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वड़ोदरा: यहां एक निजी शैक्षणिक संस्थान में छात्रों के बीच हुये संघर्ष में नौ छात्र घायल हो गये। पुलिस उपनिरीक्षक अनिरद्ध सिंह कामलिया ने बताया कि घटना के सिलसिले में आज आठ विदेशी नागरिकों और तीन भारतीयों सहित 11 को लोगों को गिरफ्तार किया गया और धारा 307 (हत्या का प्रयास) सहित भादंसं से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने बताया कि कल देर रात यहां विश्वविद्यालय परिसर के छात्रावासों में रहने वाले भारतीय छात्रों और एक विदेशी देश के छात्रों के बीच तकरार से संघर्ष की शुरूआत हुयी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित एक अस्पताल में एक घायल छात्र को भर्ती कराया गया है। वाघोडिया शहर पुलिस देर रात घटनास्थल पर पहुंची और स्थिति पर काबू पा लिया।

अहमदाबाद: गुजरात के गांधीनगर की एक अदालत ने गोधरा कांड के बाद हुए दंगों से संबंधित एक मामले के सभी 28 आरोपियों को ठोस सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। जिन लोगों को अदालत ने बरी किया है उसमें कलोल नागरिक सहकारी बैंक के अध्यक्ष गोविंद पटेल भी शामिल हैं। सभी आरोपी पहले ही लंबे समय से जमानत पर हैं। गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगाए जाने की घटना के एक दिन बाद 28 फरवरी 2002 को गांधीनगर जिले के कलोल तालुका के पलियाड गांव में आगजनी, दंगा और अल्पसंख्यक समुदाय की संपत्ति को क्षति पहुंचाने का इन 28 लोगों पर आरोप था। संपत्ति को क्षति पहुंचाने के अलावा उस गांव के तकरीबन 250 लोगों की उग्र भीड़ पर हमले के दौरान पलियाड में एक दरगाह के कुछ हिस्से को भी क्षति पहुंचाने का आरोप था। उस उग्र भीड़ में पुलिस की प्राथमिकी में नामजद 28 आरोपी भी शामिल थे। 31 जनवरी को फैसला सुनाते हुए कलोल के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश बी डी पटेल ने गौर किया कि आरोपियों के खिलाफ पयार्प्त सबूत उपलब्ध नहीं है क्योंकि सभी प्रत्यक्षदर्शी यह कहते हुए मुकर गए कि वे आरोपी की पहचान करने में सक्षम नहीं हैं। इसके अलावा, इन प्रत्यक्षदर्शियों ने अदालत से कहा कि उन्हें किसी से भी फिलहाल कोई शिकायत नहीं है क्योंकि उनका आरोपियों से पहले ही समझौता हो चुका है। पहले दलील के दौरान बचाव पक्ष के वकील भावेश रावल ने अदालत को सूचित किया कि सौहार्द स्थापित करने के लिए समझौते के फार्मूला के तहत अल्पसंख्यक समुदाय को हुई क्षति के लिए आरोपियों ने पहले ही भुगतान कर दिया है।

नई दिल्ली: उत्तरी गुजरात में एक साध्वी को पिछले साल नवंबर माह में खरीदे गए सोने के बिस्कुटों का 5 करोड़ रुपये का बिल नहीं चुकाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। साध्वी जयश्री गिरि के नाम से जानी जाने वाली इस महिला को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया, और साध्वी एक ट्रस्ट की प्रमुख हैं, जो बनासकांठा में एक मंदिर का संचालन करता है। इस मामले में पुलिस साध्वी को गिरफ्तार करने उसके घर पहुंची तो गिरफ्तारी के दौरान घर से मिली संपति को देखकर उसके होश उड़ गए। साध्वी के घर से 80 लाख रुपये की सोने की 24 छड़ें और 1.29 करोड़ रुपये की नकदी में 1.25 करोड़ की नकदी दो-दो हजार के नए नोट में है। एनडीटीवी की खबर के अनुसार एक ज्वैलर से बीते नवंबर में 5 करोड़ रुपये के सोने के बिस्कुट खरीदने के बाद बिल का भुगतान न करने के मामले में पुलिस ने गुरुवार को साध्वी को गिरफ्तार किया। जानकारी के अनुसार जय श्री गिरी नाम की साध्वी बनसकांठा में एक ट्रस्ट की मुखिया हैं जो एक मंदिर का संचालन करता है। एक स्‍थानीय ज्वैलर ने उनके खिलाफ शिकायत की थी कि साध्वी ने बीते नवंबर में पांच करोड़ के सोने के बिस्कुटों की खरीददारी की थी और कई बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी पैसों का भुगतान नहीं किया। पुलिस ने गुरुवार को साध्वी को किया गिरफ्तार पुलिस ने गुरुवार को 45 वर्षीय साध्वी के घर की तलाशी ली तो उसके होश उड़ गए। घर में से सोने की 24 छड़ें बरामद हुई जिनका बाजार मूल्य 80 लाख के करीब है।

सूरत: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने धन शोधन (मनी लॉड्रिंग मामला) के आरोपों और नोटबंदी के बाद 1000 फर्जी पहचान पत्रों का कथित तौर पर इस्तेमाल करके एक करोड़ रुपये के पुराने नोटों को नए नोटों में अवैध तरीके से बदलवाने के मामले में सूरत के फाइनेंसर किशोर भजियावाला को गिरफ्तार किया है। ईडी ने बताया कि उसने यहां अपने कार्यालय में कल देर रात करीब 11 बजकर 45 मिनट पर धन शोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत जिगनेश किशोरभाई भजियावाला (41) को गिरफ्तार किया। उन्हें आज अदालत में पेश किया जाएगा। ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर भजियावाला और उसके परिवार के कुछ सदस्यों के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया था। आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद काले धन की जांच के तहत गत वर्ष दिसंबर में भजियावाला के परिसरों से सोना और नकदी बरामद की थी जिसके बाद सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी। यह मामला प्रमुखता से प्रकाश में तब आया जब जांच एजेंसियों को पता चला कि सूरत का एक चायवाला फाइनेंसर बन गया। ईडी ने कहा कि भजियावाला परिवार ने नोटबंदी के बाद फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके और फर्जीवाडा करके बैंक अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों की मिलीभगत से बड़ी संख्या में अज्ञात स्रोत से प्राप्त धन और अन्य संपत्तियों को नए नोटों में बदलवाया। उसके मकान, दुकान और बैंक लॉकरों की तलाशी के दौरान आयकर विभाग ने एक करोड़ दो लाख रुपये से ज्यादा के नए नोट जब्त किये।

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