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देहरादून: उत्तराखंड में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए चुनाव आयोग को अपने सुझाव देते हुए मुख्य विपक्षी भाजपा ने सत्ताधारी पार्टी द्वारा सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग की आशंका व्यक्त की है। भाजपा ने बैठक में कई जिलों में लंबे समय से तैनात अधिकारियों का तबादला किये जाने की मांग की जबकि कांग्रेस ने मतदाता सूचियों में नामों के दोहराव को खत्म करने और मौसमी कारणों के चलते आधे विधानसभा क्षेत्रों में मार्च में चुनाव कराये जाने की सलाह दी। आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि अगले साल की शुरूआत में विधानसभा चुनाव के मददेनजर उत्तराखंड के अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने यहां सभी राजनीतिक दलों से मुलाकात की और राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के संबंध में उनके सुझाव लिये। भाजपा ने सुझाव दिया कि जिलों में लंबे समय से तैनात अधिकारियों का तबादला कर दिया जाना चाहिये क्योंकि एक ही जगह पर तैनाती होने से चुनावों के दौरान सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग की संभावना बढ़ जाती है। पार्टी के लिये विवेकाधीन कोष के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए भाजपा ने आयोग से इस पर रोक लगाने की मांग की। भाजपा ने मतदाताओं को लुभाने के लिये मुख्यमंत्री के वायदों पर जरूरी वित्तीय और कानूनी औपचारिकताओं को पूरा किये बिना शुरू किये गये कामों को भी बंद कराने की मांग आयोग से की।

आयोग के सामने कांग्रेस का पक्ष रखते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने मतदाता सूचियों में मतदाताओं का नाम एक से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों में दर्ज होने का मसला उठाया और उसे दूर किये जाने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, रूद्रप्रयाग, पौड़ी, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत और बागेश्वर जिलों के कम से कम 35 विधानसभा क्षेत्रों में 15 जनवरी से 20 फरवरी के बीच भारी हिमपात होता है और इस कारण इन क्षेत्रों में 500 पोलिंग बूथों के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिये नहीं आ पाते हैं। उपाध्याय ने कहा कि पहाड़ों में स्थित इन विधानसभा क्षेत्रों में मार्च के प्रथम सप्ताह में चुनाव कराये जाने चाहिये

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