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अहमदाबाद: वर्ष 2002 में हुए नरोदा पाटिया नरसंहार मामले की सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत ने पूर्व भाजपा विधायक माया कोडनानी की उस याचिका को बुधवार को यहां मंजूरी दे दी जिसमें उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और 13 अन्य को बचाव पक्ष के गवाहों के तौर पर बुलाने की अनुमति मांगी है ताकि यह साबित किया जा सके कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं थीं। न्यायाधीश पी बी देसाई ने कहा कि इन गवाहों को ‘सुनवाई के उचित एवं प्रासंगिक चरणों’ पर समन जारी किए जाने चाहिए। न्यायाधीश ने यह भी कहा कि ‘यदि कुछ गवाहों की गवाही के दोहराए जाने की संभावना हो तो बाद के चरण में उन्हें नहीं बुलाने का भी विकल्प है लेकिन (अभियोजन पक्ष द्वारा) कोई आपत्ति नहीं जताए जाने पर और बचाव पक्ष के गवाहों से पूछताछ करने के आरोपी के अधिकारी को पहचानते हुए, मेरा मानना है कि गवाहों की इस संख्या से पूछताछ किया जाना न तो अनुचित है और न ही असंगत।’

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात की निचली अदालत से आसाराम के खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न मामले में अभियोजन पक्ष की गवाही तेजी से दर्ज करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात कोर्ट इस मामले में बुधवार को कहा है कि वह तय समय सीमा में सुनवाई कर जल्द मामले की निपटरा करे। गौरतलब है कि 12 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और उनके द्वारा दायर किए गए मेडिकल रिपोर्ट पर सवाल भी उठाए। कोर्ट ने आसाराम द्वारा स्वास्थ्य संबंधित फर्जी कागजात दायर कराने मामले पर एक नई एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिए साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। उल्लेखनीय है कि बलात्कार और यौन शोषण के आरोप में जेल में बंद आसाराम ने गुजरात और राजस्थान में चल रहे मामलों में जमानत की मांग की थी। हालांकि दोनों मामलों के कुछ गवाहों ने भी खुद पर खतरा बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई। आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 में गिरफ्तार किया था और तभी से वह जेल में है।

अहमदाबाद: इस साल के अंत में होने जा रहे गुजरात विधानसभा चुनाव भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने यह जानकारी दी, जिनका मानना है कि मोदी के गृहराज्य में होने जा रहा चुनाव ‘प्रतिष्ठा का सवाल’ है। पार्टी राज्य विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन का जोखिम नहीं उठा सकती है क्योंकि मोदी की देशभर में लोकप्रियता का आधार ही ‘गुजरात का विकास मॉडल’ है और इसी के चलते देश के मतदाताओं ने उन्हें वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री के पद पर बैठाया है। मोदी के प्रधानमंत्री बनने और उनके करीबी अमित शाह के पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के चलते राज्य में भाजपा के पास कोई ऐसा जननेता नहीं रह गया है जो गुजरात फतह के अभियान का नेतृत्व कर सके। राज्य में हाल में पार्टी को पटेल आरक्षण आंदोलन, उना में दलितों की पिटाई का मामला और लगातार तीन वर्षों तक बरसात की कमी के चलते कृषि संबंधी संकट जैसे कई उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ा। गुजरात में भाजपा बीते 22 वर्षों से सत्ता में काबिज है ऐसे में उसे सत्ता विरोधी लहर का भी सामना करना पड़ सकता है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे लिए राष्ट्रीय चेहरा हैं. 2017 विधानसभा चुनाव में पार्टी उनके बल पर ही चुनाव में उतरेगी।’ मोदी और शाह के बाद अब राज्य स्तर का कोई जननेता ऐसा नहीं है जो भाजपा को विजय रथ पर सवार करवा सके।

अहमदाबाद: कांग्रेस के सहयोगी माने जाने वाले जदयू और एनसीपी ने शुक्रवार को एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके एलान किया कि गुजरात में वे गठबंधन करके चुनाव लड़ेंगे। साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस को अगर इस गठबंधन का हिस्सा बनना होगा तो उसे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। जदयू के केसी त्यागी ने स्पष्ट संकेत देते हुए कहा कि जदयू ने बिहार में बड़ा दिल दिखाया था। वैसा ही बड़ा दिल गुजरात में कांग्रेस को दिखाना होगा। उन्होंने कहा कि बिहार में कांग्रेस पार्टी के पास पांच विधायक थे। जदयू ने फिर भी कांग्रेस को 40 विधानसभा की सीट दीं और आज उनकी संख्या 28 है। ऐसा बड़ा दिल भी दिखाना पड़ता है बड़े गठबंधन के लिए। गुजरात में एनसीपी पहले से ज्यादा सीटों पर लड़ने की तैयारी करती नजर आ रही है। गुजरात में मौजूदा विधानसभा में एनसीपी के दो विधायक हैं और जदयू का एक विधायक है। एनसीपी ने कहा कि कांग्रेस गठबंधन में अब तक बेईमानी करती रही है। ऐसे में वे गठबंधन के बिना भी लड़ने को तैयार हैं। एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि 2012 के विधानसभा चुनावों में एनसीपी केवल नौ सीटों पर मान गई थी जबकि उस समय भी उनकी हैसियत नौ से ज्यादा सीटों की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि नौ सीटें देने के बाद भी आखिरी दिन कांग्रेस ने उन सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए और उन्हें मेंडेट भी दे दिए। इस बार वे इसलिए स्पष्ट और बड़ा हिस्सा चाहते हैं।

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