प्रयागराज: प्रयागराज नगर निगम में सोमवार (18 नवंबर) को पुनरीक्षित बैठक में आनंद भवन पर बकाया गृहकर नोटिस भेजने के प्रकरण में जमकर नोकझोंक हुई। नोटिस भेजे जाने से खफा पार्षद महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी व मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके मिश्र से भिड़ गए। कहा कि किस आधार पर राष्ट्र की धरोहर को नोटिस भेजा गया। जबकि कोई भी ट्रस्ट गृहकर या किसी भी कर के दायरे में नहीं आता। बाद में उन्हें समझाया गया कि जवाहरलाल नेहरू स्मारक निधि अपने ट्रस्ट होने के दस्तावेज नगर निगम को सौंपे तो गृहकर माफ करने पर विचार किया जाएगा।
नगर निगम की कार्यकारिणी समिति के कक्ष में दोपहर 12 बजे नगर निगम व जलकल विभाग के पुनरीक्षित बजट पर बैठक शुरू हुई। पार्षदों ने आनंद भवन पर बकाया गृहकर पर नोटिस भेजे जाने पर विरोध शुरू कर दिया। कांग्रेस पार्षद अशोक सिंह समेत अन्य पार्षदों ने कहा कि आनंद भवन हेरीटेज बिल्डिंग है। इस पर बदले की भावना से नोटिस भेजा गया है। किसी ने राष्ट्र को समर्पित धरोहर बताया। काफी देर तक इस मुद्दे पर विरोध व नोकझोंक होती रही।
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने बताया कि अगर गृहकर माफी की बात उठाई जा रही है तो 600 रुपये गृहकर क्यों जमा किया जा रहा है। इसके अलावा बिल भेजे जाने पर कभी भी आपत्ति नहीं जताई गई। अब उनकी आपत्ति आई है। स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट देने के लिए जोन चार से कहा गया है। महापौर ने पार्षदों से कहा कि आनंद भवन, संग्रहालय व तारामंडल राष्ट्र की धरोहर है तो उसे राष्ट्र को समर्पित कर देना चाहिए। दिल्ली से उनकी आपत्ति मिली है। उस पर विचार किया जा रहा है।
किसने क्या कहा
महापौर भिलाषा गुप्ता नंदी ने कहा, "इतने वर्षों में कभी भी जवाहरलाल नेहरू स्मारक निधि की ओर से आपप्ति नहीं आई। अब आपत्ति प्रेषित की गई है। अपने चैरिटेबुल ट्रस्ट होने के दस्तावेज नगर निगम को सौंप दें तो गृहकर माफ किया जा सकता है।" वरिष्ठ कांग्रेस नेता बाबा अभय अवस्थी बोले, "आनंद भवन हो या फिर संग्रहालय या तारामंडल यहां बच्चों को ज्ञान की प्राप्ति होती है। आनंद भवन राष्ट्रीय स्वतंत्रता का मंदिर है। और मंदिर से सरकार टैक्स वसूलना चाहती है जो पूरी तरह गलत है।" कांग्रेस पार्षद और नेता सदन मुकुंद तिवारी ने कहा, "आनंद भवन को बकाया गृहकर का नोटिस भेजना सरकार की गहरी साजिश है। यहां ज्ञान का प्रवाह होता है। देश की आजादी में आनंद भवन की भूमिका अहम रही है। यह सरासर गलत हो रहा है।"
हर साल 600 रुपये गृहकर जमा करता है आनंद भवन
जवाहरलाल नेहरू स्मारक निधि के अधीन आनंद भवन, संग्रहालय व तारामंडल का गृहकर मात्र 600 रुपये था और अभी तक 600 रुपये ही चला आ रहा है। इस वर्ष भी छह सौ रुपये ही जमा किया गया है। करीब दो हफ्ते पूर्व भेजे गए नोटिस के बाद अब गृहकर माफी के लिए दिल्ली से चिट्ठी आई है। स्थलीय निरीक्षण के बाद गृहकर की रूपरेखा तय की जाएगी।
जन प्रतिनिधि निर्धारित करते थे गृहकर
नगर निगम के अफसरों का कहना है कि पहले जन प्रतिनिधि ही गृहकर निर्धारित किया करते थे। बड़ी-बड़ी आवासीय बिल्डिंग का गृहकर अपनी सुविधा के अनुसार निर्धारित कर जमा करवाते थे। वर्ष 2003 में गृहकर पर नियम आ गया और नगर निगम गृहकर निर्धारित करने लगा। मूल्यांकन के आधार पर जवाहरलाल नेहरू स्मारक निधि के अधीन आनंद भवन, संग्रहालय व तारामंडल का गृहकर निर्धारित किया गया। उसके बाद नये निर्धारण के आधार पर बिल भेजा गया। इस पर भी कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई गई। जबकि स्मारक निधि लघु वाद न्यायालय में याचिका दायर कर दी। इस बीच बिल में संशोधन भी किया गया पर फिर बिल के अनुसार गृहकर नहीं जमा किया। 2014 में नई नियमावली के आधार पर पुन: मूल्यांकन व कर निर्धारण किया गया था।
