लखनऊ: विधानमंडल के विशेष सत्र के दौरान मंगलवार को मुख्यमंत्री व मंत्रियों के वेतन पर सरकारी खजाने से आयकर अदा करने की वर्षों पुरानी व्यवस्था समाप्त करने संबंधी अध्यादेश को सदन के पटल पर रखा गया। बीते 6 नवंबर को यह अध्यादेश जारी किया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सितंबर में सरकारी खजाने से सीएम व मंत्रियों के वेतन पर आयकर जमा करने की 35 वर्ष से अधिक पुरानी व्यवस्था समाप्त करने का एलान किया था। उस समय राज्य विधानमंडल सत्र में नहीं था, इसलिए सरकार ने इस व्यवस्था को जल्द से जल्द लागू करने के लिए यूपी मंत्री (वेतन, भत्ता और प्रकीर्ण उपबंध) अधिनियम 1981 (यथासंशोधित) में संशोधन संबंधी अध्यादेश लाने का फैसला किया।
प्रदेश कैबिनेट ने 24 सितंबर को अधिनियम में संशोधन संबंधी अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी दी थी। राज्यपाल की मंजूरी के बाद 6 नवंबर को यह अध्यादेश लागू हो गया था। सत्र शुरू होने पर सरकार ने इस विधेयक को सदन के पटल पर रख दिया। विधानमंडल के आगामी नियमित सत्र में विधेयक लाए जाने की संभावना है।
उप्र राज्य विवि (तृतीय संशोधन) अध्यादेश भी पटल पर रखा गया
सरकार ने विधानसभा के पटल पर उप्र राज्य विश्वविद्यालय (तृतीय संशोधन) अध्यादेश 2019 भी रखा गया। इस अध्यादेश के जरिये अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विवि की स्थापना का फैसला किया गया है। यह अध्यादेश राज्यपाल की ओर से 22 नवंबर को जारी किया गया था।