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मसूरी (उत्तराखंड):: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज (शुक्रवार) जोर देकर कहा कि ‘‘एकरूपता’’ भारत के बहुलवाद की जगह नहीं ले सकती । उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयोग यदि ‘‘थोपे’’ गये तो भी सफल नहीं होंगे, जैसा कि हमने अतीत में देखा है। यहां अखिल भारतीय सेवाओं के 91वें फाउंडेशन कोर्स को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने भारतीय मतदाताओं द्वारा अवसरवादी गठबंधनों को दरकिनार कर 30 साल बाद केंद्र में किसी एक राजनीतिक पार्टी को स्पष्ट जनादेश देने को लेकर दिखाई गई ‘‘अद्भुत’’ परिपक्वता की भी तारीफ की । उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य के नीति-निर्माताओं के तौर पर आपकी जिम्मेदारी उस व्यवस्था को मजबूत करने की है, जिसे इस मकसद से स्थापित किया गया कि हम अपने बहुलवादी चरित्र, अपनी बहुलता की जगह एकरूपता नहीं लाएं । यदि ऐसी एकरूपता थोपी भी जाए तो यह सफल नहीं होगी, जैसा कि पिछले कई मौकों पर साबित हो चुका है ।’’ भारतीय मतदाताओं की समझदारी पर प्रणव ने कहा कि लोगों ने अपनी जिम्मेदारी निभाई है और अब ‘‘चुने हुए लोगों’’ की जिम्मेदारी है कि वे उनकी आकांक्षाओं को मूर्त रूप दें ।

देहरादून: उत्तराखंड में भाजपा की परिवर्तन यात्रा के आज हल्द्वानी में समापन के मौके पर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने जनता से बदलाव के लिये वोट देने और प्रदेश में ‘नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार जैसी’ पारदर्शी सरकार बनाने को कहा। जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिये उत्तराखंड में बदलाव को जरूरी बताते हुए शाह ने कहा कि प्रदेश में आज यात्रा समाप्त हो चुकी है लेकिन परिवर्तन की प्रक्रिया बस अभी शुरू ही हुई है, जिसकी परिणिति हरीश रावत सरकार के सत्ता से बेदखल होने और दो तिहाई बहुमत से भाजपा सरकार बनने के रूप में होगी। उन्होंने कहा, ‘परिवर्तन से हमारा मतलब केवल मुख्यमंत्री बदलने से नहीं है। हमारा मतलब एक पार्टी की विदाई और उसके बाद सत्ता में एक नयी पार्टी के आगमन से है। हम जब आप से परिवर्तन के लिये वोट देने की अपील करते हैं तो हम चाहते हैं कि आप भ्रष्ट सरकार को बेदखल कर दें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलायी जा रही केंद्र की सरकार जैसी पारदर्शी सरकार बनाये, जो प्रदेश को विकास के युग में ले जा सके, पर्यटन को अभूतपूर्व गति दे और पहाड़ों से पलायन रोके।’ भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यात्रा के समापन के लिये कुमांउ के प्रवेश द्वारा हल्द्वानी को चुना गया क्योंकि भाजपा चाहती है कि परिवर्तन की लहर की शुरूआत कुमांउ से हो और वहां से यह पूरे प्रदेश में जाये।

देहरादून: विधानसभा चुनावों के निकट आते ही मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी को लेकर चल रही कयासबाजी के बीच वरिष्ठ भाजपा नेता भुवन चंद्र खंडूरी ने आज कहा कि पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी, वह उसे एक सैनिक की तरह मुस्तैदी से निभायेंगे। पौड़ी गढ़वाल से लोकसभा सांसद मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) भुवनचंद खंडूरी ने कहा, ‘पार्टी ने मुझे जितना दिया है, वह मैं कई जन्मों में भी नहीं पा सकता था। आगे भी पार्टी मुझे जो जिम्मेदारी देगी, मैं उसे एक सैनिक की तरह मुस्तैदी से निभाऊंगा। मैं यह भी जरूर बताना चाहूंगा कि अगर कोई गलत काम करेगा तो मैं उसका जोर-शोर से विरोध करूंगा।’ 82 वर्षीय खंडूरी ने कहा कि नेताओं की उम्र को लेकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिये गये फैसले का वह सम्मान करते हैं। उम्र की सीमा तय करना सैद्वांतिक रूप से बहुत जरूरी है और इसके लिये हिम्मत चाहिये। लेकिन, इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी जोड़ा कि इस तरह के निर्णयों का हमें केवल सम्मान ही नहीं करना चाहिये, बल्कि यह भी देखना चाहिए कि उनका ठीक तरह से अनुपालन भी हो। वर्ष 2012 विधानसभा चुनावों के संबंध में खंडूरी ने कहा कि जब वर्ष 2011 के उत्तरार्ध में उन्होंने मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभाला तब भाजपा को केवल सात-आठ सीटें मिलने का ही अनुमान जताया जा रहा था लेकिन तीन-चार महीने में लिये गये कठोर निर्णयों के कारण बने वातावरण ने पार्टी को जीत के मुहाने तक ला खड़ा किया।

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने भारतीय वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की दिल्ली में राष्टीय हरित प्राधिकरण :एनजीटी, विशेष कार्याधिकारी के पद पर की गयी नियुक्ति का आदेश वापस ले लिया है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव एस रामास्वामी को निर्देश दिया है कि चतुर्वेदी के संबंध में दिये गये पूर्व के आदेशों को वापस लिया जाये । उत्तराखंड में ज्वाइनिंग देने के ढाई महीने बाद गत शुक्रवार को ही सरकार ने उन्हें मुख्य स्थानिक आयुक्त नयी दिल्ली में विशेष कार्याधिकारी एनजीटी के पद पर नियुक्त किया था । माना जा रहा है कि चतुर्वेदी अपनी सेवा उत्तराखंड में ही देना चाहते हैं और इस संबंध में मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अपनी इच्छा भी जता चुके थे । उनकी नियुक्ति के बाद से ही सरकार के इस कदम पर सवाल उठने लगे और आदेश वापसी को इसी से जोड़ कर देखा जा रहा है ।

 

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