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वाशिंगटन: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (7 अप्रैल,2025) को मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा की भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। अमेरिकी कोर्ट के इस फैसले से तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने का रास्ता साफ हो गया है।

पाकिस्तानी मूल का 64 वर्षीय कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा वर्तमान में लॉस एंजिलिस के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है। उसने 27 फरवरी को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की एसोसिएट जस्टिस और नौवें सर्किट की सर्किट जस्टिस एलेना कागन के समक्ष बदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के लंबित मुकदमे पर रोक लगाने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था।

पिछले महीने की शुरुआत में कागन ने आवेदन अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद राणा ने अपने इस आवेदन को नवीनीकृत किया और अनुरोध किया कि नवीनीकृत आवेदन प्रधान न्यायाधीश रॉबर्ट्स को भेजा जाए। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर पोस्ट एक आदेश में कहा गया है कि राणा के नवीनीकृत आवेदन को चार अप्रैल 2025 की बैठक के लिए सूचीबद्ध किया गया था।

तहव्वुर ने भारत पर लगाए कई आरोप

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर सोमवार को एक नोटिस में कहा गया, 'अदालत ने आवेदन अस्वीकार कर दिया है।” मुंबई हमलों के आरोपी ने अपनी याचिका में भारत पर भी कई आरोप लगाए थे। उसने ह्यूमन राइट्स वॉच 2023 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि भारत की बीजेपी सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों विशेष रूप से मुस्लिमों के साथ भेदभाव करती है और वो लगातार तानाशाह होती जा रही है।

तहव्वुर राणा ने अपनी याचिका में कहा, "मुझे भारत को सौंपा गया तो पाकिस्तानी मूल का मुस्लिम होने की वजह से वहां प्रताड़ित किया जाएगा। पिछले महीन डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने तहव्वुर राणा को भारत को प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी। ट्रंप ने जब ये घोषणा की थी, उस समय पीएम मोदी अमेरिका दौरे पर थे।

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