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लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार हिंसा अथवा दंगे के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को आगजनी या तोड़फोड़ के जरिए नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ नया कानून बनाएगी। सरकार ने शुक्रवार (13 मार्च) को हुई कैबिनेट की बैठक में फैसला किया है कि इस संबंध में फिलहाल 'उत्तर प्रदेश रिकवरी फ़ॉर डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट अध्यादेश-2020' लाया जाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार ने अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी दे दी गई है। माना जा रहा है कि अध्यादेश में नुकसान की वसूली के साथ ही सज़ा आदि का प्रावधान भी होगा।

प्रदेश में सीएए के विरोध में 20 दिसंबर को हुई हिंसा के दौरान बड़े पैमाने पर आगजनी की गई थी। करोड़ों की सार्वजनिक व निजी संपत्ति को दंगाइयों ने नुकसान पहुंचाया था। प्रदेश सरकार ने इसे लेकर वसूली की प्रक्रिया शुरू की है। इससे हालांकि सीआरपीसी के प्रावधान के तहत किया जा रहा था लेकिन वसूली में कुछ विधिक दिक्कतें आ रही थीं। इस मद्देनज़र सरकार ने दंगे के दौरान हिंसा के आरोपियों के पोस्टर भी लगाए थे जिसे लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आपत्ति जताते हुए पोस्टर हटाने के आदेश दिए थे।

नई दिल्ली: उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर समेत सात अन्य को दस साल कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने इस मामले में सेंगर और उनके भाई अतुल सेंगर को पीड़िता के परिवार को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश भी दिया है। कोर्ट ने इस मामले में सेंगर को दोषी करार देते हुए कहा था कि जिस तरीके से पीड़िता के पिता की हत्या की गई थी, वह जधन्य था। पुलिस कस्टडी में पीड़िता के पिता की नौ अप्रैल 2018 को हत्या हो गई थी।

आपको बता दें कि अदालत में सजा पर जिरह के दौरान सेंगर ने कहा था कि अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो उन्हें फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए और उनकी आंखों में तेजाब डाल दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को आपराधिक साजिश का दोषी पाया था। फैसला सुनाते हुए तीस हजारी कोर्ट के जज ने कहा कि यह मेरी जिंदगी का सबसे चुनौतीपूर्ण ट्रायल रहा। जज ने सीबीआई और पीड़ित के वकील की भी सराहना की। तीस हजारी कोर्ट ने इससे पहले 29 फरवरी को इस मामले पर सुनवाई की थी और फैसले के लिए चार मार्च की तिथि तय की थी।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कानून व्यवस्था पर यूपी की भाजपा सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय गृहमंत्री ने दिल्ली के दंगों में उत्तर प्रदेश के लोगों का हाथ होने की बात कहकर उत्तर प्रदेश की खासी बदनामी कर दी है। भाजपा उत्तर प्रदेश को देश-विदेश तक में बदनाम करा रही है।

अखिलेश यादव ने गुरुवार को जारी बयान में यह बात की। उन्होंने कहा कि आखिर इस सबके लिए जिम्मेदारी किसकी है? जबकि उत्तर प्रदेश में भाजपा की डबल इंजन की ही सरकार है। कुछ समय पहले महामहिम राज्यपाल महोदया ने उत्तर प्रदेश में सब ठीकठाक होने की बात कही थी, क्या अभी भी वह अपनी उसी राय पर कायम है? उत्तर प्रदेश में बढ़ती अव्यवस्था प्रदेश के मुख्यमंत्री को नहीं दिखाई देती है। वह अभी भी अपराधियों को कड़े प्रवचन देने में ही अपने संवैधानिक कर्तव्य की इतिश्री समझ रहे हैं। प्रदेश जल रहा है, प्रदेशवासी भयग्रस्त हैं किन्तु शासन प्रशासन चलाने की जिन पर जिम्मेदारी है, वे चैन की बांसुरी बजा रहे हैं। जनता इस सबका हिसाब जरूर करेगी।

नई दिल्ली: भाजपा के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत में जिरह के दौरान कहा कि अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो उन्हें फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए और उनकी आंखों में तेजाब डाल दिया जाना चाहिए। उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की मौत के मामले में उन्हें गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया गया है। सजा की अवधि पर सुनवाई के दौरान सेंगर ने खुद ही अपना पक्ष रखा। उन्होंने जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा के समक्ष दावा किया कि पीड़िता के पिता की हत्या में उनकी संलिप्तता नहीं है जिनकी 09 अप्रैल 2018 को न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी। 

सेंगर ने न्यायाधीश से कहा, ''या तो मुझे न्याय दीजिए या फांसी पर लटका दीजिए और अगर मैंने कुछ गलत किया है तो मेरी आंखों में तेजाब डाल दिया जाए।''मामले में चार मार्च को सात अन्य के साथ दोषी करार दिए गए सेंगर ने पीड़िता के पिता की मौत में संलिप्तता से इनकार किया और कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।

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