लखनऊ: देवरिया के नारी संरक्षण गृह में यौन शोषण के आरोपों की जांच अब सीबीआई के सुपुर्द की जाएगी। साथ ही एडीजी क्राइम की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई है, जो एसटीएफ की मदद से मामले की जांच करेगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देवरिया से लौटी जांच समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद मंगलवार देर रात प्रेस कांफ्रेंस में की।
जून 2017 में बालिका गृह को बंद करने का दिया था आदेश
उन्होंने इस घटना के लिए मुख्य रूप से पिछली सपा सरकार की कार्यशैली को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही देवरिया से हटाए गए डीएम सुजीत कुमार को चार्जशीट सौंपते हुए पुलिस की भूमिका की भी जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवरिया की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, जिसके लिए अपर मुख्य सचिव महिला कल्याण रेणुका कुमार और एडीजी अंजू गुप्ता के नेतृत्व में जांच कमेटी देवरिया भेजी गई थी। कमेटी की जांच में निष्कर्ष आया है कि वर्ष 2009 से बाल गृह संचालित था। वर्ष 2017 में भाजपा सरकार ने इसको बन्द करने के आदेश दिए थे । ज़िला प्रशासन ने समय से काम नहीं किया। इसलिए डीएम को चार्जशीट दी जा रही है।
जिला बाल कल्याण समिति की भी लापरवाही
जांच कमेटी ने शासन को रिपोर्ट सौंपी है कि विंध्यवासिनी बालिका गृह 2009 से संचालित था। संस्थान में सीबीआई के द्वारा मुकदमा भी चलाया जा रहा है डीएम की लापरवाही की वजह से ही यह घटना हुई। उन्हें चार्जशीट किया जा रहा है। जिले में काम करने वाली बाल कल्याण समिति पर भी यह जिम्मेदारी होती है कि वह समय-समय पर संरक्षण गृह की जांच करे। उन्होंने अपने कार्रवाई सही से नहीं की इसीलिए उस कमेटी को भी निलंबित किया जा रहा है। इसमें दो महिला अधिकारी भी होंगी। एक ईओडब्ल्यू की एसपी और एसपी ट्रेनिंग मेरठ सदस्य होंगी।
पिछली सरकारों ने बरती उदासीनता
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाएगी। पिछली सरकारों ने बड़ी उदारता से संस्थान को अनुदान दिया और वर्ष 2009 से इसे सीबीआई की जांच के लिए भेजा जाएगा। इसके साथ ही एडीजी क्राइम के साथ एक एसआईटी का भी गठन किया जा रहा है। इनके साथ ही एसटीएफ भी मदद करेगी और उन सभी बच्चियों को वाराणसी में सुरक्षित शिफ्ट किया जाएगा। एसआईटी में दो महिला पुलिस अधिकारी भी होंगी। एक ईओडब्ल्यू की एसपी और दूसरी एसपी ट्रेनिंग मेरठ सदस्य होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कमेटी ने शासन को रिपोर्ट सौंपी है कि वर्ष 2012 से ही इसीलिए इसमें कई आर्थिक अनियमितताएं पाई गई थीं।
पुलिस की भूमिका की भी होगी जांच
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार में इन सिलसिलेवार घटनाओं पर जो पुलिस की भूमिका है उसकी भी जांच की जाएगी। यह जांच एडीजी गोरखपुर जोन करेंगे। उन्होंने कहा कि तथ्यों के साथ छेड़खानी न हो इसके लिए एसआईटी का गठन किया जा रहा है और एसटीएफ़ भी जांच करेगी। बरामद हुई बालिकाओं को वाराणसी भेजा जा रहा है।