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अहमदाबाद: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव का प्रचार अभियान पीएम नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात से करेंगे। राहुल गुजरात में जल्द चुनावी अभियान का आगाज करेंगे। गुजरात में 77 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। राहुल गांधी का यह अभियान 11 और 15 जुलाई को राज्य के दौरे के साथ ही शुरू हो जाएगा। राहुल गांधी ने पिछले साल 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य में काफी यात्राएं की थीं और चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन में सुधार के साथ 77 सीटें हासिल होने का श्रेय उनकी इन्हीं यात्राओं को दिया गया था।

कांग्रेस को 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में 2012 में सिर्फ 54 सीटें मिली थींं। जो 2017 में बढ़कर 77 सीटें हो गईं। गुजरात विधानसभा चुनाव अभियान के दौरान उन्होंने सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और उसके नेतृत्व पर निशाना साधने में आक्रमक रवैया अपनाया था। राहुल गांधी सूबे के सबसे पिछड़े क्षेत्र सौराष्ट्र के जूनागढ़, राजकोट और भावनगर जिलों के दौरों से 2019 के लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंकेंगे। आपको बता दें कि सौराष्ट्र में गुजरात के अस्तित्व में आने के साथ से आरएसएस की पकड़ मजबूत रही है। इन इलाकों में कांग्रेस ने दो दशक बाद बेहतर प्रदर्शन किया और पिछले विधानसभा चुनाव में ज्यादातर सीटें कांग्रेस को इन्हीं इलाकों में मिलीं।

अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में लोगों की भीड़ ने एक 45 वर्षीय महिला भिखारी को पीट पीटकर मार डाला। भीड़ को शक था कि यह महिला बच्चों की चोरी करती है। पुलिस ने बताया कि शांता देवी नाम की महिला तीन और महिलाओं के साथ भीख मांगने के लिए निकली थीं। तभी वहां मौजूद लोगों के बीच यह अफवाह फैली कि ये महिलाएं बच्चों की चोरी करती हैं। इसके बाद पांच छह लोगों ने उस पर हमला कर दिया. कुछ ही देर में वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई। कुछ लोगों ने महिलाओं के बाल खींचे और उन्हें डंडों से जमकर पीटा। पुलिस ने महिलाओं को सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां शांता देवी की मौत हो गई।

पुलिस अधिकारी जेए राठवा ने कहा कि घटना मंगलवार शाम को अहमदाबाद के वाडज इलाके में हुई। सबसे पहले, आधे दर्जन लोगों ने महिलाओं को घेर लिया और उससे पूछताछ शुरू कर दी थी। जल्द ही भीड़ ने शांता देवी और उसकी साथी को रिक्शा से बाहर खींच लिया। भीड़ में लोगों ने चार महिलाओं को लातों से मारा जिसके परिणामस्वरूप शांता देवी को गंभीर चोट लगी, जबकि अन्य तीन को मामूली चोटें आई हैं। अंततः महिलाओं को स्थानीय यातायात पुलिसकर्मियों द्वारा बचाया गया और अस्पताल ले जाया गया लेकिन 45 वर्षीय शांता देवी को मृत घोषित कर दिया गया।

अहमदाबाद: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए कहा कि “जो लोग 30,000 रुपये का पिज्जा खाते हैं उन्हें 12,000 रुपये की नौकरी नहीं दिखाई पड़ती है।”

स्पष्ट तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, “मैं उन लोगों को दिखाना चाहता हूं कि एक नौकरी कैसे पैदा की जाती है। जिन लोगों ने गरीबी नहीं देखी और इसके बारे में जानने के लिए रात के अंधेरे में कलावती के घर जाते हैं। वह कहते हैं कि रोजगार नहीं है।” सिंह ने कहा, ‘‘हमने चार करोड़ लोगों को नौकरी दी. यह अलग बात है कि उनमें से 70 प्रतिशत नौकरियां 12,000 प्रति माह से कम वेतन वाली थीं।”

अहमदाबाद: गुजरात में 16 साल पहले हुए सबसे बड़े नरसंहार नरोदा पाटिया मामले में तीन आरोपियों पर फैसला सुना दिया है। हाई कोर्ट ने तीन दोषियों को 10 साल तक के लिए कठोर कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने तीनों आरोपियों पीजे राजपूत, राजकुमार चौमल और उमेश भरवाद को जेल के अलावे एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। बता दें कि इससे पहले 2012 में एसआईटी की विशेष अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया था और तीनों आरोपियों समेत 29 को बरी कर दिया था। हालांकि बाद में हाई कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें तीनों आरोपियों को दोषी पाया गया और अन्य 29 को बरी कर दिया गया। बता दें कि हाईकोर्ट ने मामले के दोषी भाजपा नेता माया कोडनानी को बरी कर दिया था। वहीं बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी को दोषी करार देते हुए 21 साल की सजा दी थी।

क्या है नरोदा पाटिया दंगा मामला

नरोदा पाटिया नरसंहार देश के सबसे बड़ी घटनाओं में गिना जाता है। करीब 16 साल पहले 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद के नरोदा पाटिया इलाके में कुछ असमाजिक लोगों ने इस नरसंहार को अंजाम दिया था।

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