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लखनऊ: प्रदेश में रविवार को कोरोना के 80 नए मामले सामने आए हैं। इनके साथ ही यूपी में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1873 हो गई है। रविवार को इस महामारी से यूपी में चार और लोगों की मौत हो गई। इनमें दो आगरा में, एक मेरठ में और एक मौत लखनऊ में भर्ती श्रावस्ती के बुजुर्ग मरीज की हुई। प्रदेश में अब तक कोरोना से 30 जानें जा चुकी हैं। अब तक सबसे ज्यादा 10 मौतें आगरा में हुई हैं। रविवार को जो नए 80 मरीज सामने आए हैं उनमें कानपुर और सहारनपुर के ही 21-21 हैं। इसके बाद सबसे ज्यादा मरीज 11 वाराणसी में पाए गए हैं।

अब तक संक्रमित पाए गए 1873 लोगों में 1052 तबलीगी जमात से जुड़े लोग हैं। 327 मरीज अब तक ठीक होकर घर जा चुके हैं। प्रदेश में अब 58 जिले कोरोना की चपेट में हैं। कोरोना से अब तक आगरा में 10,मुरादाबाद में छह,मेरठ में पांच, कानपुर में तीन लखनऊ में दो, वाराणसी, बस्ती, बुलंदशहर, फिरोजाबाद और अलीगढ़ में एक-एक मौत हुई है।

नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए पूरा ध्यान सही सूचना और उचित उपचार पर केन्द्रित होना चाहिए। पार्टी महासचिव का यह बयान आगरा के महापौर नवीन जैन द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे गए पत्र के संदर्भ में है। जैन ने आदित्यनाथ से ‘‘आगरा को बचाने ’’ की गुहार लगाई है। कांग्रेस महासचिव ने ट्वीट किया,‘‘ आगरा शहर में स्थिति बेहद खराब है और कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है। आगरा के महापौर का कहना है कि अगर सही प्रबंध नहीं किए गए तो स्थिति हाथ से निकल सकती है।’’

उन्होंने कहा,‘‘कल मैंने भी यही मुद्दा उठाया था। पारदर्शिता बेहद जरूरी है। जांच पर ध्यान देना जरूरी है। अगर कोरोना वायरस को रोकना है तो पूरा ध्यान सही सूचना और उचित उपचार पर केन्द्रित होना चाहिए।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को आगरा के महापौर की बातों को सही तरीके से लेना चाहिए और लोगों को इस वैश्विक महामारी से बचाने की तत्काल कोशिश करनी चाहिए।

लखनऊ: कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए प्रदेश में लॉकडाउन अभी यथावत लागू रहेगा। इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों को लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं। लॉकडाउन में छूट देकर कुछ शर्तों के साथ दुकानें खोलने के केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर प्रदेश सरकार ने फिलहाल कोई फैसला नहीं किया है। शुक्रवार को यह आदेश जारी होने के बाद हर किसी की नजर प्रदेश सरकार के रुख पर टिकी हुई थी।

माना जा रहा था प्रदेश सरकार शनिवार को शाम तक कोई फैसला ले सकती है। सूत्रों के अनुसार शासन अभी इस पर मंथन कर रहा है। शनिवार को विचार-विमर्श के दौरान तय किया गया कि अभी मौजूदा व्यवस्था को बनाए रखा जाए। किसी भी तरह की छूट बढ़ाने पर संक्रमण के तेजी से फैलने का खतरा बढ़ सकता है। मौजूदा हालात को देखते हुए तीन मई के बाद भी लॉकडाउन जारी रखने की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा है। हॉट स्पॉट वाले इलाकों में सख्ती बनेगी।

लखनऊ: कोरोना वायरस के बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए यूपी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को सख्त हिदायत देते हुए निर्देश दिए हैं कि 30 जून तक पूरे प्रदेश में कहीं भी और किसी भी तरह से भीड़ एकत्र न हो पाए। कोरोना वायरस महामारी का बढ़ता हुआ प्रकोप देखते हुए लोगों के हितों में यह फैसला यूपी सरकार ने लिया। यूपी मुख्यमंत्री के मीडिया एडवाइजर मृत्युंजय कुमार ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है।

उन्होंने ट्वीट में लिखा, ''मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफ़सरों को सख़्त हिदायत दी है कि 30 जून तक कहीं भी-किसी भी तरह की भीड़ इकट्ठी ना हो पाए। यह फ़ैसला प्रदेश में कोरोना को नियंत्रण में रखने के इरादे से लिया गया है।'' इससे पहले उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने दूसरे राज्यों में फंसे अपने श्रमिकों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाने का फैसला किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में कहा, प्रदेश से बाहर काम करने वाले और वहीं फंसे रह गए प्रदेशवासियों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाएंगे।

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