा है। वहां के राजाओं ने अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ी। मुझे उम्मीद है कि मेरा सपोर्ट होगा। मास्टर प्लान लागू होता है, तो नजफगढ़ के साथ दिल्ली-देहात को फायदा होगा। वहां भी विकास होंगे। मेरे यहां कोई भी जच्चा बच्चा केंद्र नहीं है। गांव की महिलाओं की मुश्किल होती है। कोई साधन नहीं है। दिल्ली-देहात में काफी जमीन है। वहां जच्चा-बच्चा केंद्र बनाया जाए।

भाजपा विधायक नीलम पहलवान ने विधानसभा में कहा, "1857 के विद्रोह में राजा नाहर सिंह ने लड़ाई लड़ी और नजफगढ़ क्षेत्र को दिल्ली के क्षेत्र में शामिल किया था। हमने नजफगढ़ का नाम बदलकर 'नाहरगढ़' करने की बहुत कोशिश की थी।"

मोहम्मद पुर का नाम माधवपुरम करने की मांग

भाजपा विधायक अनिल शर्मा ने कहा, "आर. के. पुरम विधानसभा में हमारे एक गांव का नाम मोहम्मद पुर है जिसका नाम बहुत समय पहले निगम द्वारा माधवपुरम नाम से बदलने का प्रस्ताव पेश कर दिया था। उस प्रस्ताव को विधानसभा में लंबे समय तक लंबित रखा गया। अब तक AAP की सरकार थी जिन्होंने इस मुद्दे को गड्ढे में दबा रखा था। (मोहम्मद पुर)गांव का नाम माधवपुरम रखने का प्रस्ताव कल मैं अध्यक्ष के सामने रखने वाला हूं।"

'हम जनता के मुद्दों पर चर्चा करने के नियम से ही सदन में आए'

दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा, "अब सरकार बदल चुकी है और हम लोग जनता के मुद्दों पर चर्चा करने के नियम से ही सदन में आए हैं। मुझे आशा है कि आतिशी सदन के नियमों का पालन करेंगी।"

 

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