अहमदाबाद: अपने गृह राज्य से बाहर छह महीना समय बिताने के बाद पटेल कोटा आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल आज (मंगलवार) गुजरात लौट आए और राजस्थान की सीमा से सटे रतनपुर में उनके समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया। उदयपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) राजेंद्र प्रसाद ने बताया था कि 23 वर्षीय नेता अपने समर्थकों के साथ चार वाहनों में उदयपुर से गुजरात के लिए रवाना हुए और शांतिपूर्ण तरीके से गुजरात की सीमा में प्रवेश किया। उन्होंने बताया कि ऐहतियात के तौर पर थानाधिकारी के नेतृत्व में एक पुलिस दल भी गुजरात सीमा तक गया। आज दोपहर रतनपुर सीमा से अपने गृह राज्य में जैसे ही हार्दिक ने प्रवेश किया पटेल समुदाय के सैकड़ों नौजवानों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद वह पटेल समुदाय की एक रैली को संबोधित करने के लिए साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर शहर के लिए रवाना हो गए। उन्होंने बताया कि वहां पहुंचने पर हार्दिक ने अपने समुदाय के लिए न्याय पाने का संकल्प जताते हुए कहा, ‘‘महान नेताओं और शहीदों की इस धरा को मैं नमन करता हूं। मैं हमेशा अपने समुदाय के लोगों को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ता रहूंगा।’’ उनकी भविष्य की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘समय आने पर रणनीति अपनायी जाएगी, मैं इसका अभी खुलासा नहीं कर सकता।’’
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश पर पटेल आन्दोलन के अग्रणी नेता हार्दिक पटेल ने छह महीने का समय उदयपुर में बिताया।हार्दिक पटेल गत 14 जनवरी को देलवाड़ा थाने में विचाराधीन मामले में पुलिस के नोटिस पर पूछताछ के लिए देलवाड़ा थाने में पेश हुए थे। देलवाड़ा थाने में हार्दिक पटेल और दस अन्य लोगों के खिलाफ 21 जुलाई 2016 को नेगड़िया टोल नाके पर टोल शुल्क के सवाल पर कथित रूप से अभद्रता करने और धमकी देने का मामला दर्ज है। बता दें कि पटेल आरक्षण आंदोलन के दौरान दंगा भड़काने और भडकाऊ बयान देने को लेकर हार्दिक पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। हार्दिक को 9 महीने तक सूरत की लाजपोर जेल में बंद रहना पड़ा था। उसके बाद 15 जुलाई 2016 को जेल से जमानत पर रिहाई हुई थी।