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गांधीनगर: वाइब्रेंट गुजरात के 8वें ग्लोबल सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि अर्थव्यवस्था के तौर-तरीकों में बुनियादी बदलाव लाना हमारा सपना और उद्देश्य है। पीएम ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे अधिक डिजिटलीकृत अर्थव्यवस्था बनने की दहलीज पर खड़ा है। भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र में एफडीआई हासिल करने वाला एक प्रमुख देश है। सम्मलेन को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, 'भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था के इंजन के तौर पर देखा जा रहा है। प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच भारत अपनी ऊंची आर्थिक वृद्धि के साथ सबसे आकर्षक स्थल है। सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के प्रति प्रतिबद्ध है, कारोबार में सुगमता पर सबसे ज्यादा ध्यान दे रही है।' उन्होंने कहा, 'भारत को कारोबार के लिए सबसे आसान जगह बनाने के लिए नीतियों और प्रक्रियाओं को हम सरल बना रहे हैं। पिछले दो वित्त वर्ष में एफडीआई उससे पिछले के दो वर्षों की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक रहा, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत एफडीआई हासिल करने वाला एक प्रमुख देश है। इससे पहले पीएम ने आज गुजरात सरकार द्वारा आयोजित निवेश सम्मेलन में भाग लेने आए कई विदेशी राजनीतिज्ञों तथा उद्योग जगत के दिग्गजों के साथ बैठक की। इनमें रवांडा के राष्ट्रपति तथा सर्बिया के प्रधानमंत्री शामिल हैं। इन बैठकों का मकसद द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना तथा निवेश अवसरों को तलाशना है।

गांधीनगर: वाइब्रेंट समिट के लिए दो दिवसीय गुजरात यात्रा पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह अपनी मां हीराबा से मिलने के लिए अपना नियमित योग सत्र छोड़ दिया। हीराबा यहां रायसन गांव में रहती हैं। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट के जरिए बताया कि आज सुबह वह अपनी मां से मिलने के लिए गए और उन्होंने उनके साथ ही नाश्ता किया। विभिन्न देशों के प्रमुखों के साथ बैठकों में शिरकत करने के लिए महात्मा मंदिर रवाना होने से पहले मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘योग छोड़कर मां से मिलने के लिए गया। सुबह-सुबह उनके साथ नाश्ता किया। एकसाथ समय बिताकर अच्छा लगा।’’ 97 वर्षीय हीराबा मोदी के छोटे भाई पंकज मोदी के साथ गांधीनगर के पास रायसन गांव में रहती हैं। मोदी गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के आठवें सत्र में हिस्सा लेने के लिए यहां आए हुए हैं। उन्होंने कल गांधीनगर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की परियोजना, वाइब्रेंट गुजरात ट्रेड शो, जीआईएफटी सिटी में अंतरराष्ट्रीय आदान-प्रदान और अहमदाबार स्थित साइंस सिटी में नोबल पुरस्कार प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

अहमदाबाद: जूनागढ़ के किसान पिछले 20 दिन से सोमनाथ से शुरू हुई किसान वेदना यात्रा में 450 किलोमीटर पैदल चले हैं। किसानों की राज्य में बदहाली को लेकर विविध मांगों को लेकर गांधीनगर तक यह यात्रा निकाली गई। किसान नोटबंदी से भी बेहद परेशान हैं। उन्होंने कपास और फलों की खेती की थी लेकिन उसका पैसा नहीं मिला तो नई सीजन की बुवाई पर असर पड़ा है। 14 दिसम्बर से सोमनाथ से शुरू हुई यात्रा सोमवार को गांधीनगर पहुंची। किसान और आदिवासी अपनी मांगों को लेकर 20 दिन तक पदयात्रा करते हुए गांधीनगर पहुंचे। वे रास्ते में रुककर नाचगान करके आपस में उत्साह भी बढ़ाते रहे। उनकी मुख्य मांगें हैं कि यूपीए सरकार द्वारा पास किए गए जमीन संपादन एक्ट में बदलाव करके राज्य सरकार ने किसानों को धोखा दिया है। स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन में भी किसानों की अनदेखी की गई है। साथ में नोटबंदी की वजह से बड़ा नुकसान हुआ है तो किसानों को विशेष पैकेज दिया जाए। इसी को लेकर गुजरात किसान समाज ने पदयात्रा की और आगे भी आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी। सोमवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हो पाई लेकिन आवेदन-पत्र जिला अधिकारी ने लिया है। मुख्यमंत्री से मुलाकात करवाने का वादा भी किया है।

अहमदाबाद: गुजरात के मोरबी जिले के कोटदा नयनी गांव में एक चौंकाने वाली घटना में 15 साल की एक लड़की को नवंबर में एक किशोर ने कथित तौर पर अगवा किया और खेत में खोदे गए एक गड्ढे में तीन सप्ताह से अधिक समय तक बंधक बनाकर रखा और इस दौरान उसके साथ बार-बार बलात्कार किया गया। लड़की को इस महीने की शुरुआत में छुड़ाया गया। वांकानेर तालुका पुलिस थाने के एक अधिकारी के मुताबिक, 19 वर्षीय नरेश सोलंकी के खिलाफ बलात्कार, अपहरण और बंधक बनाकर रखने का मामला दर्ज किया गया है, जबकि उसके परिवार के सात अन्य सदस्यों पर अपहरण और बंधक बनाकर रखने का मामला दर्ज किया गया है। इस अपराध का मकसद कथित तौर पर जबरन शादी कराना था। आरोपी का परिवार चाहता था कि उस लड़की का परिवार नरेश से उसकी शादी कर दे, क्योंकि दोनों ही एक ही 'देवीपूजक' जाति से है। जब लड़की के परिवार ने इस शादी से मना कर दिया तो उन्होंने इस लड़की का अपहरण करने की योजना बनाई। उन्होंने कहा कि 11 नवंबर को लड़की का अपहरण किया गया और इस गांव से करीब दो किलोमीटर दूर एक खेत में उसे ले जाया गया। उसे 8 फुट लंबे और 8 फुट चौड़े गड्ढे में रहने के लिए बाध्य किया गया। लड़की पर किसी का नजर नहीं पड़े इसलिए उस गड्ढे को लकड़ी के तख्ते से ढका गया।

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