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लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ लखनऊ के घंटाघर पर प्रदर्शन कर रही महिलाओं को पुलिस ने जब जबरन हटाने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारी महिलाएं उग्र हो गईं। उन्होंने जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिसकर्मियों से कुछ धक्का-मुक्की भी हुई। दरअसल, कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए एक साथ बड़ी संख्या में लोगों का एक जगह एकत्र होना खतरनाक माना जा रहा है। इससे संक्रमण फैलने का भी खतरा है जिसे देखते हुए पुलिस ने उन्हें हटाने की कोशिश की पर बात नहीं बनीं। हालांकि, पुलिस ने सड़क पर खड़े लोगों को हटा दिया है।

प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि पुलिस बिस्तर और तम्बू उठा ले गई है। वहीं इस पूरे मामले पर एडीसीपी विकास चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि कई लोग अनावश्यक रूप से खड़े थे और बाइक खड़ी कर रखी थी। इस कारण यातायात प्रभावित हो रहा था। पुलिस की टीम ने इसे ही हटवाया। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन कर रही महिलाओं को नहीं हटाया जा रहा है।

लखनऊ: कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं से घर पर ही रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जहां भी किसी को दिक्कत हो उसकी मदद करें और फोन पर उपलब्ध रहें। इसके साथ ही सपा ने 23 मार्च से साइकिल चलाने के कार्यक्रम को आगे बढ़ा दिया है। अब कार्यक्रम की शुरुआत 22 अप्रैल से होगी। ये बातें अखिलेश यादव ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में कही।

उन्होंने कोरोना के खतरे को लेकर योगी सरकार पर भी गंभीर आरोप लगाए। अखिलेश ने कहा कि योगी सरकार कोरोना वायरस को महामारी मानने को तैयार ही नहीं है। इससे लगता है कि जो बीमारी पूरी दुनिया में महामारी बन चुकी है उससे बचाव को लेकर सरकार बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में अच्छी सुविधाएं नहीं हैं। वहां न तो दवा है और न ही इलाज मिल पा रहा है। ऐसे में जनता कोरोना से खुद का बचाव कैसे कर पाएगी।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लगातार तीन साल तक भाजपा का पहला मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाने वाले योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार ने राज्य के बारे में लोगों की धारणा बदलने में सफलता पाई है और इसे विकास, विश्वास और सुशासन की ओर ले गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून का राज हो इसके बारे स्पष्ट संदेश देने के लिए जो कार्य शुरू किये गए थे उसके परिणाम भी आने लगे हैं। पिछले तीन वर्ष के दौरान प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि कानून के राज के कारण ही डकैती के मामलों में साठ फीसद की कमी आई है। लूट के मामलों में 47 फीसद की कमी, हत्या के मामलों में 21 फीसद की कमी, बलवा के मामले 27 फीसद कम हुए और दुष्कर्म के मामले 18 फीसद कम हुए हैं। हमने पुलिस के आधुनिकीकरण की दिशा में कार्य किये हैं। एक लाख 37 हजार से अधिक पुलिसकर्मी भर्ती किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लोकसभा चुनाव एक लाख 63 हजार बूथों पर बिना किसी हिंसा के सम्पन्न होना भी एक बड़ी उपलब्धि रही।

लखनऊ: कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग से संबद्ध सभी परिषदीय विद्यालय, राजकीय सहायता प्राप्त और निजी विद्यालयों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। इसके साथ ही विभाग के अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने परीक्षाओं को निरस्त करते हुए सभी विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के ही प्रोन्नत करने के आदेश जारी किए हैं।

जानकारी के अनुसार कोरोना के कहर के कारण सरकार ने सभी विद्यालयों को दो अप्रैल तक बंद रखने के आदेश जारी किए हैं। जबकि बेसिक शिक्षा विभाग से संबद्ध सभी स्कूलों में एक अप्रैल से नया सत्र शुरू हो जाता है। पहले कक्षा एक से आठवीं तक के विद्यार्थियों की परीक्षाएं 16 से 23 मार्च के बीच होनी थी, जिन्हें बढ़ाकर 23 से 28 मार्च कर दिया गया था, लेकिन अब शासन ने दो अप्रैल तक छुट्टियां बढ़ा दी हैं। जिसके कारण विद्यार्थियों की परीक्षाएं इस सत्र में नहीं हो पाएंगी। इसी के चलते शासन के अपर मुख्य सचिव ने स्कूल शिक्षा के महानिदेशक को स्कूलों को बंद रखने और विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रोन्नत करने के आदेश जारी कर दिए हैं।

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