वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में एक मुसलमान शिक्षक फिरोज खान की नियुक्ति का विरोध कर रहे छात्रों ने शु्क्रवार को अपना धरना खत्म कर दिया है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय ने संकाय को फिर खोलने की घोषणा की है। ऐसे में माना जा रहा है कि खान की नियुक्ति को लेकर जारी गतिरोध खत्म हो गया है। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा है कि वह छात्रों के विरोध से सहमत नहीं है। एक बयान में आरएसएस नेता जय प्रकाश लाल ने कहा कि संगठन के नेताओं के साथ वाराणसी में एक बैठक हुई, जिसमें उन्होंने कहा कि बीएचयू छात्रों के एक हिस्से का विरोध गलत है।
बीएचयू ने गुरुवार को ट्वीट किया, “काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय को फिर खोल दिया गया है।” विरोध करने वाले छात्रों ने 15 वें दिन अपना धरना खत्म कर दिया। उन्होंने कहा कि धर्म विज्ञान संकाय के विभागाध्यक्ष द्वारा जांच का आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने धरना खत्म किया है। विरोध करने वालों में ज्यादातर आरएसएस से जुड़े एबीवीपी से संबंधित हैं।
उनका कहना था कि धर्म विज्ञान संकाय में सिर्फ एक हिंदू ही पढ़ा सकता है।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर के विरोध में धरने पर बैठे छात्रों से कुलपति, संकाय प्रमुख एवं विभागाध्यक्ष समेत वरिष्ठ शिक्षक और अन्य अधिकारियों ने कल वार्ता की थी, जिसके बाद विभाग का ताला खोल दिया गया। बीएचयू के छात्र और एबीवीपी नेता चक्रपाणि ओझा ने कहा कि धर्म विज्ञान संकाय के विभागाध्यक्ष ने शुक्रवार को छात्रों से भेंट की और जांच का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि अगर 10 दिनों के भीतर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो वह लोग अपना प्रदर्शन फिर शुरू कर देंगे।