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अहमदाबाद: गुजरात में नए बने प्रभारी अशोक गहलोत और कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल ने गुजरात आकर कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की, तब भी मामला तो पुराना ही रहा। शंकरसिंह वाघेला को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित करने की मांग से जुड़ी बात सार्वजनिक करने की वजह से गुरुदास कामत गए थे उसी मुद्दे पर फिर घोषित किया गया कि गुजरात में कोई मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं होगा। तमाम कोशिशों के बावजूद महत्वपूर्ण है कि लगातार राज्य में शंकरसिंह वाघेला को लेकर सोशल मीडिया पर उन्हें मुख्यमंत्री बनाने को लेकर अभियान चल ही रहे हैं। गुजरात कांग्रेस में सबसे बडे़ नेता अहेमत पटेल को भी सामने आकर खुलासा करना पड़ा कि तैयारियों में अलग-अलग मत आ रहे हैं जिसे लडाई नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शादी हो तो शंकरसिंह जी कहते हैं अगर यहां फूलदानी होनी चाहिए, भरत भाई कहते हैं नहीं यहां होनी चाहिए। ये कोइ मतभेद नहीं है, मुख्यमंत्री की लड़ाई नहीं है. ये चर्चा है किस तरह चुनाव जीता जाए। शंकरसिंह वाघेला ने खुद भी दोबारा कहा कि वे मुख्यमंत्री पद की रेस में नहीं हैं और चुनाव प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी की अध्यक्षता में ही लड़ा जायेगा। लेकिन इस बीच गुजरात के अलग-अलग शहरों में कुछ पोस्टर्स लगे हैं जिनमें लिखा है- चाहे कांग्रेस जीते या भाजपा मुख्यमंत्री वाघेला ही होंगे। गहलोत भी इन्हीं सवालों से जूझते दिखे।

अहमदाबाद: गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल के बेटे को सोमवार को ग्रीस रवाना होने वाले कतर एयरवेज के विमान में सवार होने से रोक दिया गया। अधिकारियों ने कहा कि उप-मुख्यमंत्री के बेटे जयमीन पटेल नशे की हालत में हवाईअड्डे पहुंचा और विमानन कंपनी के कर्मचारियों से उलझ गया। जयमीन अपनी पत्नी झलक और बेटी वैशवी के साथ तड़के 4.0 बजे के विमान से ग्रीस रवाना होने वाला था, लेकिन तीनों को विमान में सवार होने से रोक दिया गया। हवाईअड्डे के अधिकारियों ने बताया कि जयमीन जब अहमदाबाद हवाईअड्डे पर पहुंचा तो नशे की वजह से वह ठीक से चल भी नहीं पा रहा था। वह इतने नशे में था कि उन्हें आव्रजन काउंटर और अन्य जांच के लिए व्हीलचेयर में ले जाना पड़ा। अधिकारी ने कहा, "जयमीन पटेल को विमान में सवार होने से रोक दिया गया। उसने एयरलाइंस कर्मचारियों के साथ बहस भी की।" इसी बीच नितिन पटेल ने शाम में गांधीनगर में रिपोर्टर को बताया कि यह उनको बदनाम करने की साजिश है। "मेरा बेटा, उसकी पत्नी और पोती छूट्टियां मनाने जा रहे थे। उसकी तबियत ठीन नहीं थी।

मुंबई: बंबई हाई कोर्ट ने गुजरात में गोधरा कांड के बाद हुये बहुचर्चित बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में 12 लोगों की दोषसिद्धि और उम्रकैद की सजा आज (गुरूवार) बरकरार रखी और पुलिसकर्मियों एवं डॉक्टरों समेत सात लोगों को बरी करने का आदेश निरस्त कर दिया। अदालत ने सीबीआई की उस अपील को भी खारिज कर दिया, जिसमें तीन दोषियों के लिये मौत की सजा की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति वी के ताहिलरमानी अैर न्यायमूर्ति मृदुला भाटकर की खंडपीठ ने कहा, ‘‘11 दोषियों (एक दोषी मर चुका ह): की ओर से दोषसिद्धि के खिलाफ दायर याचिका को खारिज किया जाता है। दोषसिद्धि और सजा को बरकरार रखा जाता है।’’ अदालत ने कहा, ‘‘मामले में सात लोगों को बरी करने के खिलाफ अभियोजन पक्ष की ओर से दायर अपील को स्वीकार किया जाता है। इन्हें बरी करने का आदेश निरस्त किया जाता है।’’ पीठ ने कहा कि पांच पुलिसकर्मियों और दो डॉक्टरों समेत सात लोगों को भारतीय दंड संहिता की धारा 218 :अपने कर्तव्य का निवर्हन न करना: और धारा 201 :साक्ष्यों से छेड़छाड़: के तहत दोषी ठहराया जाता है। अदालत ने आज कहा, ‘‘इन सात लोगों द्वारा जेल में बिताई जा चुकी अवधि को हम उनकी सजा के तौर पर मान लेंगे लेकिन उनपर जुर्माना जरूर लगाया जाएगा।’’

सूरत: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को संकेत दिया कि उनकी सरकार एक ऐसा कानूनी ढांचा तैयार कर सकती है जिसके तहत डॉक्टरों को उपचार के संबंध में जेनेरिक दवा सुझाने होंगे जो ब्रांडेड दवाओं की तुलना में सस्ती होती हैं। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार 15 वर्ष के अंतराल के बाद स्वास्थ्य नीति लाई है और दवाओं एवं स्टेंट के मूल्य की सीमा तय की है जिससे कुछ दवा कंपनियों में नाराजगी देखी गई है। यहां एक धर्मार्थ अस्पताल के उद्घाटन के मौके पर उन्होंने अमीर लोगों से आगे आने और जरूरतमंद लोगों के स्वास्थ्य देखरेख की दिशा में योगदान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस देश को अकेले राजाओं और नेताओं ने नहीं बनाया है बल्कि जन शक्ति के कारण इसका निर्माण हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘डॉक्टर उपचार के दौरान इस तरह से पर्चे पर लिखते हैं कि गरीब लोग उनकी लिखावट को नहीं समझ पाते हैं और लोगों को निजी स्टोर से अधिक कीमत पर दवाएं खरीदनी पड़ती हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम एक ऐसा कानूनी ढांचा लायेंगे जिसके तहत अगर कोई डॉक्टर पर्चा लिखता है तब उन्हें ऐसे लिखना होगा कि मरीज जेनेरिक दवाएं खरीद सकें और उसे कोई अन्य दवा नहीं खरीदनी पड़े।’ मोदी ने कहा कि हमारे देश में डॉक्टर कम हैं, अस्पताल कम हैं और दवाएं महंगी हैं। अगर किसी मध्यम वर्ग का कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है, तब उसके परिवार की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो जाती है।

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