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अहमदाबाद: गुजरात में एक विशेष सीबीआई अदालत ने आज यहां पूर्व पुलिस अधिकारी डी.जी. वंजारा और एन.के. अमीन की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने इशरत जहां और तीन अन्य के कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में खुद को आरोपमुक्त किए जाने का अनुरोध किया था। विशेष न्यायाधीश जे के पांडया ने वंजारा और अमीन की याचिका खारिज कर दी। अदालत ने पिछले महीने दोनों आरोपी सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों, सीबीआई और इशरत जहां की मां शमीमा कौसर की दलीलों पर सुनवाई पूरी की थी।

कौसर ने वंजारा की आरोप मुक्त किए जाने की याचिका को चुनौती दी थी। वंजारा गुजरात के पूर्व पुलिस उपमहानिरीक्षक रह चुके हैं। उन्होंने इस मामले में राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक पी.पी. पांडेय की तर्ज पर समानता के आधार का हवाला देते हुए आरोप मुक्त करने का अनुरोध किया था। पांडेय को साक्ष्यों के अभाव में इस साल फरवरी में मामले में आरोप मुक्त कर दिया गया था। पुलिस अधीक्षक पद से सेवानिवृत्त हुए अमीन ने इस आधार पर आरोपमुक्त किए जाने की मांग की थी कि मुठभेड़ असली थी और मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा पेश किये गए गवाहों के बयान विश्वसनीय नहीं हैं।

अहमदाबाद: गुजरात के बोटाद जिले के एक गांव की कुछ दलित महिलाओं ने आरोप लगाया है कि ग्रामीणों ने उन्हें भगवान शिव के एक मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया। स्थानीय पुलिस ने बताया कि हालांकि जिले में आमतौर पर इस नवनिर्मित मंदिर में महिलाओं को जाने की अनुमति नहीं है। मंदिर अहमदाबाद से करीब 160 किलोमीटर दूर है। अधिकारी ने बताया कि घटना शनिवार को उस वक्त की है जब कुछ दलित महिलाएं श्रावण माह के अवसर पर मंदिर में पूजा करने के लिये गयी थीं।

भगवान शिव के भक्त श्रावण माह को बहुत शुभ मानते हैं। ये महिलाएं श्रद्धालुओं के एक समूह का हिस्सा थीं। उन्होंने कहा कि हमें मंदिर में इसलिए जाने से रोका गया क्योंकि हमलोग दलित हैं। हालांकि रानपुर पुलिस के सब इंस्पेक्टर एस एन रमानी ने कहा कि ग्रामीणों ने महिलाओं की जाति पर ध्यान दिये बगैर उन्हें मंदिर के अंदर प्रवेश करने से रोका था। उन्होंने कहा कि महिलाएं केवल बाहर से ही पूजा कर सकती हैं, वे मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं कर सकतीं।

नई दिल्ली: पाटीदार अनामत आंदोलन के दौरान विसनगर विधानसभा सीट से विधायक ऋषिकेश पटेल के ऑफिस में तोड़फोड़ करने के मामले में कोर्ट ने हार्दिक पटेल और लाल जी पटेल को दोषी करार दिया था। अदालत ने दोनों को दो साल की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों आरोपियों को आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 427 और 435 के तहत दोषी करार दिया था। अदालत ने दोनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने फैसले में कहा है कि दोनों से ली गई एक लाख रुपये की जुर्माना राशि को विधायक को मुआवजा के तौर पर दी जाएगी। आपको बता दें कि मेहसाणा के विसनगर में साल 2015 में हुए पाटीदार आंदोलन के दौरान हार्दिक पटेल और 16 अन्‍य के नेतृत्व में 500 लोगों ने भाजपा विधायक के दफ्तर पर हमला किया गया था। हार्दिक पटेल और उनके सहयोगियों को अदालत ने वर्ष 2015 के विसनगर दंगा मामले में जमानत दे दी है।

कोर्ट का यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब 25 अगस्‍त से हार्दिक पटेल सरकारी नौकरियों और शिक्षा में अपने समुदाय के सदस्यों को आरक्षण की मांग पर जोर देने के लिए वह 25 अगस्त से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आमरण अनशन उनकी अंतिम जंग होगी।

सूरत: गुजरात भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष जयंती भानुशाली पर लगे बलात्कार के आरोप के बाद उनका एक सेक्स वीडियो सामने आया है जो बहुत तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस सेक्स वीडियो में भानुशाली का चेहरा साफ-साफ देखा जा सकता है लेकिन इसमें लड़की का चेहरा छिपा हुआ है। इस वीडियो के आने के बाद पुलिस ने रेप और ब्लैकमेलिंग के आरोप में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। मामला गुजरात का है जहां सूरत की रहने वाली एक युवती ने गुजरात भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष जंयती भानुशाली पर बलात्कार का आरोप लगाया है।

युवती का आरोप है कि भाजपा नेता ने उसे एक नामी कॉलेज में प्रवेश दिलाने का वादा कर उसके साथ बलात्कार किया था और उन्होंने इस पूरी वारदात का वीडियो भी बनाया था। जिसके बाद उस वीडियो के आधार पर भाजपा नेता ने युवती को ब्लैकमेल करना शुरु कर दिया था। पुलिस को दिए बयान में पीड़िता ने कहा, नवंबर 2017 में जयंती भानुशाली ने उसे अहमदाबाद बुलाया था। जिसके बाद वहां से उसे कार में गांधीनगर ले जाया गया और एक सुनसान जगह पर गाड़ी रोककर उसके साथ बलात्कार किया था।

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