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महाराष्ट्र में बीजेपी का शासन औरंगजेब से भी बदतर है : संजय राउत

मुरादाबाद: मुरादाबाद में हेल्थ टीम और पुलिस पर हमला करने वाले पांच लोग समेत जिला जेल में बंद छह बंदी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। नवाबपुरा इलाके में 15 अप्रैल को सर्वे करने गई हेल्थ टीम पर पत्थर बरसाने के आरोप में 17 लोग गिरफ्तार हुए थे। इनमें से 5 के कोरोना पॉजिटिव मिलने से हड़कंप मच गया। आरोपियों के कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आने के बाद इन्हें पकड़ने में शामिल पुलिसकर्मियों सहित नागफनी थाने के स्टाफ को क्‍वारंटीन कर दिया गया। जिला प्रशासन ने पॉजिटिव मरीजों को जिला अस्पताल स्थित वॉर्ड में भर्ती कराया है। जेल के अन्य बंदियों के साथ क्वारंटाइन किए गए अन्य को मॉडर्न पब्लिक स्कूल स्थित अस्थाई जेल शिफ्ट करने की कार्रवाई की जा रही है।

गौरतलब है कि नागफनी थाना क्षेत्र के नवाबपुरा इलाके में स्वास्थ्य विभाग की टीम कोरोना वायरस की चपेट में आकर जान गंवाने वाले सरताज अली के करीबियों को क्वॉरंटाइन करने के लिए गई थी। इसी बीच डॉक्टरों और पुलिस पर पथराव किया गया था। पुलिस ने 7 महिलाओं समेत 17 लोगों को गिरफ्तार करके जेल दूसरे दिन भेजा था। सभी को जिला जेल में क्वॉरंटाइन किया गया था सभी की जांच भेजी गई थी।

आगरा: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बन चुके आगरा में मंगलवार की सुबह आई रिपोर्ट में 28 संक्रमित मिले। पिछले 24 घंटों में 40 केस मिल चुके हैं। बीते छह दिनों में 128 संक्रमित केस मिले। सबसे ज्यादा निजी अस्पतालों में लगभग 125 केस हैं। संक्रमितों की कुल संख्या 295 पहुंच चुकी है। अब तक छह लोगों की मौत और 26 कोरोना संक्रमित स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं।

23 दिन का मासूम कोरोना संक्रमित

आगरा में 23 दिन का बच्चा संक्रमित मिला है। सोमवार को उसकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जबकि उसके माता-पिता की जांच रिपोर्ट निगेटिव है। मासूम के चाचा में संक्रमण की पुष्टि हुई है।  ऐसे में चिकित्सकीय टीम के सामने यह चुनौती थी कि आइसोलेशन वार्ड में दुधमुंहे मासूम की देखभाल के लिए कौन रहेगा? इस पर मां ने पलभर में फैसला ले लिया। उसने साफ कह दिया कि वो अपने बेटे को अकेला नहीं छोड़ेगी। उसके साथ रहेगी और देखभाल करेगी।  स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सकीय टीम के पास भी कोई विकल्प नहीं था। इस पर उसे अनुमित दे दी गई। मां अपने कलेजे के टुकड़े को छाती से लगाकर आइसोलेशन वार्ड में लेकर आई। दोनों को अलग कमरे में रखा गया है। मां को सुरक्षा उपकरण दिए गए हैं। 

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट ने सोमवार को दिल्ली के एम्स में अपनी अंतिम सांस ली। उन्हें लिवर और किडनी की समस्या थी और बीते 13 अप्रैल से वह एम्स में भर्ती थे। यहां पर गेस्ट्रो विभाग के डॉक्टर विनीत आहूजा की टीम उनका इलाज कर रहे थे। वहीं, जैसे ही सीएम योगी को दुःखद समाचार मिला, उन्होंने टीम 11 की साथ चल रही मीटिंग को स्थगित कर दी और चुपचाप अपने कमरे में चले गए।

एम्स के एक डॉक्टर ने बताया कि आंनद सिंह बिष्ट को मुख्य रूप से पेट की तकलीफ के चलते भर्ती किया गया था। इसके अलावा डिहाइड्रेशन, लो-बीपी और पैरों में गैंगरीन की समस्या थी। अस्पताल में भर्ती करने के बाद उनकी स्वास्थ्य संबंधी जांच हुई थी। उसी रिपोर्ट के आधार उनका उपचार किया जा रहा था। योगी के पिता आनंद सिंह की तबीयत पहले से खराब चल रही थी। कुछ समय पहले भी उन्‍हें देहरादून के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था। उस वक्‍त उन्‍हें डिहाइड्रेशन की शिकायत थी। उन्‍हें पहले से बीपीसी समेत एक गैंग्रीन जैसी गंभीर बीमारी थी।

आगरा: कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे यूपी के आठ हजार और आगरा मंडल के 1700 छात्रों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए शुक्रवार को आगरा परिवहन निगम ने 200 बसों को कोटा रवाना किया। ब्रज में कुल बसों की संख्या करीब 300 है। आगरा आईएसबीटी पर सुबह सभी बसों का पहले सेनेटाइज किया गया। चालकों के स्वास्थ्य की जांच की गई। थर्मल स्क्रीनिंग की। सुबह दस बजे से बसों को भेजना शुरू कर दिया गया। पूरे देश के हजारों छात्र कोटा में इंजीनियर और डॉक्टर बनने के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं।

22 मार्च को लॉकडाउन हुआ तो इन बच्चों ने किसी तरह अपना समय गुजार लिया। बाद में लॉकडाउन के दूसरे चरण में 19 दिन बढ़ने के बाद यह छात्र परेशान हो उठे। कई छात्रों ने अभियान चलाया, तो किसी ने भाजपा के स्थानीय सांसद-विधायक से गुहार लगाई। सीएम योगी आदित्यानाथ ने गुरुवार रात प्रदेश की तीन सौ बसें कोटा भेजने का निर्णय लिया। इसमें झांसी रीजन, बनारस रीजन के साथ सबसे ज्यादा 200 बसें आगरा रीजन से भेजी गईं।

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