आपत्ति जाहिर करते तो होता विचार
इधर नगर निगम लाखों और फिर करोड़ों का बिल हर साल भेजता रहा पर कोई आपत्ति जवाहरलाल नेहरू स्मारक निधि की ओर से नहीं जताई गई। इधर नगर निगम बिल भेजता और उधर हर साल मात्र 600 रुपये स्मारक निधि गृहकर जमा करता। नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके मिश्र का कहना है कि इस वर्ष भी 600 रुपये ही गृहकर जमा किया गया है। करोड़ों के बकाये गृहकर का नोटिस मिलने के बाद पहली बार आपत्ति आई है। जोन चार को आपत्ति भेज दी गई और निर्देश दिया गया है कि स्थलीय निरीक्षण करे और पूरी रिपोर्ट तैयार कर प्रेषित करें। रिपोर्ट आने के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अगर पहले आपत्ति भेजी गई होती तो इस प्रकरण पहले ही विचार कर निस्तारण किया जा सकता था।
कमला नेहरू अस्पताल पर 1.72 करोड़ गृहकर बकाया
कमला नेहरू अस्पताल पर एक करोड़ 72 लाख का गृहकर बकाया है। बताया जा रहा है कि 2003 से ही कमला नेहरू मेमोरियल अस्पताल का भी गृहकर जमा नहीं हुआ है। नगर निगम अफसरों का कहना है कि कोर्ट में यह भी मामला है और कोर्ट ने इस पर स्टे दे रखा है। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके मिश्र के अनुसार 2014 में नई नियमावली के आधार पर गृहकर निर्धारण किया गया था। अभी तक बकाया गृहकर जमा नहीं किया गया है।
आनंद भवन पर 4.35 करोड़ गृहकर का नोटिस
जवाहर लाल नेहरू स्मारक निधि के अधीन आनंद भवन, संग्रहालय व तारामंडल (प्लेनेटोरियम) पर ब्याज समेत 4.35 करोड़ रुपये गृहकर बकाया का नोटिस जारी हुआ है। नगर निगम से नोटिस मिलने के बाद स्मारक निधि के नई दिल्ली स्थित दफ्तर से मेयर के नाम चिट्ठी आई है। इसमें गुजारिश की गई है कि पुनर्मूल्यांकन कराकर गृहकर माफ किया जाए। इस पर फिर से स्थलीय निरीक्षण किए जाने का निर्देश मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने दिया है। सोमवार (18 नवंबर) को नगर निगम में हुई पुनरीक्षित बजट की बैठक में आनंद भवन के मुद्दे पर दो घंटे तक बहस हुई। निगम का कहना है कि आनंद भवन को अपने चैरिटेबल ट्रस्ट के कागजात प्रस्तुत करने होंगे तभी गृहकर माफ किया जा सकता है।
बढ़े गृहकर के साथ भेजा गया नोटिस
नगर निगम ने अभी हाल में ही बढ़े गृहकर के साथ आनंद भवन को नोटिस भेजा है। निगम का तर्क है कि जवाहरलाल नेहरू स्मारक निधि का कामर्शियल भवन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इस पर गृहकर लिया जा सकता है। आनंद भवन, तारामंडल व संग्रहालय में कामर्शियल गतिविधियां होती हैं। जवाहरलाल स्मारक निधि की ओर से पहले गृहकर जमा किया जाता था। लेकिन विगत कई वर्षो से गृहकर नहीं जमा किया जा रहा है। अब तक दो करोड़ 71 लाख 13 534 रुपये बकाया है। ब्याज समेत चार करोड़ 35 लाख 41 हजार 273 रुपये गृहकर जवाहरलाल नेहरू स्मारक निधि को जमा करना है।
सोनिया गांधी ने गृहकर पर जताई नाराजगी
नगर निगम अफसरों का कहना है कि गृहकर की धनराशि की जानकारी मिलने के बाद जवाहरलाल स्मारक निधि की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ट्रस्ट के पदाधकारियों के प्रति नाराजगी जताई है। साथ ही निर्देश दिया है कि नगर निगम के अफसरों से वार्ता कर गृहकर में संशोधन कराकर उसे जमा किया जाए। हालांकि अफसर सोनिया गांधी के दिए निर्देश का प्रमाण नहीं दे सके।