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अहमदाबाद: जूनागढ़ के किसान पिछले 20 दिन से सोमनाथ से शुरू हुई किसान वेदना यात्रा में 450 किलोमीटर पैदल चले हैं। किसानों की राज्य में बदहाली को लेकर विविध मांगों को लेकर गांधीनगर तक यह यात्रा निकाली गई। किसान नोटबंदी से भी बेहद परेशान हैं। उन्होंने कपास और फलों की खेती की थी लेकिन उसका पैसा नहीं मिला तो नई सीजन की बुवाई पर असर पड़ा है। 14 दिसम्बर से सोमनाथ से शुरू हुई यात्रा सोमवार को गांधीनगर पहुंची। किसान और आदिवासी अपनी मांगों को लेकर 20 दिन तक पदयात्रा करते हुए गांधीनगर पहुंचे। वे रास्ते में रुककर नाचगान करके आपस में उत्साह भी बढ़ाते रहे। उनकी मुख्य मांगें हैं कि यूपीए सरकार द्वारा पास किए गए जमीन संपादन एक्ट में बदलाव करके राज्य सरकार ने किसानों को धोखा दिया है। स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन में भी किसानों की अनदेखी की गई है। साथ में नोटबंदी की वजह से बड़ा नुकसान हुआ है तो किसानों को विशेष पैकेज दिया जाए। इसी को लेकर गुजरात किसान समाज ने पदयात्रा की और आगे भी आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी। सोमवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हो पाई लेकिन आवेदन-पत्र जिला अधिकारी ने लिया है। मुख्यमंत्री से मुलाकात करवाने का वादा भी किया है।

गुजरात में यह चुनाव का साल है ऐसे में अलग-अलग मुद्दों पर किसानों की नाराजगी राज्य सरकार के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।

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