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राजकोट: गुजरात के राजकोट शहर में एक फायनेंसर की कार से करीब चार करोड़ रुपये मूल्य के 2000 के नकली नोट बरामद हुए है। वहीं पकड़े जाने के डर से करीब एक करोड़ 20 लाख रुपये के नकली नोट जला देने का मामला भी प्रकाश में आया है। इस फायनेंसर को कुछ समय पहले करीब 57 लाख के नकली नोट (सभी दो हजार के) की बरामदगी और एक स्थानीय कबाड़ व्यवसायी से 5० लाख की धोखाधड़ी करने के सिलसिले में पकड़ा गया था। पुलिस ने बताया कि एक स्थानीय कबाड़ व्यवसायी से जालसाजी कर 50 लाख रुपये एक अन्य खाते में हस्तांतरित करवाने वाले फायनेंसर केतन दवे और उसके साथी शैलेष पटेल समेत कुल छह लोगों को पहले ही पकड़ा जा चुका है। उसके ऑफिस से 57 लाख रुपये के दो-दो हजार के नकली नोट पहले बरामद किए गए थे। शुक्रवार शाम छानबीन के दौरान पुनीतनगर इलाके की एक रिहायशी कॉलोनी में खुले स्थान पर रखी उसकी गाडी से तीन करोड़ 62 लाख 22 हजार के दो-दो हजार के नकली नोट मिले। डिकी में रखे गये इन नोटों के बंडल के ऊपर और नीचे कुछ असली नोट भी थे जिनकी कुल कीमत करीब 8० हजार रुपये आंकी गयी है। समझा जाता है कि केतन नकली नोट बनाने के एक बड़े रैकेट से जुडा था। वह पुलिस के डर से एक करोड़ 20 लाख के नकली नोट जला चुका था।

गांधीनगर: गुजरात विधानसभा में किसानों की खुदकुशी का मुद्दा उठाने वाले कांग्रेस के सदस्यों और भाजपा के विधायकों ने दूसरे के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया और फिर हाथपाई भी हुयी जिसमें एक महिला मंत्री एवं एक विधायक को चोटें आईं। बाद में, मंत्रियों और भाजपा विधायकों पर कथित तौर पर हमला करने के लिए कांग्रेस के दो विधायकों को बजट सत्र की बाकी की अवधि के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया जिसके बाद विपक्षी कांग्रेस ने वॉक आउट कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष रमनलाल वोरा ने भाजपा विधायकों और मंत्रियों.. निर्मला वाधवानी और वल्लभ ककादिया पर हमला की कोशिश करने के आरोप में कांग्रेस विधायक परेश धनानी और बलदेवजी ठाकुर को निलंबित कर दिया। दोनों पार्टियों के बीच तकरार तब शुरू हुई जब अमरेली सीट से विधायक धनानी ने जानना चाहा कि पिछले दो सालों में जूनागढ़ और अमरेली जिले में कितने किसानों ने खुदकुशी की है। अपने जवाब में कृषि मंत्री चिमन सपारिया ने कहा कि उस दौरान ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। जवाब से असंतुष्ट धनानी मंत्री की कुर्सी के पास आ गए और आरोप लगाया कि वह झूठ बोल रहे हैं क्योंकि राज्य के गृह विभाग के आंकड़े बताते हैं कि उन जिलों में उस दौरान 400 से ज्यादा किसानों ने अपनी जान दी है। जब सपारिया और धनानी से बहस कर रहे थे तभी कलोल सीट से कांग्रेस विधायक ठाकुर मंत्री के पास आए और उनके हाथ से कागजात छीनने की कोशिश की जिस वजह से सर्जनों ने उन्हें घेर लिया।

वड़ोदरा: यहां एक निजी शैक्षणिक संस्थान में छात्रों के बीच हुये संघर्ष में नौ छात्र घायल हो गये। पुलिस उपनिरीक्षक अनिरद्ध सिंह कामलिया ने बताया कि घटना के सिलसिले में आज आठ विदेशी नागरिकों और तीन भारतीयों सहित 11 को लोगों को गिरफ्तार किया गया और धारा 307 (हत्या का प्रयास) सहित भादंसं से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने बताया कि कल देर रात यहां विश्वविद्यालय परिसर के छात्रावासों में रहने वाले भारतीय छात्रों और एक विदेशी देश के छात्रों के बीच तकरार से संघर्ष की शुरूआत हुयी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित एक अस्पताल में एक घायल छात्र को भर्ती कराया गया है। वाघोडिया शहर पुलिस देर रात घटनास्थल पर पहुंची और स्थिति पर काबू पा लिया।

अहमदाबाद: गुजरात के गांधीनगर की एक अदालत ने गोधरा कांड के बाद हुए दंगों से संबंधित एक मामले के सभी 28 आरोपियों को ठोस सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। जिन लोगों को अदालत ने बरी किया है उसमें कलोल नागरिक सहकारी बैंक के अध्यक्ष गोविंद पटेल भी शामिल हैं। सभी आरोपी पहले ही लंबे समय से जमानत पर हैं। गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगाए जाने की घटना के एक दिन बाद 28 फरवरी 2002 को गांधीनगर जिले के कलोल तालुका के पलियाड गांव में आगजनी, दंगा और अल्पसंख्यक समुदाय की संपत्ति को क्षति पहुंचाने का इन 28 लोगों पर आरोप था। संपत्ति को क्षति पहुंचाने के अलावा उस गांव के तकरीबन 250 लोगों की उग्र भीड़ पर हमले के दौरान पलियाड में एक दरगाह के कुछ हिस्से को भी क्षति पहुंचाने का आरोप था। उस उग्र भीड़ में पुलिस की प्राथमिकी में नामजद 28 आरोपी भी शामिल थे। 31 जनवरी को फैसला सुनाते हुए कलोल के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश बी डी पटेल ने गौर किया कि आरोपियों के खिलाफ पयार्प्त सबूत उपलब्ध नहीं है क्योंकि सभी प्रत्यक्षदर्शी यह कहते हुए मुकर गए कि वे आरोपी की पहचान करने में सक्षम नहीं हैं। इसके अलावा, इन प्रत्यक्षदर्शियों ने अदालत से कहा कि उन्हें किसी से भी फिलहाल कोई शिकायत नहीं है क्योंकि उनका आरोपियों से पहले ही समझौता हो चुका है। पहले दलील के दौरान बचाव पक्ष के वकील भावेश रावल ने अदालत को सूचित किया कि सौहार्द स्थापित करने के लिए समझौते के फार्मूला के तहत अल्पसंख्यक समुदाय को हुई क्षति के लिए आरोपियों ने पहले ही भुगतान कर दिया है।

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